...जिससे डरते थे वही बात हो गई!

punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2020 - 03:33 AM (IST)

विधानसभा में बड़ी तादाद में विधायकों की बगावत, नागरिकता कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शनों के बाद बेकाबू हुए हालात और अब पुलिस महकमे में घूसखोरी के दस्तावेजी सबूतों वाले गोपनीय पत्र के खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने बड़ी मुश्किलें हैं। मेरा स्पष्ट मानना है कि मुख्यमंत्री सौ फीसदी ईमानदार और अद्भुत परिश्रमी हैं, उनके नेतृत्व में यू.पी. पुलिस का संगठित अपराधियों और माफियाओं पर बड़ा असर दिखा है लेकिन पुलिस की घूसखोरी और बाकी बदनाम हरकतों में कमी आई है, इसमें शक की पूरी गुंजाइश है। जिलों में और उससे ऊपर तैनात तमाम अफसर पैसे का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं? जिलों में पहली पोस्टिंग पाने वाले आई.पी.एस. अधिकारी अगर रिश्वतखोरी में लिप्त हैं तो आने वाले अफसरों की नस्ल क्या सीखेगी?

दरअसल उत्तर प्रदेश में पुलिस महकमे में तैनाती से लेकर नौकरी करने के कायदे-कानून और परम्परा पर जब-तब सवाल उठते रहे हैं। माना जाता है कि बीती तीन सरकारों के अदल-बदल में भी जनता के बीच पुलिस के कामकाज की शैली और छवि ने अहम भूमिका निभाई थी। कार्यकाल के अढ़ाई साल गुजार चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने आखिरकार वही सच आ गया है, जिसको लेकर यू.पी. पुलिस की सबसे ज्यादा बदनामी होती रही है। यू.पी. में थाने से लेकर जिले तक बिकने के आरोप अक्सर चस्पा होते रहे हैं, पर इस बार तो खुद एक जिले के पुलिस कप्तान ने ही पूरे मामले को खोलकर सामने रख दिया है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एस.एस.पी.) वैभव कृष्ण के कथित वायरल अश्लील वीडियो का संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री ने मेरठ के आई.जी. रेंज आलोक सिंह से इस पूरे मामले पर जांच रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही योगी ने एस.एस.पी. द्वारा मुख्यमंत्री को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया है। योगी ने सी.एम. कार्यालय को एस.एस.पी. नोएडा द्वारा भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट भी तलब की है। एस.एस.पी. नोएडा ने मुख्यमंत्री को भेजी अपनी रिपोर्ट में आई.पी.एस. अफसरों पर भ्रष्टाचार सहित तमाम तरह के आरोप लगाए थे। वायरल हुए अश्लील वीडियो के पीछे वैभव कृष्ण ने ऐसे ही अफसरों को मुख्य साजिशकत्र्ता बताया है। 

एस.एस.पी. वैभव कृष्ण के तीन कथित फर्जी अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले अपराधियों के खिलाफ खुद उन्होंने मुकद्दमा दर्ज कराया है। पुलिस घटना की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। वीडियो वायरल होने के बाद एस.एस.पी. ने प्रैस कांफ्रैंस कर कहा कि उनकी छवि को खराब करने के लिए षड्यंत्र रचा गया है। उन्होंने कहा कि एक साल की पोस्टिंग के दौरान उन्होंने संगठित अपराध करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार में शामिल पुलिस विभाग के कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। 

अवैध उगाही में शामिल कई तथाकथित पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उत्तर प्रदेश में व्यापक पैमाने पर चल रहे होमगार्ड वेतन घोटाले का खुलासा किया है। उनके मुताबिक एक माह पूर्व उन्होंने उत्तर प्रदेश शासन को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी है जिसमें कई आई.पी.एस. अफसरों तथा पत्रकारों व नेताओं के एक संगठित गिरोह का खुलासा किया गया है जो उत्तर प्रदेश में ठेका दिलवाने, पोस्टिंग करवाने, आपराधिक कृत्य को संरक्षण देने आदि का काम करता है। उन्होंने शक जताया कि उक्त गिरोह के लोगों ने ही उनके खिलाफ षड्यंत्र रच कर फर्जी वीडियो को वायरल किया है।-हेमंत तिवारी


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