आनलाइन फूड सप्लाई के लिए ‘हाईजीन रेटिंग’ लागू करने हेतु उठाया गया कदम प्रशंसनीय

Thursday, Jun 06, 2019 - 04:37 AM (IST)

जहां सारे देश का ध्यान गत कई महीनों से ऊंचे दाव वाले आम चुनावों पर केन्द्रित था और विशेषकर चुनाव प्रचार के लम्बे दो महीनों से लेकर अंतिम चुनाव परिणामों तक, कई अन्य मुद्दों तथा घटनाक्रमों पर ध्यान नहीं गया। इनमें से एक था पंजाब सरकार द्वारा खाद्य वस्तुओं की आनलाइन आपूर्ति के लिए हाईजीन रेटिंग (स्वच्छता मूल्यांकन) लागू करने के लिए उठाया गया प्रशंसनीय कदम। दूसरे शब्दों में इसका अर्थ यह हुआ कि ऑनलाइन कम्पनियों द्वारा तैयार तथा डिलीवर किए जाने वाले भोजन को इसके बनाए जाने के दौरान स्वच्छता के न्यूनतम मानदंड को बनाए रखना होगा। 

गत कुछ वर्षों के दौरान खाने की वस्तुओं का ऑनलाइन आर्डर देने के रुझान में बहुत तेजी आई है। इस रुझान को ब्रांडिड बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने प्रोत्साहन तथा बढ़ावा दिया जिनमें से बहुत ने इसकी शुरूआत केवल ‘टेक-अवे’ यानी ले जाओ आऊटलैट्स के साथ की। यह इन कम्पनियों के लिए किफायती था क्योंकि वे बड़े-बड़े परिसरों को किराए पर लेने तथा उनका रख-रखाव करने, कर्मचारी रखने जैसे ऊपरी खर्चों से बच सकती थीं। इस बानगी (मॉडल) को छोटे उद्यमियों ने अपनाया, जो पैकेज्ड भोजन तैयार करने के लिए छोटे परिसर अथवा रसोइयां किराए पर देते थे। यह सर्वविदित है कि इन छोटी कम्पनियों में से बहुत-सी अत्यंत अस्वच्छ स्थितियों में चलाई जा रही थीं, जिनमें आधारभूत मानदंडों को सुनिश्चित करने वाला कोई नहीं था। 

पश्चिमी देशों में कड़े नियम
पश्चिमी देशों में, जहां भोजन के लिए ऑनलाइन आर्डर करने का रुझान कई वर्षों से बहुत अधिक है, संबंधित सरकारें बहुत कड़े नियम सुनिश्चित करती हैं। ऐसे परिसरों में अचानक जांच की जाती है जहां भोजन तैयार किया जाता है और कुछ ऐसे नियम निर्धारित किए गए हैं, जिन पर इन उद्यमियों को चलना ही पड़ता है। संयोग से विदेशों में रह रहे बड़ी संख्या में भारतीय व्यवसाय चलाते हैं, जिनमें उनके घरों में भोजन तैयार करना शामिल है, विशेषकर भारतीय व्यंजनों की अत्यंत लोकप्रियता के कारण। 

यद्यपि इन परिसरों की नियमित रूप से जांच की जाती है और यदि ये स्वच्छता तथा सफाई के न्यूनतम मानदंडों को पूरा नहीं करते तो इन्हें तुरंत बंद कर दिया जाता है। ऐसे अधिकतर उद्यमियों तथा व्यक्तियों को कानून लागू करने वाले अधिकारी हमेशा चौकस रखते हैं। देश में ऑनलाइन खाद्य उद्योग में आए उछाल ने अभी तक ऐसे व्यक्तिगत प्रयासों व उद्योगों को खुला हाथ दे रखा है। 

एक एजैंसी रिपोर्ट के अनुसार भारत में ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्कीट 90 प्रतिशत की मिश्रित वाॢषक वृद्धि दर के साथ बढ़ रही है और इसके अगले वर्ष की पहली तिमाही तक 4 अरब डालर तक पहुंचने की आशा है। रिपोर्ट के अनुसार इस रुझान के और भी अधिक तेजी से बढऩे की सम्भावना है। निश्चित तौर पर विवाहित जोड़ों में से दोनों के अपने करियर्स में व्यस्त होने से उनमें से अधिकतर भोजन का ऑनलाइन आर्डर देने को अधिमान देते हैं। यही उन बच्चों के बारे में भी सच है जो घर में बने खाने की बजाय तथाकथित जंक फूड को अधिमान देते हैं। पंजाब सरकार की यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने हेतु अवश्य सराहना की जानी चाहिए कि ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से डिलीवर किए गए भोजन में स्वच्छता तथा गुणवत्ता के न्यूनतम मानदंडों को बनाए रखा जाए।

