घातक साबित हो सकता है शरीफ बंधुओं द्वारा इमरान के खिलाफ खेला जा रहा ‘इंडिया कार्ड’

punjabkesari.in Monday, May 29, 2023 - 05:27 AM (IST)

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ शरीफ बंधुओं द्वारा ‘इंडिया कार्ड’ खेला जा रहा है, जो घातक साबित हो सकता है क्योंकि इसका उद्देश्य खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पी.टी.आई.) और उसके प्रमुख को खत्म करना है, जिसने जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व में शक्तिशाली सेना के साथ सीधे टकराव का रास्ता अपनाया है। 

इमरान और उनके समर्थकों के खिलाफ सुनवाई शुरू होगी : एक खतरनाक घटनाक्रम में, सेना प्रमुख ने घोषणा की है कि अधिकारियों ने पाकिस्तान सेना अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1952 के तहत षड्यत्रकारियों, भड़काने वालों, अपहरणकत्र्ताओं और साजिशकत्र्ताओं के खिलाफ मुकद्दमा शुरू किया है, जिसमें मृत्युदंड, आजीवन कारावास आदि सहित सजा के प्रावधान हैं। इमरान खान ‘समर्थकों पर सेना अधिनियम के तहत मुकद्दमा चलाया जाएगा क्योंकि वे 9 मई को सैन्य प्रतिष्ठानों और सैन्य कर्मियों पर हमले में शामिल थे। इमरान खान को अपने समर्थकों को हिंसा में शामिल होने के लिए उकसाने के लिए सेना के मुकद्दमे का भी सामना करना पड़ेगा, जिसका अर्थ आजीवन कारावास या मृत्युदंड हो सकता है। 

‘इंडिया कार्ड’ आम लोगों को इमरान खान सेे दूर कर सकता है : अब शहबाज शरीफ  की सरकार और उनके भाई पूर्व पी.एम. नवाज शरीफ इमरान को सबक सिखाने पर उतारू नजर आ रहे हैं, इसलिए वे भारतीय मीडिया में उनकी तारीफों के पुलों को उद्धृत कर रहे हैं। शरीफ ने 9 मई को खान के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा की तुलना प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टी.टी.पी.) आतंकवादी समूह के कृत्यों से की है, जो इमरान के राजनीतिक करियर के अंत की शुरूआत हो सकती है या यहां तक कि उनके जीवन को खतरे में डाल सकती है। 
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर का कहना है कि पहले मोहम्मद अली जिन्ना की बहन फातिमा जिन्ना को फील्ड मार्शल अयूब खान द्वारा भारतीय एजैंट घोषित किया गया था और शेख मुजीबुर्रहमान को जनरल याहिया खान द्वारा भारतीय एजैंट बताया गया था। इसी तरह, बेनजीर भुट्टो पर जनरल जिया द्वारा एक भारतीय एजैंट का ठप्पा लगाया गया था और नवाज शरीफ को जनरल मुशर्रफ के समर्थकों द्वारा एक भारतीय एजैंट करार दिया गया था। 

अब, एक नए प्रोपेगंडे ने पी.टी.आई. के कई नेताओं को झकझोर दिया है और उनमें से कुछ राजनीति और यहां तक कि पार्टी भी छोड़ रहे हैं। भारतीय सेना के एक रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या के ट्वीट इस बात का सबूत बन रहे हैं कि इमरान खान भारत को खुश करने का काम कर रहे हैं। भारतीय पत्रकार सुशांत सरीन का एक वीडियो क्लिप लगभग सभी पाकिस्तानी टी.वी. चैनलों द्वारा प्रसारित किया गया। सरीन ने कहा, ‘‘इमरान खान उनका सपना थे क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान को तबाह कर दिया।’’ इमरान पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान के लिए नया ‘भारतीय एजैंट’ है।

दिलचस्प बात यह है कि इसी समान ‘पाकिस्तान कार्ड’ भारतीय राजनीति में दिवंगत श्रीमती इंदिरा गांधी से लेकर मोदी के शासन तक खेला गया, जिसने हमारे देश में चुनावों में बहुत लाभ पहुंचाया। भाजपा के गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने विपक्षी कांग्रेस पर पाकिस्तान के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस गलती से गुजरात में चुनाव जीत जाती है तो पाकिस्तान में दीवाली मनाई जाएगी क्योंकि यह पार्टी हमारे दुश्मन से जुड़ी है। 

लोगों की ‘संरक्षक’ के रूप में सेना की प्रतिष्ठा दांव पर : सेना के जनरलों ने 1947 से (यानी 1958-71, 1977-88 और 1999-2008) 3 तख्तापलटों के माध्यम से पाकिस्तान पर शासन किया है। सेना का दबदबा पाकिस्तान की घरेलू राजनीति व विदेशी मामलों की जड़ों तक में है, जिसे आम आदमी की ‘संरक्षक’ के तौर पर देखा जाता है, जिसका विश्वास तब डगमगा गया जब हाल ही में इमरान खान द्वारा इसके निॢववाद अधिकार को चुनौती दी गई। अब यह इमरान के ताबूत में आखिरी कील साबित हो सकता है क्योंकि उनके समर्थकों ने सैन्य प्रतिष्ठानों और सेना कमांडर के आवास पर हमला किया, जो सैन्याधिकारियों की कल्पना से परे है। 

पाकिस्तान में उथल-पुथल भारत के लिए अच्छी नहीं : प्रशासन पर सेना के नियंत्रण का मतलब कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों में वृद्धि होगी क्योंकि आई.एस.आई. पाकिस्तान में अपने स्वार्थी लाभ के लिए मामले को भड़काए रखने के लिए प्रतिशोध के साथ ऐसा कर सकती है। एक प्रमुख राजनीतिक समूह, इमरान की पार्टी (पी.टी.आई.) का सफाया अपने आप अन्य दलों को सीधे होने और सेना की प्रशंसा करने के लिए मजबूर करेगी।-के.एस. तोमर


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