उन्नाव कांड : महिलाओं पर अत्याचार जारी

Monday, Aug 05, 2019 - 01:49 AM (IST)

उन्नाव बलात्कार कांड की शिकार युवती की 2 रिश्तेदार महिलाओं की कार दुर्घटना में मौत हो गई और पीड़िता गंभीर घायल होकर वैंटीलेटर पर पहुंच गई। इससे मचे बवाल के बीच सुप्रीमकोर्ट सक्रिय हुआ। अदालत ने पीड़िता को सुरक्षा और 25 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश भी उत्तर प्रदेश सरकार को देने के अलावा इस बलात्कार कांड से संबंधित सभी 5 मामले उत्तर प्रदेश की अदालत से बाहर दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने और मुख्य मुकद्दमे की सुनवाई 45 दिन के भीतर पूरी करने का आदेश दिया है। 

उन्नाव कांड को लेकर देशभर में मचे बवाल के बावजूद उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों को लेकर स्थिति में कोई बदलाव आता दिखाई नहीं देता। इसका प्रमाण उत्तर प्रदेश में ही देखने को मिला जब इन्हीं दिनों राज्य के जौनपुर जिले में जुए और शराब के लती एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को ही जुए में दाव पर लगा दिया और हारने के बाद अपने दोस्त और उसके रिश्तेदारों को अपनी पत्नी से गैंग रेप करने की अनुमति दे दी। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस से की लेकिन उन्होंने एफ.आई.आर. तक दर्ज नहीं की। जब उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया तब कहीं जाकर जिले के जफराबाद थाने में एफ.आई.आर दर्ज की गई। 

घटना के बाद पीड़िता अपने एक रिश्तेदार के यहां चली गई तो उसका पति वहां भी पहुंच गया और माफी मांग कर उसे अपने साथ ले गया लेकिन रास्ते में बीच में ही कार रोक कर एक बार फिर अपनी पत्नी को गैंग रेप के लिए अपने दोस्तों के हवाले कर दिया। इसके बाद जब पीड़िता दोबारा स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाने गई तो इस बार भी पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया और पीड़िता द्वारा पुन: अदालत का दरवाजा खटखटाने के बाद ही पुलिस ने मामला दर्ज किया। 

उन्नाव कांड पर मचे बवाल के बीच उत्तर प्रदेश में ही इस प्रकार की घटना का दोहराया जाना इस तथ्य का साक्षी है कि प्रदेश में समाज विरोधी तत्वों और पुलिस के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है। ऐसे हालात में अहमद फराज की यह पंक्तियां याद आती हैं : 
जब कत्ल हुआ सुर साजों का, जब काल पड़ा आवाजों का,
जब शहर खंडर बन जाएगा, फिर किस पर संग उठाओगे,
अपने चेहरे आईनों में, जब देखोगे डर जाओगे।

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