अलविदा 2017: कारोबार जगत के ये 4 बड़े विवाद चर्चा में रहे

Saturday, Dec 30, 2017 - 11:34 AM (IST)

नई दिल्लीः साल 2017 में कारोबार जगत में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। बोर्डरुम और कॉर्पोरेट विवादों के चलते कुछ को इस्तीफा देना पड़ा तो कुछ को कारोबार से ही हाथ धोना पड़ा। 2017 में कॉर्पोरेट इंडिया में इंफोसिस, टाटा संस और मैक्डॉनल्ड से जड़े विवाद बड़े चर्चा में रहे। आइए जानते हैं आखिर इन कंपनियों मे हुआ क्या था।

टाटा संस को मिला नया लीडर
देश की सबसे जानी-मानी कंपनी टाटा संस में अक्टूबर 2016 में चेयरमैन सायरस मिस्त्री की विदाई से विवाद शुरू हुआ। चेयरमैन रतन टाटा को सायरस मिस्त्री का काम पसंद नहीं आया इसके चलते उनको कंपनी से जाना पड़ा। इसके बाद सवाल ये उठा कि आखिर कौन टाटा ग्रुप को संभालेगा। इसका जवाब जनवरी 2017 में मिला। आईटी कंपनी टीसीएस को नए मुकाम पर पहुंचाने वाले एन चंद्रशेखरन को पूरे टाटा ग्रुप की कमान सौंपी गई। इसी बीच रतन टाटा और सायरस मिस्त्री के बीच अलग-अलग फोरम पर कानूनी लड़ाई जारी है।

इंफोसिस में सिक्का की विदाई 
साल 2017 में आईटी कंपनी इंफोसिस भी विवादों में रही। कॉर्पोरेट गवर्नेंस के नियमों की अनदेखी, मैनेजमेंट के पूर्व कर्मचारियों को ज्यादा सैलरी और पनाया अधिग्रहण पर ज्यादा खर्च के कारण इंफोसिस संस्थापक नारायण मूर्ति के निशाने पर आ गई। बाद में उनके सुर में दूसरे संस्थापकों ने भी सुर मिला दिया। हालांकि कंपनी इन आरोपों को नकारती रही लेकिन इस पूरे विवाद से इंफोसिस के पहले बाहरी सीईओ विशाल सिक्का की नौकरी चली गई। 18 अगस्त 2017 में विशाल सिक्का ने इंफोसिस से इस्तीफा दे दिया। इसके 6 दिन बाद ही इंफोसिस के सह-संस्थापक निलेकणि को नॉन एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर और चेयरमैन बनाया गया। इस कदम के बाद चेयरमैन आर शेषासाई और को चेयरमैन रवि वेकंटेशन को इस्तीफा देना पड़ा।

बर्गर में बरपा कहर
भारत में मैक्डॉनल्ड रेस्टोरेंट चेन को कनाट प्लाजा रेस्टोरेंट लिमिटेड (सीआरपीएल) चलाती है। ये कंपनी विक्रम बक्शी और मैक्डॉनल्ड इंडिया के बीच ज्वाइंट वेंचर है। 21 अगस्त को मैक्डॉनल्ड इंडिया सीआरपील के साथ फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट तोड़ लिया और बक्षी को कंपनी के नाम, ट्रेडमार्क, डिजाइन और ब्रांडिंग को उपयोग न करने का नोटिस दे दिया। इसके चलते उत्तर भारत के 169 रेस्टोरेंट बंद होने के कगार पर आ गए। दोनों के बीच एनसीएलटी में विवाद जारी है।

स्नैपडील की बिक्री का विवाद
स्नैपडील में हिस्सा बेचने को लेकर सॉफ्टबैंक, कालारी कैपिटल और नैक्सस वैंचर्स पार्टनर के बीच विवाद हुआ। सॉफ्टबैंक स्नैपडील को फ्लिपकार्ट को बेचना चाहती थी। दोनों के बीच करार भी हुआ लेकिन आखिर में डील टूट गई। स्नैपडील के बोर्ड में सॉफ्टबैंक के पास 2 सीट है।

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