सेना में अधिकारी कम और जिम्मेदारियां ज्यादा
punjabkesari.in Saturday, Jul 29, 2023 - 05:27 AM (IST)

रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में 21 जुलाई को एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि इस समय सेना में 11266 कैप्टन/मेजर तथा बराबर के रैंक वाले अधिकारियों की कमी है जिसमें सेना के 4734 कैप्टन तथा 2094 मेजर, वायुसेना के 940 फ्लाइट लैफ्टिनैंट तथा 881 स्क्वाड्रन लीडर, नौसेना में 2617 लैफ्टिनैंट कमांडर तथा निचले रैंक वाले अधिकारी शामिल हैं। हथियारबंद सेनाओं के अंदर अधिकारियों की कमी वाला मुद्दा उस समय संसद में गूंजा जब देश के कई बाढग़्रस्त राज्यों के अंदर बड़ी संख्या में सेना पूरे दिल से राहत कार्यों में व्यस्त है तथा दूसरी ओर सुलग रहे राज्य मणिपुर में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना अपना अहम रोल अदा कर रही है।
फिर जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान या वैसे भी कई राज्यों में अन्य कार्यों के लिए भी सेना को बुलाया जाता है। यह कोई पहली बार नहीं है कि संसद में सेना के अधिकारियों की कमी वाला मुद्दा उठाया गया हो। जिक्रयोग्य है कि जून 2006 में पूर्व रक्षामंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी राज्यसभा के एक सदस्य का लिखित में जवाब देते हुए बताया था कि सेना में 11,256 छोटे रैंक वाले अधिकारियों की कमी है और उन्होंने आगे यह भी कहा था कि अत्यंत कोशिशों और प्रचार के बावजूद योग्य उम्मीदवार नहीं मिल रहे।
जिक्रयोग्य यह भी है कि जुलाई 2022 को रक्षा मामलों के बारे में संसद की केंद्रीय स्थायी कमेटी की ओर से जो ब्यौरे टेबल पर रखे गए उनके अनुसार स्वीकृत 14 लाख से अधिक शक्तिशाली भारतीय हथियारबंद सेनाओं में 1.26 लाख सिपाहियों, एयरमैनों और नाविकों की कमी है।
सेना का मुख्य कत्र्तव्य देश की 7 देशों के साथ लगती 15,106.7 किलोमीटर वाली लम्बी जमीनी सरहद तथा 7516.6 वाली तटवर्ती क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए विदेशी खतरों को रोकना होता है, फिर चाहे युद्ध भी क्यों न लडऩा पड़े। जून 2020 के बाद 3488 किलोमीटर वाली एल.ओ.सी. पर सैनिकों की तैनाती जोकि करीब 10 लाख थी अब बढ़ कर 50 लाख के आसपास हो चुकी है। यह भी स्पष्ट है कि अधिकारियों की कमी कोई बीते 9 वर्षों में ही नहीं बढ़ी बल्कि किसी भी सरकार ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। इस लेख में हम केवल अधिकारियों की चयन विधि, कमी तथा कारण, समस्याओं का समाधान क्या हो इस बारे ही चर्चा करना बेहतर होगा।
विधि तथा प्रभाव : हथियारबंद सेनाओं में अधिकारियों के चयन के लिए स्थायी कमिशन के लिए नैशनल डिफैंस अकैडमी (एन.डी.ए.) है जिसमें अब लड़कियां भी शामिल हैं। इंडियन मिलिट्री एकैडमी (आई.एम.ए.) में डायरैक्ट एंट्री जिसमें टैक्नीकल शाखाएं, यूनिवर्सिटी एंट्री, एन.सी.सी., आर्मी कैडेट कालेज (ए.सी.सी.) जवानों से स्थायी कमिशन के लिए शामिल हैं। इसके अलावा शॉर्ट सर्विस कमिशन (एस.एस.सी.) है जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि बीते वर्षों में महिलाओं के लिए खाली एन.डी.ए. में सभी 57 स्थान पूरे भरे गए मगर लड़कियों के लिए जिक्र नहीं किया गया? यह ज्ञात है कि एन.डी.ए. के लिए भर्ती पूरी नहीं हो रही। इसी तरीके से आई.एम.ए. के लिए स्वीकृत सिखलाई देने की सामथ्र्य 1650 है जबकि 8 दिसम्बर 2012 को 615 जी.सी. पास आऊट हुए तथा 10 जून 2023 को रैगुलर तथा टैक्नीकल कोर्स में कुल मिलाकर 374 जी.सी. ही पास आऊट हुए। कैप्टन-मेजर तथा बराबर के रैंक वाले अधिकारी रीढ़ की हड्डी होते हैं यदि सेना की यह रीढ़ की हड्डी कमजोर हो जाए तो सेना की जंगी योग्यता पर असर पड़ेगा।
बाज वाली नजर : यदि सरकार और मौकापरस्त खुदगर्ज राजनीतिक नेताओं के इरादे नेक हों तो सेना में अधिकारियों की कमी को पूरा किया जा सकता है। युवा वर्ग को उत्साहित करने के लिए जो इज्जत और सम्मान देश के बंटवारे से पहले था उसी को बहाल किया जाए। सिखलाई संस्थाओं में अधिकारी भर्ती का निर्धारित कोटा पूरा किया जाए। एन.सी.सी. के माध्यम से कमिशन के इच्छुक युवा लड़के तथा लड़कियों का मौजूदा सालाना कोटा 110 से बढ़ा कर दोगुना किया जाए। ए.सी.सी. के माध्यम से 20 से 27 साल के बीच की आयु तथा 10+2 वाले सैनिकों का कमिशन हेतु सालाना कोटा 150 से बढ़ाकर दोगुना किया जाए।
समस्त राजनीतिक पार्टियों को चाहिए कि आम चुनावों के लिए उन्हीं उम्मीदवारों को टिकटें दी जाएं जो कम से कम 10 दिनों के लिए एल.ओ.सी./एल.ए.सी. पर पहुंच कर सेना की मुश्किलों तथा अधिकारियों की कमी को समझ सके। यह सब कुछ तभी संभव है यदि सरकार सैनिकों के लिए एक अलग राष्ट्रीय कमिशन कायम कर देश के नेताओं तथा अयोग्य नौकरशाही को अधिक जिम्मेदार और जवाबदेह बनाया जा सके। इसी तरीके से फौज की मुश्किलों को समझते हुए एक अलग वेतन कमिशन का गठन किया जाए। सेना को अधिक आकर्षित करके ही इन सभी कमियों को पूरा किया जा सकता है। इसी में देश तथा सेना की भलाई होगी।-ब्रिगे. कुलदीप सिंह काहलों (रिटा.)