साल 2019: अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए मोदी सरकार के 7 अहम कदम

Thursday, Dec 19, 2019 - 01:37 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। साल 2019 में एक ओर जहां टैक्स से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण एलान हुए हैं, वहीं बैंकिग सेक्टर और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई अहम घोषणाएं की जिनके बारे में हम आज बताने जा रहे हैं।

बैंकों का विलय
सरकार ने बैंकों की सेहत सुधारने के लिए 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बना दिए हैं। सरकार के इस कदम से देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जाएगा। केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय होगा और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होगा। यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इससे बैंक और मज़बूत होंगे और उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी।

बैंकों को मिलेंगे 70,000 करोड़ रुपए
वित्त मंत्री ने बैंकों के लिए 70,000 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई। इससे बैंकों के लिए पांच लाख करोड़ रुपए का लोन बांटना संभव हो गया। उन्होंने कहा था कि बैंक अपने एमसीएलआर में कटौती करेंगे ताकि रेपो रेट में कमी का फायदा ग्राहकों को मिल सके। दिसंबर माह में अब तक देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक ने एमसीएलआर में कटौती की।

कॉरपोरेट टैक्‍स में कटौती
बीते सितंबर महीने में सरकार ने कॉरपोरेट टैक्‍स में कटौती का ऐलान किया था। इसके तहत घरेलू कंपनियों पर बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 फीसदी लगेगा। वहीं इसमें सरचार्ज और सेस जोड़ने के बाद कंपनी को 25.17 फीसदी टैक्‍स देना होगा। इसका फायदा देश की उन बड़ी कंपनियों को मिलने की उम्‍मीद है जो 30 फीसदी के कॉरपोरेट टैक्‍स स्‍लैब में आती हैं।

कैपिटल गेन पर सरचार्ज खत्म
कैपिटल गेन पर सरचार्ज खत्म हो गया है। कॉर्पोरेट कर की दर घटाने से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है।

रियल एस्टेट को बड़ी राहत
आपके अधूरे पडे़ सपनों के घर को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट क्षेत्र को बड़ी राहत दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का एक विशेष फंड बनाने का एलान किया, जिसमें सरकार वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) के तौर पर 10,000 करोड़ का योगदान देगी।  इसके अलावा एलआईसी, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान भी मदद करेंगे। यह फंड एक ट्रस्ट में जाएगा, जिसको हाउसिंग और बैंकिंग सेक्टर में कार्यरत लोग ही मैनेज करेंगे।

निर्यात प्रोत्साहन के लिए नई योजना
निर्यात उत्पादों पर करों एवं शुल्कों से छूट (रोडीटीईपी) अमल में आ जाएगी। यह देश से वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात संवर्धन की योजना (एमईआईएस) की जगह लेगी। नई योजना से निर्यातकों को इतनी राहत मिलेगी जो इस समय लागू सभी योजनाओं को मिला कर भी नहीं मिल पाती है। इस योजना से सरकारी राजस्व पर 50 हजार करोड़ रुपए का प्रभाव पड़ने का अनुमान है।

मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन
पिछले दिनों आर्थिक सुस्ती दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सालाना शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करने का ऐलान किया। देश में चार स्थानों पर हस्तशिल्प, योग, पर्यटन, कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों के लिए वार्षिक शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे। इसके पीछे का उद्देश्य हस्तशिल्प उद्योग में लगे लाखों कारीगरों और कारोबारियों को कारोबार का बड़ा मंच देना है। शॉपिंग फेस्टिवल के आयोजन से स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग दुनियाभर में किए जाने के रास्ते खुल जाएंगे। चीन पिछले 12 साल से शंघाई शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करा रहा है।

Supreet Kaur

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