GST संग्रह लक्ष्य से 10,000 करोड़ रुपए कम

Friday, Apr 06, 2018 - 10:44 AM (IST)

नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) से कर संग्रह नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू होने के बाद पहले 8 महीनों के दौरान लक्ष्य की तुलना में 10,000 करोड़ रुपए कम रहा है। अक्तूबर, नवम्बर, दिसम्बर और जनवरी महीने में जी.एस.टी. संग्रह में गिरावट की वजह से यह कमी आई है।

सरकार ने 8 महीने के लिए 7.28 लाख करोड़ रुपए कर संग्रह का लक्ष्य रखा था, जबकि 7.18 लाख करोड़ रुपए कर प्राप्त हुआ है। मासिक कर वसूली औसतन 91,000 करोड़ रुपए रही। बजट में 2017-18 के दौरान अप्रत्यक्ष कर राजस्व संग्रह में 14 प्रतिशत वसूली का अनुमान लगाया गया था। क्रैडिट सुइस के अनुमान के मुताबिक जी.एस.टी. के तहत केन्द्र सरकार को 4.6 लाख करोड़ रुपए मिलेंगे। यह 2017-18 के पुनरीक्षित अनुमान के 4.44 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य की तुलना में 3.3 प्रतिशत ज्यादा है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि राज्यों को जी.एस.टी. से 2.6 लाख करोड़ रुपए मिलने की संभावना है।

CGST से मार्च तक मिले 1.66 लाख करोड़ 
बहरहाल अगर उपलब्ध ब्रेकअप के ब्यौरे से अनंतिम आंकड़े लिए जाएं तो जी.एस.टी. संग्रह 6.97 लाख करोड़ रुपए रहेगा। अनंतिम आंकड़ों में बाद में बढ़ौतरी हो सकती है। जी.एस.टी. के अनंतिम आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय जी.एस.टी. (सी.जी.एस.टी.) से मार्च तक 1.66 लाख करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं। वहींं राज्यों को 1.66 लाख करोड़ रुपए मिले हैं।

IGST के तहत हो सकता है 3.52 लाख करोड़ संग्रह  
एकीकृत जी.एस.टी. (आई.जी.एस.टी.) के तहत संग्रह 3.52 लाख करोड़ रुपए हो सकता है, वहीं मुआवजा उपकर के माध्यम से 62,700 करोड़ रुपए आ सकते हैं। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि कुल आई.जी.एस.टी. संग्रह मार्च तक 71,500 करोड़ रुपए हो सकता है, जबकि राज्यों को 1 लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि बगैर इस्तेमाल किया हुआ आई.जी.एस.टी. 1.8 लाख करोड़ रुपए के करीब हो सकता है।

Supreet Kaur

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