हेरफेर करने वाली 393 कंपनियां CBI की गिरफ्त में

Sunday, May 07, 2017 - 06:28 PM (IST)

नई दिल्लीः सी.बी.आई. ने मुखौटा कंपनियों के खिलाफ अपनी जांच के दौरान बीते तीन साल में 393 मुखौटा कंपनियों का पता लगाया है जिनके जरिए कथित तौर पर 2900 करोड़ रुपए की बड़ी राशि को इधर उधर किया गया। सी.बी.आई. सूत्रों का कहना है कि इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल कर चोरी व कालाधन सृजित करने के उद्देश्य से धन के हेरफेर के लिए किया जाता है, इसके साथ ही इनके जरिए करों की पनाहगाह कहे जाने वाले देशों को धन भेजकर उसे विदेशी निवेश के रूप में वापस लाने के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है।

सूत्रों ने बताया कि सी.बी.आई. के उक्त निष्कर्ष केवल इशारा भर हैं क्योंकि ये केवल उन मामलों से जुड़े हैं जिनमें सेबी धन के हेरफेर के कानूनी साक्ष्य पाने में सक्षम रही है। सी.बी.आई. ने 28 सार्वजनिक बैंकों व एक निजी बैंक से जुड़े विभिन्न रिण धोखाधड़ी मामलों की जांच के दौरान धन के हेरफेर की उक्त गतिविधियों को पकड़ा, इसके साथ ही एजेंसी कम से कम 30,000 कोड़ रुपए के धन से जुड़े लगभग 200 मामलों की जांच कर रह रही है। सी.बी.आई .इन कंपनियों के खिलाफ भ्रष्टाचार व अन्य  अपराधों के लिए मामले चला रही है। 
एजेंसी के आरोप पत्र व एफआईआर के आंकड़ों के अनुसार समूह ने 3000 करोड़ रुपए का घपला किया। सी.बी.आई. का कहना है कि उसने नोएडा, मुंबई, कोलकाता व अन्य जगहों पर डिजिटल स्टूडियो स्थापित करने के लिए बैंक लोन लिए और उसके हेरफेर के लिए 98 से अधिक मुखाटा कंपनियों का इस्तेमाल किया।
 

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