प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति का विश्व हुआ मुरीद

punjabkesari.in Friday, May 26, 2023 - 04:25 AM (IST)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान प्रवासी भारतीयों द्वारा उनका शानदार स्वागत किया गया। इस यात्रा के दौरान मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष ने मंगलवार को संयुक्त रूप से हैरिस पार्क में बनने वाले ‘लिटिल इंडिया’ प्रवेश द्वार की आधारशिला रखी, जो दोनों देशों के बीच दोस्ती का प्रतीक है और प्रवासी भारतीयों के अपार योगदान को मान्यता देता है।

प्रधानमंत्री बनने के बाद ऑस्ट्रेलिया की यह उनकी दूसरी यात्रा थी, जो पिछले 9 वर्षों में प्रमुख वैश्विक देशों के साथ भारत के बदले हुए संबंधों को प्रस्तुत करती है। अमरीका की कंसल्टैंसी फर्म मॉर्निंग कंसल्ट द्वारा जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, अभी भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के ‘सबसे लोकप्रिय’ नेता हैं, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि सिडनी के कुदूस बैंक एरीना में दर्शकों की भारी भीड़ के बीच, ऑस्ट्रेलियाई पी.एम. एंथनी अल्बानीज ने मोदी को ‘द बॉस’ कह दिया। भारत की नई विदेश नीति को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि करार दिया जाता है, जिसके कारण इसने भारत को विभिन्न मोर्चों पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। 

मोदी के नेतृत्व में क्या-क्या बदला : जब से मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने वैश्विक अभिजात वर्ग के बीच देश के विकास का प्रबंधन किया, जिसने सफलतापूर्वक भारत को एक नई वैश्विक शक्ति और एक आर्थिक उज्ज्वल स्थान प्रदान किया है। उन्होंने प्रमुख देशों के साथ भारत के रिश्तों को सुधार कर उन्हें मजबूत बनाया है, जो बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत आर्थिक रूप से बढ़ते चीन का सामना कर रहा है। भारत के साथ अमरीका के सम्बन्ध काफी बेहतर हुए हैं, साथ ही वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया के साथ भी सम्बन्ध मजबूत बने हैं। स्व-हित को प्राथमिकता देते हुए भारत ने एक महत्वपूर्ण मोड़ पर रूस के साथ अपनी रणनीतिक सांझेदारी और व्यापार जारी रखा है। यहां तक कि इसके पश्चिमी समकक्षों ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विदेश नीति भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने जैसे प्रमुख उद्देश्यों से प्रेरित है, जो अंतत: इसे एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी बना देगी, जिसके लिए निवेश और प्रौद्योगिकी को आकर्षित करने के लिए उनकी द्विपक्षीय व्यस्तताएं और विदेश यात्राएं महत्वपूर्ण हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) ने हाल ही में अपनी विश्व आर्थिक आऊटलुक रिपोर्ट- ‘ए रॉकी रिकवरी’ में भारत को विश्व अर्थव्यवस्था में एक ‘उज्ज्वल बिंदू’ के रूप में पहचाना और आने वाले वर्षों में वैश्विक विकास में भारत को एक प्रमुख योगदानकत्र्ता के रूप में देखा जा रहा है। 

सेवाओं और वस्तु सहित भारत का समग्र निर्यात पहले ही 750 बिलियन अमरीकी डॉलर को पार कर चुका है और इस वर्ष 760 बिलियन अमरीकी डॉलर को पार करने की उम्मीद है। देश ने हाल ही में विदेश व्यापार नीति (एफ.टी.पी.) 2023 शुरू की, जिसका उद्देश्य 2030 तक भारत के निर्यात को 2 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाना है। 

वैश्विक समस्याएं हल करने में योगदान : भारत को अब एक रणनीतिक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में देखा जाता है जो दुनिया की शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। इसने अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तरह जलवायु परिवर्तन से लडऩे के लिए अपने उत्सर्जन में कटौती करने का फैसला लिया है जो पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है। कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने मानवता के प्रति प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए टीकों के निर्माण को तेजी से बढ़ाकर विदेशों में भी सहायता पहुंचाई जिससे हमारे रिश्ते कई देशों के साथ बेहतर हुए। वर्ष 2019 में जब मोजाम्बिक, जिम्बाब्वे और मलावी में चक्रवात आए थे, तब भारतीय नौसेना ने  प्रभावित क्षेत्रों को भोजन और पानी प्रदान करने के लिए स्थानीय अधिकारियों का सहयोग किया था। 

बाहरी अंतरिक्ष में तकनीकी क्षमताओं को लंबे समय से विदेश नीति के एक प्रभावी उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया गया है। भारत को इस मोर्चे पर भी फायदा हुआ है। देश ने 2017 में संचार को बढ़ावा देने और अपने छह पड़ोसियों के बीच आपदा ङ्क्षलक में सुधार के लिए पहला दक्षिण एशिया उपग्रह (एस.ए.एस.) लॉन्च किया। 

मध्य-पूर्व के साथ संबंध : पी.एम. मोदी ने मध्य-पूर्व के देशों के साथ भी सौहार्दपूर्ण और रणनीतिक संबंध बनाए हैं। इस क्षेत्र में भारत की भूमिका बढ़ी है और इसे क्षेत्र में अभूतपूर्व सम्मान और महत्व दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कतर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, बहरीन, जॉर्डन और अन्य देशों के साथ भी संबंधों को मजबूत किया है। साथ ही इसराईल के साथ भी अपने संबंधों को संपन्न बनाए रखा है। 

मोदी के काम को मिली पहचान : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वसुधैव कुटुम्बकम के मूल मूल्य का समर्थन किया। यह एक कठोर राष्ट्रवादी स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि एक वैश्विक दृष्टि पेश करता है। उन्हें पापुआ न्यू गिनी, सऊदी अरब, फिजी, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, रूस और मालदीव सहित कई देशों से 11 सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार मिले हैं। इनके अलावा मोदी कई वैश्विक संगठनों से कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता भी हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और नेतृत्व ने देश के लिए दुनिया का नेतृत्व करने के लिए कई दरवाजे खोले हैं। आज दुनिया को भारत की ताकत दिखाई दे रही है। मोदी के नेतृत्व कौशल को सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया जाता है। निश्चित रूप से 2047 तक एक विकसित भारत का सपना अब प्राप्त करने योग्य लगता है।-सतनाम सिंह संधू एवं तरुण चुघ


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