दुनिया जानेगी भारतीय इतिहास में सिखों की ‘सरदारी’

Thursday, Jan 05, 2023 - 07:34 AM (IST)

देश की आजादी, धर्म की रक्षा, सोसाइटी में सबसे आगे बढ़कर काम करने वाले सिख समाज का इतिहास भारतीय इतिहास में दर्ज कराने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। इसके लिए राजधानी दिल्ली में पहली बार सिख हिस्ट्री कांग्रेस-2023 का आयोजन किया जा रहा है। 3 दिन की इस कांग्रेस में श्री गुरु नानक देव जी से लेकर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के सामाजिक कार्यों और धर्म की रक्षा के लिए की गई शहीदियों का जिक्र किया जाएगा। 

इतिहास के जानकारों के मुताबिक श्री गुरु नानक देव जी पहले फ्रीडम फाइटर रहे। मुगल शासक बाबर ने गुरुनानक देव जी को जेल में डाला था। इसी प्रकार औरंगजेब के आदेश पर धर्म की रक्षा करते हुए श्री गुरुतेग बहादुर साहिब को शहीद किया गया था। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 2 साहिबजादों को दीवार में जिंदा चुनवा कर शहीद कर दिया गया था। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर बाल दिवस मनाकर देश और दुनिया को दोनों छोटे साहिबजादों का इतिहास बताया। 

इसी को ध्यान में रखते हुए सिख हिस्ट्री कांग्रेस में सभी पहलुओं को उकेरा जाएगा। देशभर के 60 से 70 इतिहासकार, प्रोफैसर एवं विशेषज्ञ सिख इतिहास को पटल पर रखेंगे और केंद्र सरकार के जरिए भारतीय इतिहास में दर्ज करवाने का प्रयास करेंगे। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से हो रहे अपने तरह के पहले आयोजन की अगुवाई पूर्व सांसद स. त्रिलोचन सिंह कर रहे हैं। वह कहते हंैं कि सिख इतिहास को लेकर देश के लेाग जागरूक ही नहीं हैं। सिखों ने देश की आजादी, समाज के लिए ऐतिहासिक काम किया है। इसके अलावा दुनिया में सिखों ने किन-किन देशों एवं शहरों में इतिहास रचा है, वह भी देश के सामने रखा जाएगा। 

कई देशों में सिख सांसद, विधायक एवं मंत्री भी बने हैं। इस हिस्ट्री कांग्रेस में इस बात को भी उठाया जाएगा कि कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी एवं अमरीका, कनाडा, आस्ट्रेलिया में सिखों का कितना योगदान था और है, उसे भी भारतीय इतिहास से जोड़ा जाएगा। बकौल त्रिलोचन सिंह भारत का इतिहास दोबारा लिखने की जरूरत है। इसमें बाकी धर्मों एवं विषयों का जिक्र तो है, लेकिन सिखों ने देश के लिए कितनी कुर्बानियां दी हैं, यह दर्ज नहीं है। केंद्र सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सिखों के प्रति अच्छा जुड़ाव है, लिहाजा सिख इतिहास को देश और दुनिया के पटल पर रखने का अच्छा मौका है। 

गोलक हटाने के बयान से सिखों में नाराजगी: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के गुरुद्वारों से गोलक उठाने की बात क्या कह दी, सिखों में नाराजगी बढ़ गई है। हालांकि एस.जी.पी.सी. ने इसको लेकर मान का बौद्धिक दिवालियापन करार दिया है। साथ ही सिख समाज से जुड़े लोग सोशल मीडिया पर भगवंत मान का विरोध कर रहे हैं और इसे कहीं न कहीं धार्मिक मामलों में सरकार की दखलंदाजी मान रहे हैं। 

इतिहास के जानकारों के मुताबिक गोलक से गुरुद्वारों का प्रबंध होता है। कर्मचारियों को वेतन दिया जाता है, संगतों के लिए सभी गुरुद्वारों में लंगर बनता है। गरीबों की सहायता की जाती है। बिजली पानी के बिल भरे जाते हैं। मरम्मत होती है। साथ ही एस.जी.पी.सी. सहित सभी संस्थाओं से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों को संचालित किया जाता है। अगर गोलक हटा ली जाएगी तो सभी काम बंद हो जाएंगे। बता दें कि सिख संगत एवं अन्य लोग अपना दशबंध श्रद्धा से गोलक में डालते हैं। 

साहिबजादों का इतिहास घर-घर तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजिंद्र सिंह सिरसा, कमेटी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने साहिबजादों के शहीदी पर्व के उपलक्ष्य में मनाए गए वीर बाल दिवस एवं साहिबजादों का इतिहास घर-घर तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े संकल्प के साथ इतिहास रचा है अब कमेटी एवं सिख संस्थाएं साहिबजादों का इतिहास देश और दुनिया को बताएंगी, ताकि देश के सभी बच्चों को उनकी वीरता के बारे में जानकारी मिल सके।-दिल्ली की सिख सियासत सुनील पांडेय
 

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