हाईजीन रेटिंग के बिना डिलीवरी नहीं
एक आधिकारिक प्रपत्र के अनुसार पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा ने भोजन की आपूॢत करने वाली सभी ऑनलाइन कम्पनियों को उनके साथ पंजीकृत या जुड़े खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफ.बी.ओज) की स्वच्छता रेटिंग प्रदॢशत करने का निर्देश दिया है। उन्हें इसके लिए 3 महीने का समय देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि इस संबंध में औपचारिक निर्देश जारी होने के 90 दिनों के बाद ‘राज्य में हाईजीन रेटिंग के बिना कोई भी ऑनलाइन फूड आर्डर डिलीवर नहीं किया जाएगा।’ 

इस संबंध में ब्यौरा देते हुए पंजाब के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के आयुक्त एवं टैनड्रस्ट पंजाब मिशन के निदेशक के.एस. पन्नू ने बताया कि ऑनलाइन फूड आर्डर एंड सप्लाई कम्पनियां ग्राहकों से भोजन की आर्पूति हेतु ऑनलाइन आर्डर लेती हैं और उनसे जुड़े फूड बिजनैस आप्रेटर्स से उनका आर्डर इकट्ठा कर डिलीवर करती हैं। सामान्य परिस्थितियों के अंतर्गत उपभोक्ता फूड बिजनैस आप्रेटर से प्राथमिक सम्पर्क के माध्यम से सीधे सम्पर्क करता है क्योंकि वह भोजन की गुणवत्ता तथा स्थिति से अवगत होता है, जिसके अंतर्गत भोजन तैयार या सर्व किया जाता है। भोजन आपूर्ति की ऑनलाइन आर्डर तथा डिलीवरी प्रणाली ने ग्राहक तथा भोजन निर्माता के बीच सीधा संबंध समाप्त कर दिया है। 

अत:, पन्नू ने बताया कि ‘भोजन की गुणवत्ता तथा स्वच्छतापूर्ण स्थिति, जिसके अंतर्गत भोजन तैयार किया जाता है, को सुनिश्चित करने का दायित्व बीच वाली भोजन आर्पूति प्रणाली को स्थानांतरित हो गया है।’ इस संदर्भ में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों पर यह निर्णय लिया गया कि सभी ऑनलाइन फूड आर्डर्स एवं डिलीवरी कम्पनियां सुनिश्चित करेंगी कि उनके साथ पंजीकृत एवं जुड़े हुए एफ.बी.ओज फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथारिटी ऑफ इंडिया (एफ.एस.एस.ए.आई.) के साथ सूचीबद्ध कम्पनियों से अपनी हाईजीन रेटिंग करवाएं। रेटिंग व्यवस्था का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि 5 स्माइलियों के स्तर की हाईजीन रेटिंग को एफ.एस.एस.ए.आई. के दिशा-निर्देशों के तौर पर लिया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य अधिकरण ने एफ.बी.ओज का ऑडिट तथा हाईजीन रेटिंग करने के लिए कई कम्पनियों को सूचीबद्ध किया है। 

वैबसाइट पर देना होगा ब्यौरा
सरकार ने ऐसे आऊटलैट्स को उनके साथ पंजीकृत सभी एफ.बी.ओज की हाईजीन रेटिंग करवाने का निर्देश दिया है और केवल उन्हीं फूड बिजनैस आप्रेटर्स को ऑनलाइन फूड आर्डर्स अथवा डिलीवरी प्रणाली के अंतर्गत भोजन की आर्पूति करने की इजाजत होगी, जिनका हाईजीन रेटिंग का स्तर उच्च (3 या अधिक स्माइलियां) होगा। उन्हें यह भी कहा गया है कि उनकी कम्पनियों की वैबसाइट पर उनके साथ पंजीकृत खाद्य संस्थानों के हाईजीन रेटिंग संबंधी ब्यौरे लिखे जाने चाहिएं ताकि ग्राहक भोजन आपूर्ति के लिए ऑनलाइन आर्डर देने से पहले अच्छी तरह से निर्णय लेने में सक्षम हों। 

आदेश में कहा गया है कि जिस पैकेजिंग में ग्राहक को ऑनलाइन फूड आर्डर एंड सप्लाई कम्पनी द्वारा भोजन की आपूर्ति की जाएगी, उस पर ग्राहक को डिलीवरी के लिए भोजन की आपूर्ति करने वाली इकाई की हाईजीन रेटिंग की स्थिति दर्ज हो। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ग्राहक को निम्र गुणवत्ता का भोजन डिलीवर न किया जाए, यह निर्णय दूरगामी साबित होगा। उपभोक्ता के पक्ष में ऐसे कदमों की अवश्य सराहना की जानी चाहिए लेकिन इसके साथ ही सरकारों को यह जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि यह बेशर्म अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार का एक अन्य रास्ता न बन जाए।-विपिन पब्बी

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