कर्ज पर बंदिश से 3 सरकारी बैंकों को मिलेगी आजादी!

Thursday, Dec 06, 2018 - 11:52 AM (IST)

मुम्बई: केन्द्रीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) इसी हफ्ते इस बात पर विचार करेगा कि कर्ज देकर फंस चुके कमजोर बैंकों को नए सिरे से ऋण बांटने की इजाजत दी जाए या नहीं। इन सरकारी बैंकों को आर.बी.आई. ने प्रॉम्प्ट करैक्टिव एक्शन (पी.सी.ए.) के दायरे में ला दिया था। इस तरह आर.बी.आई. ने तय किया था कि जब तक इन बैंकों की हालत नहीं सुधरती, तब तक यह कोई बड़ा नया कर्ज नहीं दे सकेंगे। अब आर.बी.आई. यह विचार करने जा रहा है कि इस बंदिश में कुछ ढील दी जाए या नहीं। आर.बी.आई. का वित्तीय निगरानी बोर्ड (बोर्ड फॉर फाइनैंशियल सुपरविजन बी.एफ.एस.) 6 दिसम्बर को बैठक करेगा।

कुछ दिन पहले तय किए गए बी.एफ.एस. के एजैंडा के मुताबिक इस मीटिंग में पी.सी.ए. फ्रेमवर्क में डाले गए 11 बैंकों की ताजा माली हालत का जायजा लिया जाएगा ताकि कर्ज देने की छूट के मसले पर निर्णय किया जा सके। बी.एफ.एस. के सदस्य अपनी सलाह आर.बी.आई. के मुख्य बोर्ड को देंगे, जो अंतिम निर्णय करेगा। पिछले दिनों आर.बी.आई. और सरकार के बीच सार्वजनिक तौर पर तनातनी दिखी थी। बाद में दोनों के बीच कुछ मामलों पर सहमति बनी। इसमें पी.सी.ए. पर दोबारा नजर डालने का निर्णय भी शामिल था।

मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया कि पी.सी.ए. में डाले गए 3 बैंकों में कुछ सुधार हुआ है। बोर्ड को तय करना है कि पी.सी.ए. को किस तरह चरणबद्ध ढंग से हटाया जा सकता है, ये तीनों बैंक अगले 6 महीनों में क्या कर सकते हैं और इस मामले में केन्द्र और आर.बी.आई. की क्या भूमिका होगी। इन बैंकों को रखा गया है पी.सी.ए. में पी.सी.ए. फ्रेमवर्क के तहत देना बैंक, सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, आई.डी.बी.आई. बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, इंडियन ओवरसीज बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को रखा गया है।
 

Isha

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