जब अपने साथी के बेटे के अस्पताल का बिल भरने के लिए मुम्बई डब्बावाला एक हो गए

Tuesday, Apr 17, 2018 - 03:37 AM (IST)

मुम्बई के डब्बावाला घाटकोपर में रहने वाले अपने साथी डब्बावाला के अस्पताल में एक सप्ताह से भर्ती दो वर्ष के बेटे तन्मय शिपाई के अस्पताल का बिल भरने के लिए एक हो गए। 

उमेश शिपाई का बेटा तन्मय अपने पेट की गड़बड़ी से जूझ रहा था, जिस कारण उसे परेल स्थित वाडिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया। गत रविवार को उसका आप्रेशन हुआ और अब वह अस्पताल के पेडिएट्रिक इंटैंसिव केयर यूनिट में उपचाराधीन है। मुम्बई डब्बावाला एसोसिएशन के माध्यम से सभी डब्बावाला अपनी जेब से धन एकत्र करने के लिए साथ हो गए। उन्होंने बच्चे के लिए 25000 रुपए एकत्र किए और अब वह लोगों से और अधिक धन एकत्र करने के लिए व्हाट्सएप पर संदेश फैला रहे हैं। 

अपने बेटे के स्वास्थ्य के बारे में बात करते हुए उमेश ने बताया कि वह कुछ दिनों से भोजन पचा नहीं पा रहा था। पहले वे एक स्थानीय चिकित्सक के पास गए, जिसने उन्हें बुखार की कुछ दवाएं दीं। इससे पहले उसकी सेहत की गड़बड़ी के कारण की जांच नहीं की गई। चूंकि उसकी स्वास्थ्य समस्या बिगड़ती जा रही थी, इसलिए वे उसे राजावाड़ी अस्पताल ले गए। वहां के डाक्टरों ने उन्हें बच्चे को एक ऐसे अस्पताल में स्थानांतरित करने को कहा, जहां बेहतर सुविधाएं हों। अब तक उसका अस्पताल का बिल लगभग 2.5 लाख रुपए बन गया है। उमेश ने बताया कि परिवार में एकमात्र कमाने वाला होने के कारण उसके लिए उपचार पर लाखों रुपए खर्च करना बहुत मुश्किल था। 

कोई चिकित्सा बीमा न होने के कारण उमेश शिपाई अपनी आय का प्रमाण पत्र लेने के लिए एक जगह से दूसरी जगह तक दौड़-भाग कर रहा था ताकि अस्पताल की मदद से बिल की लागत को कम किया जा सके। उमेश ने बताया कि चूंकि उसके बेटे का नाम राशन कार्ड में शामिल नहीं था, तहसीलदार के कार्यालय ने उसे आय का प्रमाण पत्र देने से इन्कार कर दिया। इससे अस्पताल से वित्तीय मदद प्राप्त करने की प्रक्रिया और भी पेचीदा बन गई। मुम्बई डब्बावाला एसोसिएशन के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने बताया कि यह प्रत्येक डब्बावाला समूह पर निर्भर करता है कि वे निजी तौर पर चिकित्सा बीमा के लिए आवेदन करना चाहते हैं कि नहीं। तालेकर ने बताया कि वे अपनी तरफ से जितना अधिक संभव हो सके, कर रहे हैं। वे सारा ब्यौरा सोशल मीडिया पर सांझा कर रहे हैं ताकि जो कोई भी उनकी मदद के लिए धन देने का इच्छुक हो, आगे आ सके।-ए. सावंत

Pardeep

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