100 साल का हुआ 1 रुपए का नोट

punjabkesari.in Friday, Dec 01, 2017 - 05:13 AM (IST)

नई दिल्ली: भारत में इस समय की सबसे छोटी करंसी 1 रुपए के नोट को आज 100 साल पूरे हो गए हैं। हालांकि मार्कीट में बाकी नोटों के मुकाबले इस नोट का वितरण काफी काम है। एक रुपए के नोट को छापने की वजह से इसका अब तक का सफर काफी दिलचस्प है। 

आजादी के बाद पहली बार छपा अशोक स्तंभ
भारत को 1947 में ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिलने के बाद वर्ष 1949 में 1 रुपए के नोट से ब्रिटिश साम्राज्य का निशान हटाकर भारतीय गणराज्य का प्रतीक अशोक स्तंभ लगाया गया। 1994 में कम प्रचलन की वजह से एक बार फिर इसकी छपाई रोक दी गई। 2015 में एक बार फिर केन्द्र सरकार ने इसे छापने का निर्णय लिया। अब बाजार में जो नए नोट आए हैं वे पुराने नोट से बिल्कुल अलग हैं। इसे इंडिगो-ब्ल्यू से बदल कर गुलाबी-हरा कर दिया है। 

यहां से शुरू होता है 1 रुपए का सफर
पहले 1 रुपए की मुद्रा के लिए चांदी के सिक्कों का प्रचलन था, लेकिन प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान सरकार चांदी के सिक्कों को ढालने में असमर्थ हो गई। उस वक्त 1 रुपए के नोट छापने का फैसला लिया गया। 30 नवम्बर 1917 को पहली बार यह नोट छापा गया। इसके लिए हाथ से बने कागजों का इस्तेमाल किया गया। इस नोट पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर भी छपी थी। नोट को तब इंगलैंड में छापा गया था। 

पहले नोट पर 3 हस्ताक्षर
पहली बार जब 1 रुपए का नोट जारी हुआ तो उस पर 3 ब्रिटिश वित्त सचिवों के हस्ताक्षर थे जिनके नाम एम.एम.एस. गबी, एच. डेनिंग और ए.सी. मैक्वैटर थे। 9 साल बाद 1926 में इस नोट को छापना बंद कर दिया गया। इसके पीछे की वजह थी कीमत से ज्यादा नोट के छपने की लागत। बाद में वर्ष 1940 में इसकी छपाई फिर शुरू हो गई।


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