क्या परम्परा और आधुनिकता के बीच संतुलन बना पाएंगे पोप

punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 05:25 AM (IST)

कैथोलिकों ने स्पैनिश मूल के 69 वर्षीय अमरीकी कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट के चुनाव के साथ इतिहास रच दिया है। उन्होंने सेंट पीटर की गद्दी के 267वें अधिपति के रूप में पदभार संभाला है। यह ऐतिहासिक घटना, कैथोलिक चर्च के 2000 साल के इतिहास में पहली बार किसी अमरीकी का पोप बनना, एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। पोप रोमन कैथोलिक चर्च के नेता हैं। वह विश्वभर में लगभग 1.4 अरब कैथोलिकों का मार्गदर्शन करते हैं और वेटिकन सिटी के प्रमुख हैं। पोप को उनके पद के व्यापक कूटनीतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रभाव के कारण विश्व के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक माना जाता है। उन्हें प्रथम प्रेरित सेंट पीटर का उत्तराधिकारी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि आस्था और नैतिकता के मामले में उनका शिक्षण सर्वोच्च था। यद्यपि पोप लियो XIV का जन्म शिकागो में हुआ था, लेकिन उन्होंने पेरू में काम करते हुए 2 दशक से अधिक समय बिताया। 2015 में वह अमरीका और पेरू के दोहरे नागरिक बन गए।

वैश्विक कैथोलिक नए पोप से क्या चाहते हैं?: पोप लियो 1.4 अरब सदस्यों वाले विभाजित कैथोलिक चर्च का नेतृत्व करेंगे, जिसका आकार लगभग भारत या चीन के बराबर है। चर्च यूरोप में भले ही अपनी ताकत खो रहा हो, लेकिन लातिन अमरीका, एशिया और अफ्रीका में तेजी से बढ़ रहा है। विश्व भर के लगभग 40 प्रतिशत कैथोलिक लातिन अमरीका में लगभग एक चौथाई, यूरोप में 16 प्रतिशत तथा 18 प्रतिशत उप-सहारा अफ्रीका में रहते हैं। जबकि उनके पूर्ववर्ती पोप फ्रांसिस ने अपने 12 साल के पोपत्व काल में अनेक उपलब्धियां हासिल कीं, वहीं उन्होंने नए पोप के लिए एक अधूरा एजैंडा और अनेक चुनौतियां छोड़ दीं। ये मुद्दे, जैसे तलाक और पुनॢववाह, रुत्रक्चञ्जक्त कैथोलिक, महिलाओं की भूमिका और जलवायु परिवर्तन महत्वपूर्ण हैं और इन पर सावधानीपूर्वक विचार और कार्रवाई की आवश्यकता होगी।

नए पोप विश्वास, नैतिकता, चर्च अनुशासन और सरकार में सर्वोच्च शक्ति का प्रयोग करेंगे। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वह अपने पूर्ववर्ती द्वारा शुरू किए गए सुधारों को जारी रखेंगे। गरीबी और हाशिए पर पड़े लोगों पर ध्यान केंद्रित करेंगे तथा चर्च के भीतर विभिन्न समूहों के बीच एक ‘पुल’ का निर्माण करेंगे। जब पोप लियो वेटिकन की बालकनी में आए तो कई लोगों ने दिलचस्पी से देखा। अपने पहले भाषण में पोप ने स्पैनिश भाषा में जनसमूह को संबोधित किया और ‘पेरू में अपने प्रिय चिकलायो धर्मप्रांत’ का उल्लेख किया। इससे पता चलता है कि एक अमरीकी और पेरूवासी के रूप में उनकी पहचान उनके पोपत्व को प्रभावित करेगी। 

कई पेरूवासी उन्हें एक ऐसे पादरी के रूप में याद करते हैं जो देश के सबसे गरीब लोगों के साथ खड़े रहे। वेटिकन में उन्हें अनौपचारिक रूप से ‘लैटिन अमेरिकन यांकी’ के नाम से जाना जाता था, यह उपनाम उनकी दोहरी पहचान और विभिन्न गोलार्धों के बीच सेतु बनाने की क्षमता को दर्शाता है। जब उन्होंने कहा, ‘तुम्हें शांति मिले’ तो भीड़ ने जयकारे लगाए।

पोप लियो XIV अपने पोपत्व के दौरान किन सुधारों पर ध्यान केंद्रित करेंगे? वह चर्च में यौन दुव्र्यवहार के मुद्दे को कैसे संबोधित करेंगे? वह पारंपरिक मान्यताओं और आधुनिक चिंताओं के बीच संतुलन कैसे बनाएंगे? जैसे-जैसे समय बीतेगा, ये बातें स्पष्ट होती जाएंगी।नवनिर्वाचित पोप को कई महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। नए पोप ने कैथोलिक चर्च के प्रमुख के रूप में अपनी प्राथमिकताओं के बारे में संकेत दिए हैं जो शांति, जलवायु परिवर्तन और प्रौद्योगिकी के बारे  में है। लेकिन दुव्र्यवहार संबंधी मामले और महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण बनी रहेगी। अपने पूर्ववर्ती की तरह, पोप लियो भी गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों की सहायता करना चाहते हैं। वह वेटिकन को खुला रखना चाहते हैं तथा चर्च पदानुक्रम से बाहर की आवाजों को भी सुनना चाहते हैं। पोप लियो ने चुनौतीपूर्ण समय में कैथोलिक चर्च की कमान संभाली है। वेटिकन को गंभीर वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें 73 मिलियन पाऊंड से अधिक का बजट घाटा और 2 बिलियन पाऊंड से अधिक का पैंशन निधि घाटा शामिल है। स्वर्गीय पोप फ्रांसिस ने वेटिकन बैंक, जिसे आई.ओ.आर. के नाम से जाना जाता है, में लम्बे समय से चली आ रही वित्तीय समस्याओं को ठीक करने के लिए महत्वपूर्ण सुधार शुरू किए थे, लेकिन यह कार्य अभी भी अधूरा है।

एक संवेदनशील विषय समलैंगिक जोड़े हैं। पोप फ्रांसिस ने कहा कि 2023 में रोमन कैथोलिक पादरी समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद दे सकेंगे। पोप लियो ने माना है कि कृत्रिम बुद्धिमता मानव गरिमा, न्याय और श्रम को महत्वपूर्ण चुनौती देती है। उन्होंने कहा कि चर्च इन मुद्दों पर ध्यान देगा। वेटिकन पर्यवेक्षक इस प्रतिबद्धता को उनके नेतृत्व का सकारात्मक संकेत मानते हैं। अतिरिक्त चुनौतियों में परम्परा और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाना, सुधारों को लागू करते समय एकता बनाए रखना  तथा तेजी से अस्थिर होते वैश्विक परिवेश में संतुलन बनाए रखना शामिल हैं। ये वे बाधाएं हैं जिन्हें पोप लियो को पार करना होगा।-कल्याणी शंकर


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