10 ट्रांसपोर्ट कंपनियां जाली GST बिल से भेज रहीं दूसरे राज्यों में माल

Friday, Jan 26, 2018 - 09:10 AM (IST)

लुधियानाः आपको बिना बिल के माल भेजना है तो जरूरी नहीं कि जी.एस.टी. बिल खरीदकर ही माल भेजे। बाजार में ऐसे लोग भी बैठे हैं जो जाली बिलों पर देश में कहीं भी माल भेजने की पूरी गारंटी देते हैं। इस धंधे में लुधियाना की 10 ऐसी बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनियां सामने आई हैं जो जी.एस.टी. लगने के बाद से खुली हैं। इन ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने खुद ही अलग-अलग नाम से कुछ जाली बिल बुक छाप रखी है ताकि रास्ते में कोई पूछे तो उसे बिल दिखाया जा सके। सरकार के जी.एस.टी. सिस्टम को फेल करने में ट्रांसपोर्टरों का सबसे बड़ा हाथ है। अब देखना है कि क्या ई.वे बिल सिस्टम इस काले धंधे को रोक पाएगा या ट्रांसपोर्टर कोई नया रास्ता निकालेंगे।

गंतव्य तक माल भेजने की देते हैं गारंटी 
यह कारोबार काफी बड़े स्तर पर चल रहा है। इसमें दिल्ली, लुधियानाए फगवाड़ा व मंडी गोबिंदगढ़ में बैठे बड़े ट्रांसपोर्ट्स शामिल हैं। पता चला है जिस समय वैट सिस्टम था उस समय की कंपनियों को इन्होंने जी.एस.टी. के कारोबार में शामिल न कर नए नाम से कंपनियां बनाई हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि इनके साथ लुधियाना के 2 ई.टी.ओ. स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। जिनकी इनके साथ पूरी हिस्सेदारी है। इनमें से एक ने अपने भाई को अमृतसर से माल भेजने के लिए वहां बिठा रखा है। इन ट्रांसपोर्ट्स के संबंध लुधियाना के ही नहीं, बलिक पूरे पंजाब के एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग में इनकी अच्छी खासी पकड़ है। ट्रांसपोर्टर का नाम देखते ही कोई अधिकारी ट्रक रोकने की हिम्मत नहीं करता। इन ट्रांसपोर्टरों के लुधियाना में ट्रांसपोर्ट नगर व गिल रोड पर आफिस हैं। माल सारे पंजाब से यहां आता है और यहां से लोड होकर बाहरी राज्यों में भेजा जाता है।

कैसे ले जाते हैं माल 
सबसे ज्यादा माल हौजरी और नट-बोल्ट इंडस्ट्री में से देश के विभिन्न हिस्सों में जाता है और यह कई कंपनियों का होता है। जो कंपनियां सही तरीके से यानी एक नंबर में माल भेजती हैं उनसे ट्रांसपोर्टर तय किया गया किराया चार्ज करते हैं। जैसे हौजरी की एक पेटी का सही किराया 500 से 800 रुपए साइज के मुताबिक तक है। अगर बिना बिल के माल ट्रांसपोर्टर उठाता है तो वह इस पेटी का किराया 1200 से 1800 रुपए किराया पंजाब से दिल्ली तक का चार्ज करेगा। इसी तरह दिल्ली तक नट-बोल्ट की एक बोरी 150 रुपए में भेजी जाती है। लेकिन 2 नंबर में इस बोरी का किराया सीधा 500 रुपए हो जाता है। इन ट्रांपोर्टरों ने कई कंपनियों के नाम से जाली बिल बुक छाप रखी हैं। उसमें से बिल वह अपने ड्राइवर को दे देते हैं ताकि चैकिंग होने पर बिल दिखाया जा सके। बिल असली है या नकली अधिकारी को पता नहीं चल सकता। वजह, जी.एस.टी. लगने बाद से देशभर में से बैरियर खत्म हो गए हैं। मजेदार बात यह है कि ट्रांसपोर्टर दो नंबर में माल भेजने वालों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की पूरी गारंटी देते हैं। 
 

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