शाकाहारी विद्युत जामवाल की ‘पीटा’ के अभियान में मांसाहार छोड़ने की अपील
Friday, Sep 14, 2018 - 04:49 AM (IST)
2017 की हिट फिल्म ‘कमांडो 2’ में अपने असाधारण एक्शन स्टंट के साथ दर्शकों को रोमांचित करने वाले विद्युत जामवाल ने पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमैंट ऑफ एनिमल्स (पीटा), भारत के नए विज्ञापन अभियान में अपने तराशे गए शरीर को दिखाया है जिसे वह अपनी वेगन (शाकाहारी) जीवनशैली और कसरत का परिणाम बताते हैं। इस विज्ञापन में वह ‘‘मांस खाने की आदत छोड़ो, वेगन बनो’’ लिखे शब्दों के बगल में खड़े दिखाई देते हैं।
वेगन लोग वे हैं जो केवल पूरी तरह से पौधों से बने खाद्य पदार्थ खाते हैं (जानवरों से बने पदार्थों को छोड़कर- जैसे कि दूध और अंडे, जो शोषित गायों और मुर्गियों से चुराए जाते हैं)। जामवाल कहते हैं, ‘‘जब लोग मुझसे पूछते हैं कि मुझे अपना प्रोटीन कहां से मिलता है, तो मैं उन्हें बताता हूं कि मैं इसे उसी जगह से प्राप्त करता हूं जहां से शाकाहारी जानवर जैसे हाथी, घोड़े और गैंडे प्राप्त करते हैं। शाकाहार से मुझे फिट रहने में मदद मिलती है। मैं जिस तरह से महसूस करता हूं उससे प्यार करता हूं।’’ पीटा इंडिया का आदर्श वाक्य है, ‘‘जानवर हमारे खाने के लिए नहीं हैं।’’
ध्यान देने वाली बात यह है कि डेयरी उद्योग भारत में गौमांस उद्योग के लिए जानवरों का मुख्य आपूर्तिकत्र्ता है और नर बछड़े, जिन्हें डेयरी उद्योग द्वारा बेकार माना जाता है, को आमतौर पर भूखा मरने के लिए छोड़ दिया जाता है या उनका गौमांस के लिए वध कर दिया जाता है। मादा बछड़ों को वैसा ही दुव्र्यवहार झेलना पड़ता है जैसा उनकी मां सहन करती है। इसमें कृत्रिम गर्भाधान के लिए औजारों का उपयोग करके जंजीर से बांधना और बलात्कार किया जाना शामिल है और जन्म के कुछ ही समय बाद उनके बछड़ों को दूर कर दिया जाता है। जानवरों को नियमित रूप से लात मारी जाती है और पीटा जाता है, पशु चिकित्सा देखभाल नहीं दी जाती और उनको अपने मल के ढेर के बीच खड़े होने और लेटने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
अंडा उत्पादन के लिए पाली जाने वाली अधिकांश मुर्गियां ऐसी जगह में रहती हैं, जो कागज की ए 4 शीट से भी छोटी होती है और उनकी चोंच के आगे के हिस्सों को गर्म ब्लेड के साथ काट दिया जाता है ताकि निराशा में उनको एक-दूसरे को चोंच मारने से रोका जा सके। जब उनका शरीर जवाब दे देता है और उन्हें अंडा उत्पादन के लिए उपयोगी नहीं माना जाता, तो उन्हें कत्लखाने में भेज दिया जाता है, जहां उनको उनके साथियों के सामने ही काट दिया जाता है। कई भारतीय हैचरीज के अंदर लिए गए वीडियो फुटेज से पता चलता है कि अंडे और मांस उद्योगों द्वारा नर और अन्य अवांछित मादा चूजों को आमतौर पर दफना, डुबा, जला या कुचल कर मार दिया जाता है अथवा जिंदा ही मछलियों को खिला दिया जाता है।
वे लोग, जो शाकाहारी होते हैं, प्रत्येक वर्ष कई जानवरों के जीवन को बचाने के अलावा हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और मोटापा से पीड़ित होने का जोखिम कम करते हैं और संयुक्त राष्ट्र ने निष्कर्ष निकाला है कि मांस, अंडे और डेयरी उद्योगों के विनाशकारी पर्यावरणीय प्रभावों के कारण जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों का मुकाबला करने के लिए शाकाहारी खाने की तरफ वैश्विक बदलाव आवश्यक है। जामवाल वेगन हस्तियों की बढ़ती सूची में शामिल हो गए हैं जिसमें कंगना राणावत, सोनम कपूर, जोक्विन फीनिक्स, पामेला एंडरसन, जैकलीन फर्नांडीज, मल्लिका शेरावत, आयशा टाकिया, मोनिका डोगरा और ब्रायन एडम्स हैं।