सुरक्षा, विकास और योगी सरकार

Monday, Sep 26, 2022 - 05:26 AM (IST)

महीने पहले मैंने अपनी क्लास के बच्चों से पूछा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जिस भी पार्टी को वोट किया तो क्यों वोट किया? पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाली एक लड़की ने बताया कि उसने सुरक्षा के मुद्दे पर वोट किया था क्योंकि वो पिछले पांच सालों में बेखौफ स्कूल और शाम को ट्यूशन जा पाई और उसी कारण उसका दाखिला दिल्ली विश्वविद्यालय में हो पाया, पहले ऐसा सोच पाना भी कठिन था।

पहली नजर में यह एक आम बात लग सकती है कि पुलिस चाकचौबंद हो गई होगी जो राज्य सरकार का काम है। लेकिन इसके पीछे के राजनीतिक, सामाजिक और आॢथक कारणों को समग्रता में समझने की जरूरत है क्योंकि साढ़े पांच साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने को ही प्राथमिक मुद्दा बनाया। उसी कारण संपूर्ण उत्तर प्रदेश में आज कानून का राज है। बाहुबली, गुंडे, माफिया, मनचले - सब ने कोना पकड़ लिया है।

आज हाई स्कूल, इंटर में पढऩे वाली लड़कियां दिन हों या शाम आराम से पढऩे जा रही हैं। दुकानदार शाम सात बजे की जगह 10-11 बजे तक दुकान लगा रहे हैं और देर रात तक कमाई करके घर लौट रहे हैं। हाट-बाजार से वसूली का काम नदारद है। रात में भी माल ढुलाई और रवानगी का काम चालू है। कमजोर से कमजोर तबके के आदमी की सुनवाई थाने पर हो रही है। अगर कहीं कोई घटना होती भी है तो तुरंत कार्रवाई होती है। कितना ही बड़ा और ताकतवर माफिया क्यों न हो अगर उसे किसी अपराध में संलिप्त पाया गया है तो पुलिस तुरंत हरकत में आती है।

पिछली सरकारों में ऐसा संभव नहीं था। सत्ताधारी दल का कोई अदना-सा पदाधिकारी भी थानेदार और कांस्टेबल को ट्रांसफर की धमकी दे जाता था। शायद योगी आदित्यनाथ को इस बात का अंदाजा पहले से था कि राज्य में सबसे पहले कानून-व्यवस्था ठीक करके वातावरण निर्माण की जरूरत है। इसीलिए उन्होंने 2017 में सरकार बनने के बाद कानून-व्यवस्था पर काम शुरू किया। शुरुआती कामों में रोमियो स्क्वायड का गठन, महिला थानों की संख्या बढ़ाना, पिंक बूथ और पर्यटन थाने शामिल रहे। कानपुर, नोएडा, लखनऊ, वाराणसी जैसे महानगरों में कमिश्नर व्यवस्था लागू की।

उत्तर प्रदेश स्पैशल सिक्योरिटी फोर्स और एंटी टैरर स्कवॉयड की चार नई बटालियन और तीन नई महिला बटालियन का गठन भी किया गया है। 2018 से अब तक राज्य में सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए छह हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि लगाई जा चुकी है। पुलिस व्यवस्था के आधुनिकीकरण का काम भी तेजी से हुआ है। पुलिस बैरकों, इमारतों, होस्टलों और थानों को बेहतर बनाया जा रहा है। कहना न होगा कि योगी सरकार में सुरक्षाकर्मी का सम्मान बढ़ा है जिससे वह अपनी डयूटी पूरी दृढ़ता के साथ निभा रहे हैं।

आज उत्तर प्रदेश में सरकार और प्रशासन का खौफ साफ है। गलत करने वालों में भय का माहौल होना भी चाहिए। इसमें कोई शक नहीं कि सुरक्षा का वातावरण उपलब्ध कराकर योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ आम लोगों का जीवन बेहतर किया है बल्कि निवेश और व्यापार का माहौल भी बनाया है। नोएडा, गाजियाबाद से लेकर अयोध्या, गोरखपुर, बनारस तक अर्थव्यवस्था में खासी तेजी आई है। बाहरी निवेश में तो बढ़ौत्तरी देखने को मिल ही रही है, साथ ही स्थानीय लोग भी नए-नए कामों में अवसर देख रहे हैं।

एक आकलन के अनुसार, राज्य में सुरक्षा का माहौल सुधरने से करीब चार लाख करोड़ का निवेश हुआ है। हालांकि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था का सुशासन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में क्या योगदान हो सकता है इस पर एक व्यवस्थित अध्ययन किया जाना बाकी है। प्रदेश में पिछले 66 महीनों में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा बेहतर होने की वजह से विकास के विभिन्न मापदंडों पर जो प्रगति की गई उसे आधार बनाकर ऐसा अध्ययन अवश्य किया जाना चाहिए। कहना न होगा कि अध्ययन के परिणाम गुणात्मक होंगे जो कई नए रास्ते खोल सकते हैं।

दुनिया के विकासशील देशों और देश के अन्य राज्यों जिनकी जनसंख्या 7-8 करोड़ से अधिक है उनके लिए भी योगी सरकार का ये प्रयोग कारगर सिद्ध हो सकता है। 24 करोड़ की आबादी वाले राज्य में कोरोना की त्रासदी के बाद हुए चुनाव न सिर्फ योगी आदित्यनाथ बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए भी बड़ी चुनौती थे। लेकिन योगी के अनुशासन और मोदी के राशन ने अपना कमाल दिखाया और प्रदेश की राजनीति में फिर से एम.वाई फैक्टर काम कर गया लेकिन इस बार इसके मायने थे मोदी-योगी।

ऐसे समय में जब योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के छह महीने पूरे कर रही है और सुरक्षा के नए मापदंड स्थापित कर रही है तो उसे नागरिक सुरक्षा, होमगार्ड, पी.ए.सी., पुलिस ट्रेनिंग और उसके पाठ्यक्रम, सुरक्षा विश्वविद्यालय, अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर के इलाकों में सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान देकर कानून-व्यवस्था में नए आयाम जोडऩे होंगे। हालांकि अभी हाल में ही हुए एक सर्वे में योगी आदित्यनाथ को अपने कामों के कारण ही देश का सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री आंका गया है यानी उनकी लोकप्रियता प्रदेश की सीमाओं से बाहर भी लगातार बढ़ रही है।
(लेखक दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली में राजनीति शास्त्र पढ़ाते हैं)-डा. स्वदेश सिंह

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