हुनर देगा ‘आत्मनिर्भर भारत’ को नई पहचान

punjabkesari.in Saturday, Jan 16, 2021 - 04:24 AM (IST)

किसी भी देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में हुनर का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। हुनर एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा युवाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है और उद्योगों की मांग के अनुसार कुशल कार्यबल तैयार करके स्किल गैप को आसानी से भरा जा सकता है। हुनर सिर्फ एक व्यक्ति को ही नहीं बल्कि उसके साथ-साथ समाज और राष्ट्र को भी आगे बढ़ाता है। सही अर्थों में देखा जाए तो भविष्य में हुनर ही वह साधन होगा जो युवा शक्ति को आत्मनिर्भर बनाने में उसकी मदद करेगा और विश्व पटल पर उसे एक नई पहचान दिलाएगा। 

हुनर विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय राज्य सरकारों, प्रशिक्षण भागीदारों और अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर युवाओं को हुनर प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। आज इसी का परिणाम है कि विभिन्न हुनर संस्थानों में प्रशिक्षण ले रहे युवाओं ने अपने सामथ्र्य एवं कुशलता का परिचय देते हुए नवाचार के क्षेत्र में अनेक नए प्रयोग किए हैं जो भविष्य में अन्य छात्रों के लिए प्रेरणादायी साबित होंगे। हुनर विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय युवाओं को 21वीं सदी के अनुसार नवीन तकनीकी और गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण भी दे रहा है ताकि देश के सर्वांगीण विकास में युवा अपनी भागीदारी निभाकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को नई दिशा प्रदान कर सकें। 

हमारे युवाओं में वह सामथ्र्य एवं हुनर है जिसके बल पर भारत को विश्व की हुनर राजधानी बनाया जा सकता है और विश्व पटल पर भारत का नाम सुनहरी अक्षरों में अंकित करवा सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2030 तक भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी वर्कफोर्स होने की उम्मीद है। इसमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की होगी। इस युवा वर्कफोर्स को हुनर प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जा सकता है ताकि रोजगार के नए अवसरों में तेजी से वृद्धि की जा सके। हुनर के द्वारा ही हम 21वीं सदी के नए भारत की नींव रख सकते हैं। 

हुनर हमें रोजगार के अनेक अवसर प्रदान करता है साथ ही स्व-रोजगार के लिए भी प्रेरित करता है। हुनर में वह शक्ति है जिसके द्वारा हम भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं। हुनर के द्वारा युवा अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं को प्रासंगिक रहने के लिए, ‘स्किल, अपस्किल और रीस्किल’ का मंत्र दिया था। इस मंत्र का उपयोग कर युवा दूसरों से हटकर अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं।

युवाओं को नई-नई तकनीकों में हुनर प्रशिक्षण प्रदान करने और जिला स्तर पर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री हुनर विकास योजना 3.0’ को अक्तूूबर / नवंबर 2020 में कुछ अहम दिशा-निर्देशों के साथ लॉन्च किया गया है। इस योजना का लक्ष्य वित्त-वर्ष 2020-21 के दौरान 8 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करना है। यह मांग और उद्योगों पर आधारित एक ऐसी योजना होगी जो न्यू एज स्किल्स पर काम करेगी और जिला स्तर पर युवाओं को सशक्त बनाएगी। 

प्रधानमंत्री हुनर विकास योजना 3.0 के अंतर्गत जिला स्तर पर ‘जिला हुनर समितियों’ (डी.एस.सी.) का गठन किया जाएगा। जिला हुनर समितियां उद्योगों की मांग के अनुसार स्थानीय स्तर पर स्किल्स की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इसके साथ डी.एस.सी. विभिन्न स्थानों पर हुनर मेलों का भी आयोजन करेगी जिसमें युवाओं को हुनर प्रशिक्षण और पाठ्यक्रमों के बारे में अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा, डी.एस.सी. सभी उम्मीदवारों को प्लेसमैंट, स्वरोजगार और शिक्षुता के समान अवसर प्रदान करने में भी अपनी भागीदारी निभाएगी। 

हुनर विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय का उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों में जिला स्तर पर जिला हुनर समितियों को मजबूत एवं सशक्त बनाना है ताकि युवाओं की मांग के अनुसार उन्हें कुशल बनाया जा सके। पी.एम.के.वी.वाई. 3.0 योजना के अंतर्गत संकल्प प्रोजैक्ट के द्वारा स्थानीय स्तर पर श्रमिकों को प्रमाणित किया जाएगा और बड़े स्तर पर उन्हें स्थाई आजीविका के अवसर प्रदान किए जाएंगे। पी.एम.के.वी.वाई. 3.0 योजना में राज्य हुनर विकास मिशन (एस.एस.डी.एस.) की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। 

ऐसे कई राज्य हैं जहां एस.एस.डी.एस. के द्वारा हुनर विकास को बढ़ावा देने के लिए जिला समितियां बनाई हैं ताकि अधिक से अधिक उम्मीदवारों का हुनर विकास किया जा सके। एक अनुमान के मुताबिक भारत में 487 मिलियन श्रमिक हैं। आज भी हमारे देश में ऐसे श्रमिकों की संख्या अधिक है जो अपने काम में निपुण तो होते हैं लेकिन प्रमाणित नहीं होते हैं। देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास की गति को बढ़ाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं। हम एक ऐसे नए भारत के निर्माण की ओर अग्रसर हैं जिसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के नाम से पहचाना जाएगा।-डा. महेन्द्र नाथ पांडे(केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री)


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