बजट 2018:  शिक्षा के क्षेत्र में होंगे ये अहम बदलाव

punjabkesari.in Thursday, Feb 01, 2018 - 02:39 PM (IST)

नई दिल्ली : लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार ने अपना अखिरी पूर्ण बजट पेश किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली दुारा लोकसभा में पेश किए बजट में शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की गई है। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। बजट में शिक्षा के स्तर पर चिंता जताते हुए कई बड़े ऐलान किए है। बजट भाषण में जेटली कहा कि सरकार हर बच्चे को शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। आइए जानते है शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव के लिए शुरु की जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में

बजट में हुआ इजाफा
इस बार बजट में उच्च शिक्षा के लिए 15 हजार करोड़ बजट बढ़ाया गया है, इससे इस क्षेत्र को 1.3 लाख करोड़ मुहैया करवाए जाएंगे। वहीं जेटली ने कहा कि शिक्षकों के लिए दीक्षांत पोर्टल की शुरुआत की जाएगी।

एकलव्य योजना
जहां 50 फीसदी से अधिक एसटी जनसंख्या है और 20 हजार जनजाति निवासी हैं, वहां एकलव्य योजना के तहत स्कूल खोल जाएंगे।यह नवोदय स्कूल के आधार पर होंगे।  वहीं सरकार प्राइवेट सेक्टर के शिक्षण संस्थानों को लाभ देने के लिए पहल करेगी। सरकार बड़ोदरा की रेलवे यूनिवर्सिटी की तरह दो कॉलेज और खोले जाएंगे, जिसमें निजी निवेश भी शामिल है।1 हजार छात्रों को आईआईटी से पीएचडी करने का मौका भी दिया जाएगा।

पिछले साल बजट में क्या हुए थे एेलान 
वित्त मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार 2017 के बजट में शिक्षा क्षेत्र को 79686 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो कि 2016 के बजट से महज 8-9 फीसदी ज्यादा था। बता दें कि 2016 में शिक्षा के क्षेत्र में 73599 करोड़ रुपये हाथ लगे थे। बताया जा रहा था कि सातवें वेतन आयोग को लेकर बढ़े सरकारी खर्चे की वजह से एजुकेशन के क्षेत्र में बजट कटौती की थी। अगर कुल बजट के आधार पर बात करें तो साल 2017 में कुल बजट का 3.711 हिस्सा शिक्षा क्षेत्र को दिया गया था, जबकि 2016 में 3.653 हिस्सा शिक्षा के नाम किया गया था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News