खतरे में 1.30 लाख जिंदगियां, बचाने के लिए चाहिए 206 लाख करोड़, विश्व बैंक की चेतावनी

punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 11:20 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत के लिए खतरे की घंटी बज गई है। भारतीय शहर जलवायु परिवर्तन के खतरों की चपेट में हैं। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट ‘भारत में मजबूत और समृद्ध शहरों की ओर’ के मुताबिक, देश के 1.30 लाख से ज्यादा लोगों की जान 2050 तक बाढ़, बढ़ते तापमान और अन्य जलवायु जोखिमों से खतरे में आ सकती है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए 2,400 अरब डॉलर यानी करीब 206 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी। 

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि अभी ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वर्षा जनित बाढ़ से होने वाला वर्तमान सालाना नुकसान 4 अरब डॉलर से बढ़कर 2070 तक 30 अरब डॉलर (2.5 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंच सकता है।

सबसे अधिक जोखिम में ये शहर

दिल्ली, चेन्नई, सूरत और लखनऊ को रिपोर्ट में सबसे अधिक संवेदनशील शहरों के रूप में पहचाना गया है। इन शहरों में बढ़ता तापमान, शहरी बाढ़ और गर्मी से उपजे संकट लोगों की जान और आजीविका पर भारी असर डाल सकते हैं।

गर्मी से मौतों का खतरा तीन गुना

अगर ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन मौजूदा रफ्तार से जारी रहा, तो गर्मी से मरने वालों की संख्या 2050 तक 3.28 लाख सालाना हो सकती है, जो अभी 1.44 लाख है। गर्मी के कारण शहरों में 20 फीसदी कार्य घंटे भी बर्बाद हो सकते हैं।

विश्व बैंक का सुझाव है कि कम उत्सर्जन वाली बुनियादी ढांचा नीति अपनाकर GDP में 0.4% की वृद्धि और 1.3 लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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