दूसरी औरत के फेर में क्यों फंसते हैं बड़े लोग
punjabkesari.in Tuesday, Oct 08, 2024 - 06:35 AM (IST)
दूसरी औरत रखने का चलन बढ़ रहा है जो एक सामाजिक चिंता भी है। पंजाबी में एक बड़ी मशहूर कहावत है-हलवा सूजी का, चस्का दूजी का, यानी दूसरी औरत का। यह बात आम लोगों के साथ-साथ हमारे देश के ऊंचे मुकाम पर पहुंचने वाले काफी लोगों में देखने में भी आई है। इन बड़े रसूख वाले लोगों में पैसे वाले, सिने स्टार, राजनेता इत्यादि भी शामिल किए जा सकते हैं। ऐसे लोग जीवन में दूसरी औरत को अपने लिए प्रेरणा स्रोत और कामयाबी की वजह के रूप में महिमामंडित करते हैं।
बॉलीवुड सेलेब्स तो अक्सर अपने एक से अधिक लव अफेयर और शादियों को लेकर चर्चा में रहते हैं लेकिन बात अगर देश के राजनेताओं की करें तो यहां भी कुछ ऐसे नेता हैं जिन्होंने पहली शादी के बाद भी एक्स्ट्रा-मेरीटल अफेयर रखा और पहली वाइफ रहते हुए भी दूसरी शादी की। इन नेताओं में से किसी ने 2 तो किसी ने 3 शादियां तक की हैं। इनमें से ऐसे भी नेता हैं जो 3 शादियां करने के बाद भी सिंगल हैं। यह कितना बड़ा विरोधाभास है।
मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि अपनी पत्नी से ज्यादा दूसरी औरत के गुण अच्छे लगते हैं। लेकिन कभी सोचा है कि ऐसा क्यों और कब होता है? इस बात में कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि विवाहित पुरुष चुपके से दूसरी को दिल दे देते हैं। एक रिसर्च बताती है कि जब लोग शादीशुदा रिश्ते में कमिटेड हो जाते हैं, तो उनकी निगाहें पहले के मुकाबले इधर-उधर ज्यादा भटकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह इस दौरान खुद को बंधा महसूस करते हैं। यही एक वजह भी है कि ज्यादातर मर्द दूसरी औरतों की प्रशंसा करते नजर आ जाते हैं।
हालांकि, इसमें कुछ गलत भी नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर शादी के बाद पुरुष इस बात के लिए प्रतिबंधित हो जाएं कि वह अपनी पत्नी के अलावा न तो किसी दूसरी औरत को देखेंगे और न ही बात करेंगे, तो क्या यह रवैया ठीक है? जब पुरुष अपने वैवाहिक जीवन से असंतुष्ट होता है, तो इमोशनल सुपोर्ट के लिए उसकी आंखें इधर-उधर भटकने लगती हैं। यह आमतौर पर तब होता है, जब पति-पत्नी के बीच कम्युनिकेशन और समझ की कमी होती है।
इस दौरान यह असंतोष उस ङ्क्षबदू तक बढ़ जाता है जब इंसान अपनी पत्नी को धोखा देने में भी कोई बुराई नहीं समझता। यह सामाजिक दृष्टि से ठीक नहीं है, पर यह कटु सत्य है। इसके कई कारण हैं। आज भी कई जगह घरवालों और समाज की वजह से कुछ लोगों की शादी बहुत कम उम्र में हो जाती है। ऐसे लोग जब धीरे-धीरे जिंदगी में आगे बढ़ते हैं, तो उन्हें इस बात का अहसास होता है कि उन्होंने लाइफ में बहुत कुछ मिस कर दिया है।
ऐसे लोग अक्सर दूसरी महिलाओं पर बहुत जल्दी आकॢषत हो जाते हैं। विपरीत ङ्क्षलग के प्रति आकर्षण किसपेप्टिन नामक हार्मोंस के कारण होता है, जो मानव मस्तिष्क में पाया जाता है। इस हार्मोन की वजह से ही महिला व पुरुष एक-दूसरे के प्रति आकॢषत होते हैं और उनमें यौनाचार की इच्छा बलवती होती है। एक शोध में भी यह पता चला है कि इसी कारणवश कुछ शादीशुदा औरतें भी दूसरे मर्दों के प्रति आकॢषत होती हैं, ठीक वैसे ही जैसे पुरुष होते हैं। इस प्रकार का आकर्षण शारीरिक होता है जो कि कंट्रोल से बाहर होता है और जीवन में किसी दूसरे के आगमन के लिए जिम्मेदार होता है। इस सिंड्रोम से पुरुष ज्यादा ग्रस्त पाए जाते हैं।
कहना गलत न होगा कि बड़े लोग इस सिंड्रोम का अपवाद नहीं हो सकते हैं। किसी ने बिल्कुल ठीक कहा है कि रिश्ते को सही रूप से चलाने के लिए फिजिकल इंटीमेसी बहुत ज्यादा जरूरी है। वहीं अगर आपका पार्टनर आपके साथ सैक्सुअली कनैकटेड फील नहीं कर पा रहा है, तो उस दौरान भी वह दूसरी महिलाओं के प्रति आकर्षित हो जाता है। रसूखदार लोगों के जीवन में ऐसा अक्सर पाया जा सकता है ।
दूसरी औरत के लिए मोह का कारण एक और भी लगता है। इस बात में कोई दो राय नहीं कि बच्चे होने के बाद एक महिला की जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है।
उसका जीवन न केवल बेबी के आसपास घूमने लगता है बल्कि उसकी प्राथमिकताएं भी बदल जाती हैं। ऐसी स्थिति में पुरुषों का अपनी पत्नी से मोह भंग हो जाता है, जिसकी वजह से भी उनका मन इधर-उधर डोलने लगता है। बॉलीवुड की एक मशहूर अभिनेत्री ने एक बार कहा था कि लोग कहते हैं कि पत्नी का दर्जा एक पायदान ऊपर होता है क्योंकि उसके पास पति होता है, लेकिन मैं कहती हूं कि ‘दूसरी औरत’ दस पायदान ऊपर होती है क्योंकि पत्नी होते हुए भी उसका पति अपनी जिंदगी में दूसरी औरत की चाह रखता है। जीवन का कड़वा सच जीने वाली इस अभिनेत्री की बात कितनी ठीक है इसका जवाब आम आदमी के साथ-साथ बड़े लोगों के लिए तलाशना क्या संभव होगा? -डा. वरिन्द्र भाटिया