कैश सैगमैंट के 25 प्रतिशत ब्रोकर शेयर बाजार से बाहर

Friday, Jul 26, 2019 - 12:17 PM (IST)

नई दिल्लीः शेयर बाजार में पिछले एक साल से चल रहे उतार-चढ़ाव और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के कठिन कम्पलायंस नियमों के चलते कैश सैगमैंट के 25 प्रतिशत ब्र्रोकर शेयर बाजार से बाहर हो गए हैं। ब्रोकरों के मैम्बरशिप सरैंडर करने का एक बड़ा कारण ब्रोक्रेज फर्मों में चल रही प्रतिस्पर्धा भी है। बड़े ब्रोक्रेज हाऊस निवेशकों को डिस्काऊंट दे रहे हैं जिसके कारण छोटे ब्रोकरों को धंधा छोडऩा पड़ रहा है।

सेबी के डाटा के मुताबिक मई 2018 के बाद 12 महीनों में 700 से ज्यादा ब्रोकर कैश सैगमैंट से बाहर हो गए हैं। इस दौरान कॉर्पोरेट ब्रोकर्स और इक्विटी डैरीवेटिव सैगमैंट की संख्या में भी कमी आई है। पिछले 12 महीनों में कैश मार्कीट ब्रोकर्स की संख्या 3,028 से कम होकर 2,253 रह गई है जबकि कॉर्पोरेट ब्रोकर की संख्या 2,641 से कम होकर 1,954 व इक्विटी डैरीवेटिव सैगमैंट में ब्रोकर की संख्या 2,569 से कम होकर 2,429 रह गई है। आंकड़ों के मुताबिक कैश सैगमैंट में ब्रोकर की संख्या 25 प्रतिशत कम हो गई है।

ब्रोक्रेज पर डिस्काऊंट से भी मुश्किल हुआ धंधा 
कुछ ब्रोके्रज हाऊस अच्छे-खासे डिस्काऊंट दे रहे हैं, जिसके चलते पारम्परिक ब्रोकर को धंधा करना मुश्किल हो रहा है। कैश मार्कीट शेयर बाजार में लिस्टेड कम्पनियों के शेयरों की खरीद-फरोख्त का काम करती है जबकि डैरीवेटिव सैगमैंट के जरिए वायदा के सौदे निपटाए जाते हैं। डैरीवेटिव सैगमैंट के जरिए ही शेयर बाजार का काम होता है। वित्त वर्ष 2005 से लेकर 2017 तक कैश मार्कीट के टर्नओवर की कम्पाऊंड एनुअल ग्रोथ रेट (सी.ए.जी.आर.) 11.39 प्रतिशत रही जबकि डैरीवेटिव में सी.ए.जी.आर. 35.10 प्रतिशत रही।

Supreet Kaur

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