सरकार की बड़ी पहल, 10 करोड़ वर्कर्स को मिलेगी सोशल सिक्यॉरिटी!

Monday, Jul 16, 2018 - 10:52 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः सरकार 2019 में 10 करोड़ वर्कर्स के लिए अपने खर्च पर सामाजिक सुरक्षा योजना का ऐलान कर सकती है। 2012 में देश में 47.5 करोड़ लोग नौकरी कर रहे थे। इस आधार पर 22 फीसदी वर्कफोर्स के लिए अगले साल सोशल सिक्यॉरिटी स्कीम का ऐलान किया जा सकता है। श्रम मंत्रालय कृषि क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों के लिए यूनिवर्सल सोशल सिक्यॉरिटी स्कीम पर काम कर रहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लाभार्थियों की संख्या तय करना पहला कदम है। एक अधिकारी ने बताया, ‘इससे स्कीम के लिए कितने फंड की जरूरत पड़ेगी, इसका पता चलेगा।’ जेएनयू प्रफेसर संतोष मेहरोत्रा समिति ने यूनिवर्सल सोशल सिक्यॉरिटी स्कीम के संभावित लाभार्थियों की संख्या तय करने के लिए 2011-12 की तेंदुलकर समिति की गरीबी रेखा को आधार बनाया है। पहले फेज में सभी वर्कर्स को स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद पेंशन, मेडिकल इंश्योरेंस, डेथ और डिसेबिलिटी बेनेफिट दिए जाएंगे।

तेंदुलकर समिति की 2011-12 की गरीबी रेखा के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में 25.7 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 13.7 फीसदी लोग इससे नीचे थे। वहीं, पूरे देश के लिए यह आंकड़ा 21.9 फीसदी था। मेहरोत्रा समिति अब स्कीम के लिए कितने फंड की जरूरत होगी, इस पर काम करेगी। लेबर मिनिस्ट्री ने देश के 50 करोड़ वर्कर्स के लिए रिटायरमेंट, हेल्थ, ओल्ड-एज, डिसेबिलिटी, अन-एंप्लॉयमेंट और मैटरनिटी बेनेफिट्स सहित व्यापक सामाजिक सुरक्षा योजना का प्रस्ताव रखा है।

50 करोड़ लाभार्थियों को चार हिस्सों में बांटा जाएगा। पहले में वैसे गरीबों और वंचितों को रखा जाएगा, जो अपनी सामाजिक सुरक्षा के लिए खुद योगदान नहीं कर सकते। उनका पूरा खर्च सरकार उठाएगी। वहीं, असंगठित क्षेत्र के जो वर्कर्स इसके लिए कुछ योगदान दे सकते हैं, उन्हें सब्सिडाइज्ड स्कीम के तहत कवर किया जाएगा। तीसरे हिस्से में वैसे लाभार्थी होंगे, जो खुद या कंपनी के साथ मिलकर इसके लिए पर्याप्त कंट्रीब्यूशन कर सकते हैं। वहीं, चौथे सेगमेंट में तुलनात्मक तौर पर समृद्ध लोगों को शामिल किया जाएगा, जो कंटीन्जेंसी या रिस्क के लिए खुद योगदान कर सकते हैं। 
 

Supreet Kaur

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