‘आतंकवादियों के मददगारों की गर्दन’ ‘अब सुरक्षा बलों की मुट्ठी में’

punjabkesari.in Wednesday, Jun 04, 2025 - 05:32 AM (IST)

 22 अप्रैल को पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादियों द्वारा ‘पहलगाम’ में 26 हिंदू पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत जहां आतंकियों के अनेक ठिकानों को तबाह कर दिया, वहीं सुरक्षा बलों ने अब जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों और उनके मददगारों को ढूंढ निकालने और उनकी गिरफ्तारी का अभियान भी तेज कर दिया है। इससे आतंकवादियों के मददगारों की गर्दनें सुरक्षाबलों की मुट्ठी में आती जा रही हैं। इसी शृंखला में पिछले लगभग डेढ़ महीने के दौरान आतंकवादियों के अनेक मददगार गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें से चंद निम्न में दर्ज हैं :

* 24 अप्रैल को ‘बांदीपोरा’ के ‘गरूर्रा’ इलाके में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के 3 मददगारों ‘मोहम्मद यूनुस शेरगोगरी’, ‘आदिल खुर्शीद डार’ तथा ‘बिलाल अहमद नागू’ को गिरफ्तार करके उनके पास से एक चीनी पिस्तौल और 8 जिंदा कारतूसों सहित एक अन्य पिस्तौल तथा 2 हथगोले बरामद किए।
* 24 अप्रैल को ही ‘बांदीपोरा’ जिले में ‘लश्कर-ए-तैयबा’ से जुड़े 4 मददगारों  ‘मोहम्मद रफीक खांडे’, ‘मुख्तार अहमद डार’, ‘रईस अहमद डार’ और ‘मोहम्मद शफी डार’ को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से चीनी हैंड ग्रेनेड, 7.62 एम.एम. मैगजीन और कारतूस बरामद किए गए।  

* 26 अप्रैल को ‘कुलगाम पुलिस’ ने सेना तथा सी.आर.पी.एफ. के साथ एक संयुक्त अभियान में आतंकवादियों के 2 मददगारों ‘बिलाल अहमद भट’ तथा ‘मोहम्मद इस्माइल भट’ को गिरफ्तार करके उनके पास से 2 पिस्तौलें, पिस्तौल के कारतूस और पिस्तौलों के 2 मैगजीनों सहित भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया।
* 05 मई को ‘कुलगाम’ जिले में आतंकवादियों को भोजन और आश्रय प्रदान करने वाला एक व्यक्ति सुरक्षा बलों से बचने के प्रयास में नदी में कूद गया और डूब जाने से उसकी मृत्यु हो गई।  
* 16 मई को ‘बडगाम’ तथा ‘श्रीनगर’ में ‘लश्कर-ए-तैयबा’ के 3 आतंकियों ‘मुजम्मिल अहमद’, ‘इशफाक पंडित’ तथा ‘मुनीर अहमद’ को गिरफ्तार किया गया जिन्होंने टार्गेट किङ्क्षलग की योजना बनाई थी। इनके पास से 1 हथगोला, 1 पिस्तौल तथा अन्य साजो सामान बरामद किया गया। ये तीनों लश्कर के कमांडर ‘आबिद क्यूम लोन’ के लिए काम कर रहे थे। 

* 18 मई को ‘श्रीनगर पुलिस’ ने आतंकवादियों के 23 मददगारों को गिरफ्तार करके राज्य की ‘पुंछ’, ‘ऊधमपुर’ तथा ‘कोट भलवाल’ की जेलों में भेजा।
* 19 मई को सुरक्षा बलों ने ‘शोपियां’ में एक संयुक्त अभियान में आतंकवादियों के 2 मददगारों को गिरफ्तार करके उनके पास से 2 पिस्तौलें, 4 ग्रेनेड, 43 जिंदा कारतूस तथा अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की। 
* 28 मई को सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के 2 मददगारों ‘इरफान बशीर’ तथा ‘उजैर अहमद भट’ को ‘बुस्चुकन’ क्षेत्र से गिरफ्तार करके उनके पास से 2 ए.के. 56 राइफलें, 2 ग्रेनेड तथा 102 कारतूस बरामद किए। 
* 2 जून को ‘श्रीनगर’ पुलिस ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के 5 मददगारों ‘नईम अहमद’, ‘फैजान अख्तर’, ‘मेहराजुद्दीन’, ‘उमर हामिद’ तथा ‘सुहैब शफी’ को जनसुरक्षा अधिनियम (पी.एस.ए.) के अंतर्गत गिरफ्तार किया।

और अब 3 जून को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ‘मनोज सिन्हा’ ने आतंकवादी संगठनों ‘लश्कर-ए-तैयबा’ तथा ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ से जुड़े 3 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए। इनमें एक पुलिस कर्मचारी मलिक ‘इशहाक नसीर’, अध्यापक ‘एजाज अहमद’ और श्रीनगर स्थित सरकारी मैडीकल कालेज में जूनियर असिस्टैंट ‘वसीम अहमद खान’ शामिल हैं। विडम्बना यह है कि इस तरह की राष्टï्र विरोधी गतिविधियों में चंद सरकारी कर्मचारी भी शामिल पाए जा रहे हैं। अत: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद समाप्त करके शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए यहां सक्रिय आतंकवादियों के साथ-साथ उनकी सहायता करने वाली काली भेड़ों का पता लगाकर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाना और कठोरतम दंड देना बहुत जरूरी है जिसके लिए इस अभियान में और तेजी लाने की जरूरत है।—विजय कुमार


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