मुकेश अंबानी की JIO के कारण तबाह हुए अनिल अंबानी, बडे भाई की एक न पड़ी भारी
punjabkesari.in Wednesday, Feb 13, 2019 - 03:26 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के भाई को लगातार कई बुरी स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मुकेश अंबानी साल-दर-साल और अमीर होते जा रहे हैं। अनिल अंबानी पर स्वीडन की टेलीकॉम कंपनी Ericsson का 550 करोड़ रुपए बकाया हैं, जिसके चलते कंपनी ने उनपर मुकदमा दायर किया है। इसी मामले के सिलसिले में मंगलवार को अनिल अंबानी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी के असेट्स अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी की Reliance Jio को 23,000 करोड़ रुपए में बेचने की डील फेल हो गई है। ऐसे में इस बात की उम्मीद भी खत्म होती नजर आ रही है कि उनकी कंपनी संकट से उबर पाएगी। दूरसंचार क्षेत्र में मुकेश अंबानी की कंपनी जियो के आने से (सितंबर 2016) आरकॉम के ताबूत की अंतिम कील साबित हुई।
अनिल कर चुके कंपनी को दिवालिया घोषित करने की अपील
अनिल अंबानी की कंपनी पर 47,000 करोड़ रुपए का कर्ज है हाल ही में 1 फरवरी को उन्होंने कंपनी को दिवालिया घोषित किए जाने की अपील की है। एरिक्सन का बकाया न चुका पाने के मामले में मंगलवार को अनिल कोर्ट में पेश हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 550 करोड़ रुपए न चुकाने के चलते एरिक्सन ने अनिल अंबानी पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया था। एरिक्सन के वकील ने कहा कि बकाया राशि चुकाने तक अनिल अंबानी को हिरासत में लिया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने पर्सनल गारंटी ली थी।
आरकॉम के तबाह होने की वजह रही कई नाकाम डील्स
आरकॉम डूबने के पीछे कई नाकाम डील भी बड़ी वजह रहीं। कंपनी की साल 2010 में जीटीएल इन्फ्रा से 50,000 रुपये की डील खटाई में पड़ गई। लेकिन फिर भी अंबानी ने 3जी, अंडर-सी केबल और नेटवर्क के विस्तार के लिए निवेश जारी रखा। इसके बाद साल 2017 में कंपनी का एयरसेल के साथ विलय का सौदा भी नाकाम रहा। कंपनी की कनाडा की इन्फ्रा कंपनी ब्रुकफील्ड के साथ टावर सेल डील भी असफल रही। इसके बाद कंपनी ने 2जी और 3जी से नेटवर्क से बाहर निकलने की घोषणा कर दी, जिससे उसे 75 फीसदी (लगभग 8 करोड़) से अधिक ग्राहकों से हाथ धोना पड़ा।
भाई की इस एक न ने किया बर्बाद
अनिल अंबानी ने 2017 में पिता धीरूभाई अंबानी के 85वें जन्मदिन के मौके पर ऐलान किया था कि उनकी कंपनी Reliance Communication के असेट उनके बड़े भाई की कंपनी रिलायंस जियो को बेचे जाएंगे। इसके लिए मुकेश अंबानी ने भी सहमति जता दी थी। यह डील 23,000 करोड़ रुपए में होने की उम्मीद थी। लेकिन डील इस बात पर टूट गई कि रिलायंस कम्युनिकेशन को जो कर्ज चुकाना है वह किसके खाते में आएगा। जियो ने रिलायंस कम्युनिकेशंस की पिछली देनदारी की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने डील को मंजूरी देने के लिए देनदारी तय करने की शर्त रखी थी। अगर यह डील हो जाती तो अनिल अंबानी एरिक्सन का बकाया चुका पाते।