सस्ती बिजली का स्रोत : आनंदपुर साहिब हाइडल प्रोजैक्ट

punjabkesari.in Thursday, Jul 27, 2023 - 05:51 AM (IST)

किसी भी राज्य की तरक्की के लिए बिजली का उत्पादन होना बेहद लाजिमी है। वर्तमान में वही राज्य तरक्की कर सकते हैं जो सस्ती दरों पर अपने उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध करवा सकते हों। किसी भी राज्य में औद्योगिक और कृषि क्षेत्र के विस्तार और तरक्की के लिए उनकी जरूरत के अनुसार बिजली की पैदावार होना बेहद जरूरी है। आनंदपुर साहिब हाइडल प्रोजैक्ट भाखड़ा डैम की डाऊन स्ट्रीम और रोपड़ की ओर से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस परियोजना का नाम खालसा पंथ के जन्म स्थान आनंदपुर साहिब के प्रसिद्ध ऐतिहासिक पवित्र शहर के समीप होने के कारण रखा गया है। 

यह कस्बा अपने आप में सुंदर शिवालिक पहाड़ी श्रेणी की पहाडिय़ों पर स्थित है तथा मार्च के महीने में होला-मोहल्ला त्यौहार के दौरान हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके साथ ही प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर भी शिवालिक की पहाडिय़ों  पर इस परियोजना के निकट स्थित है। यह परियोजना अतिरिक्त पानी के इस्तेमाल के लिए निर्मित की गई थी। ब्यास और सतलुज दरिया देहरा स्थित इंटरलिंकिंग के नतीजे के तौर पर भाखड़ा नंगल सिस्टम का 10,150 क्यूसिक अतिरिक्त जल सतलुज दरिया से नंगल रिजरवायर के बाएं किनारे से लिया गया है। इसका इस्तेमाल आनंदपुर साहिब हाईडल चैनल नाम की नई 34 किलोमीटरपक्की नहर जिसका नाम आनंदपुर साहिब हाइडल प्रोजैक्ट है, की ओर से बिजली के उत्पादन के लिए तैयार किया गया है। 

आनंदपुर साहिब हाईडल प्रोजैक्ट  पर 206.86 करोड़ रुपए की लागत आई है। इसकी पावर सामथ्र्य को गंगूवाल और नकिया स्थित 2 एक जैसे पावर हाऊस बनाकर टैप किया गया है। गंगूवाल पावर हाऊस नंगल तालाब से करीब 19 किलोमीटर डाऊन स्ट्रीम (आनंदपुर साहिब हाइडल चैनल) पर स्थित है। गंगूवाल पावर हाऊस का पानी नकिया के पावर हाऊस तक आनंदपुर साहिब हाइडल चैनल के दूसरे हिस्से करीब 11 किलोमीटर  की नहर के माध्यम से ले जाया जाता है। दोनों पावर हाऊसों की कुल ऊंचाई 92.69 फुट है। नकिया पावर हाऊस का पानी लाहौड खंड के माध्यम से सतलुज दरिया में भेजा जाता है। प्रत्येक पावर हाऊस को 2&33.5 मैगावाट के बी.एच.ई.एल. हरिद्वार की टर्बाइनलों के साथ लैस किया गया है। इन टर्बाइनों के पानी की पाइपों का 6 मीटर घेरा है जिसके द्वारा (5075 क्यूसिक) पानी की सप्लाई की जाती है। इस प्रोजैक्ट में बिजली 11 किलो वॉट पर पैदा होती है जिसे 132 किलोवॉट से बढ़ाकर क्षेत्रीय ग्रिड में भेज दिया जाता है। 

यह पावर हाऊस वर्ष 1985 के अप्रैल और मई माह के दौरान चालू किए गए थे और यह देखा जा रहा है कि दोनों पावर हाऊसों की 4 मशीनें पूरी/हिस्से पर चालू होने के बाद भी  नंगल स्थित नंगल तालाब से निकलने वाले पानी की उपलब्धता अनुसार तसल्लीबख्श ढंग से चल रही है। पावर हाऊसों के पूरे लोड को चलाने के लिए पानी की जरूरत करीब 10150 क्यूसिक है। पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के आनंदपुर साहिब जनरेशन क्षेत्र के उप मुख्य अभियंता इंजी. नवीन मल्होत्रा के अनुसार आनंपुर साहिब हाइडल प्रोजैक्ट के पावर हाऊस के शुरू होने से लेकर अब तक किसी बड़ी खराबी के बगैर काफी तसल्लीबख्श ढंग से बिजली का उत्पादन हो रहा है। इस परियोजना के अधीन ए.एच.सी. में पानी की उपलब्धता के अनुसार बिजली पैदा की जाती है। 

इस प्लांट की उपलब्धता 97 प्रतिशत है जोकि अच्छी कारगुजारी को दर्शाती है। वर्ष 2022-23 के दौरान इस प्रोजैक्ट्स  से बिजली की पैदावार की लागत 32 पैसे प्रति यूनिट आई है। आनंदपुर साहिब हाइडल प्रोजैक्ट के शुरू होने के बाद 1998-99 में 1071.69 मिलियन यूनिटों की रिकार्ड बिजली की पैदावार प्राप्त की जोकि आनंदपुर साहिब हाईडल प्रोजैक्ट के इतिहास में एक मील पत्थर है। यह परियोजना 38 सालों से पंजाब के बिजली उपभोक्ताओं के लिए सस्ती बिजली का स्रोत साबित हुई है और यह प्रोजैक्ट नंगल  और आनंदपुर साहिब के विकास में महत्वपूर्ण योगदान डाल रहा है।-मनमोहन सिंह(उपसचिव लोकसंपर्क, पी.एस.पी.सी.एल.)
    


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