लक्ष्मी विलास बैंक के 2 पूर्व अफसर गिरफ्तार, 729 करोड़ की हेराफेरी का आरोप

Saturday, Sep 26, 2020 - 06:33 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने लक्ष्मी विलास बैंक के दो पूर्व अफसरों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों को 729 करोड़ की रकम के हेरफेर में शामिल होने का आरोप है। पकड़े गए आरोपी आरएमजी कॉर्पोरेट ग्रुप के पूर्व जोनल हेड प्रदीप कुमार और पूर्व असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट अंजनी कुमार वर्मा हैं। बता दें कि रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड की फिक्स्ड डिपॉजिट के गबन के आरोप में रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और शिवेंद्र मोहन सिंह पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।

दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा कि शिकायकर्ता ने आरोप लगाया है कि नवंबर 2016 में आरएफएल ने लक्ष्मी विलास बैंक में 400 करोड़ रुपये की एफडी कराई थी। इसके बाद जनवरी 2017 में कंपनी ने अतिरिक्त 350 करोड़ रुपये की इसी बैंक में अन्य एफडी कराई। पहले दो एफडी की तरह ही ये दो एफडी भी छोटी अवधि के लिए ही कराये गये थे।

वहीं, 31 जुलाई 2017 को आरएफएल को लक्ष्मी विलास बैंक में करंट अकाउंट को लेकर एक स्टेटमेंट मेल के जरिए मिलता है। इससे पता चलता है कि बैंक ने एफडी की रकम को कंपनी के करंट अकाउंट में क्रेडिट कर दिया गया है और इसके बाद आरएफएल के करंट अकाउंट से 7,23,71,50,920 करोड़ रुपये डेबिट किया गया है। बैंक की तरफ से कंपनी को इस बारे पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई है।

बीते साल ही गिरफ्तार हो चुके हैं सिंह ब्रदर्स
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में ही दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मलविंदर और शिविंदर सिंह को गिरफ्तार किया था। दोनों न्यायिक हिरासत में ही हैं। इसी साल 10 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने दोनों भाईयों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में चार्जशीट दायर की थी। ईडी ने दोनों भाइयों पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के सेक्शन 3 और 4 के तहत आरोप लगाया है।

rajesh kumar

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