सीरियाई जंग को झूठ के आधार पर खींचा जा रहा है

Tuesday, Apr 17, 2018 - 03:18 AM (IST)

यदि सीरिया में युद्ध शुरू होता है तो यह पूर्णत: बशर अल असद द्वारा जहरीली गैस के इस्तेमाल के आरोपों को लेकर भड़केगा। वह क्यों अपने ही लोगों पर गैस का इस्तेमाल करेंगे जबकि वह सभी पश्चिमी आकलनों के अनुसार युद्ध जीत रहे हैं? और कैसे ‘व्हाइट हैलमेट्स’ घायल बच्चों की सटीक क्लोज-अप तस्वीरें ले सकते हैं? क्यों उन पर गैस का जहरीला असर नहीं हुआ? मेरी आवाज बहुत छोटी है मगर मैंने सीरियन दुखांत में शामिल सभी देशों का दौरा किया है और मैं पूरी समझ के साथ कह सकता हूं कि इस युद्ध को झूठ तथा अज्ञात कारणों के आधार पर खींचा जा रहा है। 

29 मार्च, 2018 को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ओहायो में घोषणा की थी कि अमरीका ‘बहुत जल्दी’ सीरिया से बाहर निकल जाएगा एवं अन्य देशों को उसका भार उठाना चाहिए। जैसे कि इससे संकेत लेते हुए साऊदी क्राऊन पिं्रस मोहम्मद बिन सलमान ने घोषणा कर दी कि बशर अल असद सीरिया के राष्ट्रपति बने रहेंगे। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि अमरीकी सेना को यदि लम्बे समय के लिए नहीं तो थोड़े समय के लिए सीरिया में तैनात रहना चाहिए। सीरिया में असद विरोधी अभियान का नेतृत्व करने वाले 2 नेताओं के हृदय परिवर्तन के पीछे खुफिया तंत्र की गलती थी। दरअसल इसमें दोहरी चूक हो गई। दमिश्क के साथ घोऊटा को घेरने की बड़ी योजना थी और इसमें अमरीकी वायुसेना ने एयर-कवर उपलब्ध करवाना था।

सीरियन खुफिया तंत्र को इस योजना के ब्यौरे का पता चल गया। अमरीका कैसे दमिश्क पर एक बड़े वायुसेना अभियान को न्यायोचित ठहराएगा? ब्रिटिश सेना अधिकारी जेम्स ली मेसुरियर द्वारा आतंकवादियों के एक मिश्रित समूह तथा देशी कार्यकत्र्ताओं के प्रचार अभियान को बढ़ावा देने के लिए स्थापित मल्टीमिलियन डालर की एन.जी.ओ. व्हाइट हैलमेट्स से आशा की जाती थी कि वह इस अवसर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वह पूर्वी घोऊटा के एक नगर डोऊमा में ‘विषैली गैस’ दान करते। इसे सीरियन ‘नृशंसता’ के तौर पर आकाश की ऊंचाई तक विस्फोट से उड़ा दिया जाता। ऐसे में वायु सेना के अभियान को न्यायोचित ठहराया जाता। 

जब यह योजना लीक हुई तो सीरियन सेना ने डोऊमा में डेरा जमा लिया। उन्होंने रंगे हाथों कम से कम 14 खुफिया अधिकारियों को पकड़ा जिनमें से 8 सऊदी अरब से थे और एक-एक अमरीका, इसराईल, तुर्की, कतर, जार्डन तथा मोरक्को से था। कुछ की राष्ट्रीयता पर प्रश्रचिन्ह लगा था। एक तुर्क इस गैंग में क्या कर रहा था? क्या तुर्की दोनों तरफ से खेल खेल रहा था? कतर तथा सऊदी अरब को एक-दूसरे के कट्टर विरोधी माना जाता है। अत्यधिक चौकस मोरक्को डोऊमा में क्या कर रहा था? यह सब कुछ एक भीषण शहरी गुरिल्ला युद्ध के बीच हो रहा है। कौन जानता है कि इस खेल में और कितने देशों के लोग शामिल हैं? 

संक्षेप में कहें तो खुफिया अधिकारियों के पकड़े जाने से ट्रम्प तथा उनके मित्र देशों को उलटे पांव पीछे लौटना पड़ा। स्वाभाविक है कि उनको डर होगा कि उनके अधिकारी शीघ्र ही सारा भेद उगल देंगे। मगर ब्रिटिश तथा फ्रैंच अधिकारियों को ऐसा कोई डर नहीं है। सूची में उनके अधिकारी नहीं हैं। इन देशों को अपने ही घर में कई समस्याएं हैं। उन्होंने कोई परवाह नहीं की जब व्हाइट हैलमेट्स, जो झूठे ध्वजवाहक हैं, ने अपने उपकरणों को डेटोनेट किया, लोगों को मारने अथवा सांस लेने में तकलीफ पहुंचाने की बजाय नैटवक्र्स तथा न्यूज एजैंसियों को हृदयविदारक पिक्टोरियल कवरेज के लिए। इससे उनकी समस्याओं की तरफ से ध्यान हट जाएगा। ब्रिटेन के मामले में ये समस्याएं अस्तित्वपरक थीं। 

हैलमेट्स को मनोविज्ञानियों द्वारा स्पष्ट तौर पर सलाह दी गई थी कि 4-5 वर्ष की आयु के बीच के बच्चे सर्वाधिक मासूम दिखाई देते हैं। यदि इन बच्चों को पट्टियों में लिपटे दिखाया जाए, उनके अंगों को सहारों के साथ लटकते दिखाया जाए तथा चारों ओर से रूदन की आवाजें सुनाई जाएं तो उनका मिशन सफल हो जाएगा। एक सिद्धांत यह है कि ट्रम्प जितने चाहे उतने सफेद झंडे फहरा लें, इसकी परवाह किए बिना देश अपने एजैंडे पर आगे बढ़ता रहेगा। वास्तव में यह इतिहास में एकमात्र ऐसा पल है जब वैश्विक मामलों को नियंत्रित अथवा निर्देशित करने के लिए कोई सुपर पावर नहीं है।-सईद नकवी

Pardeep

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