वर्ष 2017 होगा Year of the bike !

Sunday, Apr 30, 2017 - 10:36 AM (IST)

लुधियाना : वेल्कोइपेडे के नाम से अस्तित्व में आई साइकिल के  200 वर्ष पूर्ण होने पर साइकिल उद्योग वर्ष 2017 को ‘ईयर ऑफ द बाइक ’ स्वरूप मनाने जा रहा है जिसकी पहल आल इंडिया साइकिल मैन्युफैक्चर एसोसिएशन एवं एवन साइकिल्स द्वारा की गई है। विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 1817 में साइकिल का आविष्कार मानव-चलित मशीन स्वरूप हुआ जिसे वेल्कोइपेडे का नाम दिया गया। समय के साथ-साथ वास्तविक जरूरतों को समझते हुए कई परिवर्तनों के साथ यह वैलोसिपे के नाम से प्रख्यात हुआ जिसे आज हम साइकिल के रूप में जानते हैं। जानकारों की मानें तो साइकिल बहुत पहले ही अस्तित्व में आया जब 20वीं शताब्दी तक शहरों में घोड़ों पर निर्भरता को कम करते हुए श्रमिकों की यात्रा के लिए साइकिल पर निर्भरता को प्रोत्साहित किया गया, वहीं सामान्य पैदल चलने से तीन गुणा तेज रफ्तार प्रदान करने वाली साइकिलें लोगों को समय की बचत के साथ-साथ यात्रा में ज्यादा आनंदित करने लगीं और साइकिल सामान्य नागरिक के यातायात का अहम साधन स्वरूप विकसित हुआ।

लकड़ी से बना था पहला साइकिल
सर्वप्रथम लकड़ी के साइकिल का निर्माण हुआ था। तब से लेकर आज तक साइकिल ने एक बड़ा सफर तय किया है। लकड़ी के साइकिल के पश्चात् काले रंग के रोडस्टर साइकिल ने आज फैशन का स्वरूप लेते हुए लाइफ स्टाइल में अपनी अहम भूमिका बना ली है। इसलिए यह वर्ष साइकिल के 200 वर्ष पूरे होने पर ‘ईयर आफ द बाइक’ के रूप में मनाया जा रहा है। आज भारत असंख्य साइकिल व साइकिल पार्ट्स निर्माताओं के माध्यम से लगभग 2 करोड़ साइकिल निर्माण के साथ विश्व का दूसरा बड़ा साइकिल निर्माता देश है। प्रत्येक कंपनी 150-200 फैंसी माडलों का निर्माण कर घरेलू के साथ-साथ विश्व बाजार की भी जरूरतों को पूरा कर रही है। हालांकि चीन प्रतिवर्ष 15 करोड़ के आसपास साइकिलों का निर्माण कर रहा है।

Advertising