चीन का अजीब कानून, बच्चों के स्कूल में सोने पर वसूले जाएंगे 200 युआन

punjabkesari.in Wednesday, Sep 13, 2023 - 05:58 AM (IST)

चीन में आर्थिक हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। इसका अंदाजा इस बात से लग जाएगा कि चीन सरकार अब अपनी जनता से पैसे वसूलने के लिए बर्बरता की हद तक जा पहुंची है। क्वांगतुंग प्रांत के तुंगवान शहर से खबर आ रही है कि वहां पर एक स्कूल ने बच्चों से दोपहर खाने के बाद अपने डैस्क पर सिर रखकर सोने के लिए 200 युआन वसूलना शुरू कर दिया है। 

चीन में स्कूल के नियम में यह बात शामिल है कि दोपहर के खाने के बाद बच्चों को थोड़ी देर स्कूल में सोने दिया जाता है, जिससे उनका दिमाग तरोताजा रहे और वे मन लगाकर पढ़ाई कर सकें। स्कूल द्वारा बच्चों के सोने पर पैसे वसूले जाने की बात को लेकर पूरे चीन के नेटिजनों (सोशल पर सक्रिय लोग) में चर्चा गर्म है, और लोग इसे लेकर चीन सरकार की बहुत आलोचना कर रहे हैं। चीन की आॢथक हालत खराब है, यह बात दुनिया जानती है लेकिन चीन सरकार धन उगाही के लिए इस हद तक गिर जाएगी, यह बात किसी को नहीं मालूम थी। 

चीन के पक्के दोस्त पाकिस्तान की हालत भी इन दिनों चीन जैसी ही है और वहां पर भी लोगों से कई तरीकों से पैसे वसूले जा रहे हैं। इन दिनों वहां पर घरों की बिजली का बिल इतना ज्यादा आ रहा है कि आम आदमी अचंभे में है। जिन लोगों का एक महीने का बिजली का बिल 4 से 5 हजार रुपए आता था, आज उनका बिल 32 हजार, 40 हजार और 57 हजार आ रहा है। पाकिस्तान सरकार से उम्मीद की जा सकती है कि वह अपनी जनता से पैसे वसूलने के लिए इतना नीचे गिर जाएगी क्योंकि पाकिस्तान सरकार के पास फॉरैक्स रिजर्व भी नहीं बचे लेकिन चीन सरकार ऐसा करेगी, कोई सोच भी नहीं सकता है। दक्षिणी चीन के क्वांगतुंग प्रांत के तुंगवान शहर की इस घटना को मीडिया ने भी प्रमुखता दी है। 

मीडिया द्वारा किए गए सवालों के जवाब में खुद स्कूल प्रशासन ने इस खबर के सही होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि नया फीस स्लैब सरकार के नियमों के अनुसार ही वसूला जा रहा है, जिसे इस वर्ष मार्च में तय किया गया था। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर किसी के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि यह स्कूल की मनमानी है तो इसका समाधान हो चुका है और वही नेटिजन स्कूल के साथ-साथ सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना कर रहे हैं। इस नए फीस स्लैब के साथ बच्चों को दो विकल्प दिए गए हैं कि या तो फीस दो या फिर खाने की छुट्टी के दौरान घर चले जाओ। इस तरह का सर्कुलर बच्चों के अभिभावकों को भेजा गया है। लेकिन आगे बात बढ़ती देख म्यूनिसिपल कार्पोरेशन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि यह फीस स्लैब कितना तर्कसंगत है। तुंगवान शहर के डिवैल्पमैंट एंड  रिफॉर्म ब्यूरो स्टाफ ने कहा कि उनकी नजर में स्कूल ने जो फीस बढ़ाई है वह सही है। 

उन्होंने अपने तर्क की सफाई में कहा कि लंच टाइम में बच्चों के स्कूल में सोने की जो फीस ली जा रही है, वह दरअसल उन बच्चों को सुपरवाइज करने की कीमत वसूली जा रही है, जो कानूनी तौर पर सही है। इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचना शुरू हो गया। कुछ नेटिजनों ने कहा कि अब बच्चों से स्कूल में सांस लेने के पैसे भी चार्ज किए जाएंगे। कुछ दूसरे नेटिजनों ने कहा कि सिर्फ इतना ही नहीं, अगर बच्चे स्कूल के गलियारे में खड़े हैं तो उनसे उस बात के भी पैसे वसूले जाएंगे। कुछ ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि अब आपको स्कूल में सोने के लिए पैसे देने होंगे। यहां तक कि आने वाले दिनों में स्कूल के शौचालय इस्तेमाल करने पर भी आपसे पैसों की वसूली होगी। हाल के वर्षों में चीन के समक्ष वित्तीय चुनौतियां बढ़ी हैं, इससे न सिर्फ सी.पी.सी. बल्कि स्कूलों में बच्चों के दाखिला नहीं लेने से स्कूल के पास अपना मैनेजमैंट चलाने के पैसे भी नहीं बचे। इसकी वजह से चीन के कई शहरों में प्राइवेट प्राइमरी और सैकेंडरी स्कूल बंद हो चुके हैं। 

इस वित्तीय परेशानी के कारण कई सरकारी स्कूलों पर भी बुरा असर पड़ा है और उनके पास भी कोई फंड नहीं बचे, जिससे वे अपना प्रबंध चला सकें। यही वह कारण है जो चीन में अब स्कूल के बच्चों तक से मनमाने तरीके से पैसे वसूले जा रहे हैं और बच्चों के अभिभावकों के पास कोई चारा नहीं बचा। अगर उन्हें अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ाना है तो उन्हें ये पैसा देना जरूरी है।


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