चीन में भयंकर मंदी का दौर शुरू

punjabkesari.in Saturday, May 13, 2023 - 05:40 AM (IST)

चीन की अर्थव्यवस्था गम्भीर मंदी का सामना कर रही है और चीन के वित्तीय संस्थान बहुत खराब वक्त का सामना कर रहे हैं। 22 अप्रैल को शंघाई वसक्यूरस्र्टी न्यूज नाम के राज्य मीडिया ने खबर जारी कर बताया  कि मई महीने में छांगशू शहर के जितने भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं उनको वेतन डिजीटल तरीके से चुकाया जाएगा। सुनने में तो यह बहुत अच्छा लग रहा है कि चीन में पहली बार किसी जिले के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को वेतन डिजीटल रूप में दिया जाएगा। 

लेकिन इसके पीछे की असल कहानी यह है कि चीन सरकार के पास देने के लिए पैसा है ही नहीं, इसीलिए तो अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन डिजीटल  तरीके से दिया जाएगा। इसकी देखा-देखी यांगसू प्रांत के यांगत्सोऊ शहर में भी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन डिजीटल रूप में चुकाया जाएगा। कई दूसरे प्रांतों की सरकारें भी इसी कदम पर चलने की राह पर हैं। 

इस खबर के बाद चीन के लोगों में अपने सुरक्षित पैसों को लेकर भय का माहौल फैल गया है क्योंकि इससे लोगों के पैसों पर पूरी तरह सरकार का अधिकार हो जाएगा और चीन जैसे तानाशाह देश में सरकार कभी भी एक क्लिक से लोगों के पैसे खर्च करने और उसे दूसरे को ट्रांसफर करने पर रोक लगा सकती है। इससे चीन की जनता पूरी तरह सरकार की बंधुआ मजदूर बन जाएगी। सरकार के लिए डिजीटल पैसों पर कैश पैसों की तुलना में नियंत्रण करना बहुत आसान हो जाएगा। सरकार जब और जिसका पैसा चाहेगी रोक लेगी। पिछले वर्ष मई महीने में जब 4 ग्रामीण बैंकों ने चीनी जनता के ए.टी.एम. से पैसे निकालने पर रोक लगा दी थी तब वुहान में एक बड़ा जनांदोलन हुआ था। 

चीनी जनता इस बात से भी परेशान है कि जब तक कैश पैसा आपके हाथ में है वो पैसा आपका है लेकिन डिजीटल में ऐसा नहीं है। लोगों ने सीना वोईबो पर जो पोस्ट निकाली है उससे लग रहा है कि उन्हें सरकार का यह कदम रास नहीं आ रहा है। लोगों ने सरकार के इस कदम का मजाक उड़ाते हुए यह लिखा है कि डिजीटल खाने के कूपन की तरह अब डिजीटल  पैसा भी आ गया है, सरकार उन लोगों के पैसों को झटक कर अपने पास रख सकती है जो सरकार की हां में हां नहीं मिलाते, यानी अब वो लोग पहले की तुलना में ज्यादा प्रतिबंधों में रहने को मजबूर  होंगे। डिजीटल  पैसा राष्ट्रीय या आपदा हैकर, युद्ध, नैटवर्क के काम न करने पर ये बहुत खतरनाक होगा। 

दरअसल सी.पी.सी. की असल मंशा  लोगों के पैसों पर नजर रखना है जिससे यह पता चल सके कि लोगों के पास पैसा कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है। इस माध्यम से सरकार लोगों को पैसों के मामले में ढील दे सकती है और उन पर प्रतिबंध भी लगा सकती है। इसके साथ ही सी.पी.सी. चीनी मुद्रा की छपाई भी कम करेगी।  


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