ऑटो चालकों द्वारा नियम उल्लंघन : गंभीर समस्या

punjabkesari.in Saturday, Jun 03, 2023 - 05:39 AM (IST)

जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है वैसे ही हर चीज का विस्तार भी हो रहा है। खाने-पीने वाली वस्तुओं में बढ़ावा जरूरी भी है क्योंकि गरीब-अमीर हरेक ने पेट भरना है। इसके साथ ही स्कूलों, कालेजों तथा यूनिवर्सिटियों का विस्तार भी कुकुरमुत्तों की तरह हो रहा है। अंधाधुंध दाखिले हो रहे हैं, सभी जगह भीड़ नजर आ रही है। हर वर्ष हजारों लड़के-लड़कियां डिग्रियां प्राप्त करके कालेज व यूनिनर्सिटियों से बाहर आ रहे हैं। अफसोस की बात है कि बाहर नौकरियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं। केवल डिग्रियां तो पेट नहीं भर सकतीं। इसके बारे में सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। हमारे पढ़े-लिखे नौजवान को कोई काम पर लगाया जा सके ताकि न तो वह कहीं दूसरे देश में नौकरी ढूंढने जाए और न ही अपने रास्ते से भटक कर किसी गलत रास्ते पर चल पड़े। सरकार के लिए एक चुनौती है जिसे प्राथमिकता देने की जरूरत है ताकि पंजाब में खुशहाली का माहौल वापस लौट सके। 

इसी से जुड़ती एक और गंभीर समस्या है जोकि जिला प्रशासन व सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है, वह यह कि आबादी व स्कूलों की बढ़ौतरी के कारण आजकल तीन पहियों वाले जिसे ऑटो भी कहते हैं, की सभी जगहों पर भरमार हो चुकी है। पुराने व नए सभी ऑटो कोई परमिट वाला, कोई बगैर परमिट, कोई म्यूनिसिपल कमेटी के बगैर परमिट के, यहां तक कि बिना रजिस्ट्रेशन के सड़कों पर भागे फिर रहे हैं। 

वायु व ध्वनि प्रदूषण बुरी तरह फैला रहे हैं परन्तु इनको चैक करने वाला कोई नहीं। यही नहीं ऑटो चालक मनमानी के पैसे चार्ज करते हैं और सवारियों को तंग भी करते हैं। तेज स्पीड पर चलते हैं जिससे किसी समय भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है खासकर गर्भवती महिलाएं जब सफर करती हैं तो खास ध्यान देने की जरूरत है। हमारी सड़कों का हाल तो किसी से छिपा नहीं है। इसके अलावा ऑटो के डी.टी.ओ. द्वारा जारी किए गए परमिट के अनुसार एक ऑटो में केवल चार सवारियों समेत ड्राइवर ही बैठ सकता है। यही नहीं कोई भी ऑटो म्यूनिसिपल लिमिट के बाहर नहीं जा सकता परन्तु तकरीबन सभी खासकर छोटे शहरों वाले म्यूनिसिपल लिमिट के बाहर बेधड़क से चला रहे हैं कोई रोक-टोक नहीं। 

जहां तक  ऑटो की सवारियों का सवाल है जो सबसे संगीन मसला है वह यह कि  ऑटो में 10-12 सवारियां आम भरी हुई देखी जा सकती हैं जोकि सरकारी हिदायतों की सरासर उल्लंघना है जिसे चैक करने की अति जरूरत है। यही नहीं स्कूली बच्चों की हालत सुबह और दोपहर को देखी जा सकती है जोकि बहुत दयनीय होती है क्योंकि बच्चे तूड़ी की तरह ठूंस-ठूंस कर भरे होते हैं। हालांकि डी.पी.आई. स्कूल्ज पंजाब की हिदायतों के अनुसार थ्री व्हीलरों में बच्चे स्कूलों को ले जाए व लाए नहीं जा सकते। अफसोस है कि न माता-पिता, न स्कूल के  प्रबंधक व न जिला प्रशासन व जिला पुलिस इस संगीन समस्या की ओर ध्यान दे रही है। 

जब कोई गंभीर समस्या बन जाएगी फिर सभी अलर्ट हो जाएंगे। इसका मतलब हुआ कि सभी संबंधित किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में हैं। यह मसला सरकार के ध्यानार्थ लाना जरूरी है। आशा है कि सरकार इस समस्या का गंभीर संज्ञान लेते हुए प्रांत के सभी जिला प्रशासन/पुलिस प्रशासन को इस पर तीखी नजर रखने हेतु जोरदार हिदायतें देगी और  ऑटो चालकों द्वारा किसी भी हिदायत की उल्लंघना करने पर उन पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि कोई जानी नुक्सान न हो जाए, इसमें सभी का भला है। पुराने ऑटोज की भी पड़ताल की जानी चाहिए जो हवा व ध्वनि पॉल्यूशन फैला रहे हैं जोकि आम जनता के हित में होगा।-राज कुमार कपूर, रोपड़


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