सुरक्षा ऐप्स से बेटियों की सुरक्षा को लगेंगे पंख
punjabkesari.in Friday, Mar 07, 2025 - 05:22 AM (IST)

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,45,256 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 4 प्रतिशत की बढ़ौत्तरी हुई है। आंकड़ों के अनुसार देश में प्रतिदिन, हर घंटे 51 एफ.आई.आर. दर्ज हो रही हैं।
ऐसे में जरूरत है कि उनके पास सुरक्षा के कुछ ऐसे हथियार हों जो उन्हें तत्काल राहत दे सकें। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने पहल की है। महिलाओं को हर जगह सुरक्षित महसूस कराने के लिए महिला सुरक्षा एप्लीकेशंस लांच की हैं जो उनके स्मार्ट फोन के गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद हैं।
केस-1 : मामला जयपुर के त्रिवेणी नगर का है। 12 फरवरी की सुबह, एक कोचिंग छात्रा से सरेराह एक युवक द्वारा छेड़छाड़ की घटना हुई। आहत छात्रा ने राजकॉप सिटीजन ऐप के फीचर पर जैसे ही संदेश भेजा, उसके बाद 3 मिनट के अंदर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया। छात्रा की समझदारी और ऐप की मदद से खतरा टल गया।
केस-2 :भरतपुर की रहने वाली युवती जयपुर के महेश नगर में पी.जी. में रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। इंस्टाग्राम पर उसकी जान-पहचान बीकानेर निवासी, धीरज रंधावा से हुई।
धीरज ने उसे रेलवे स्टेशन के सामने स्थित बड़ोदिया बस्ती में होटल टाऊन हाऊस में बुला लिया। वहां उसने युवती के साथ अभद्रता करने की कोशिश की। युवती ने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया। इसके बाद उसने मोबाइल में डाऊनलोड राजकॉप सिटीजन ऐप के नीड हैल्प फीचर का बटन दबा दिया। मात्र 15 मिनट में पुलिस होटल पहुंच गई।
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आई.जी. शरत कविराज ने बताया कि छेड़छाड़, एसिड अटैक और अपहरण जैसी वारदातों के कारण महिलाओं और बेटियों के लिए सुरक्षा का मुद्दा अहम हो गया है। इसे ध्यान में रखते हुए कई ऐसे ऐप्स बनाए गए हैं, जो गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद हैं। इन ऐप्स में जी.पी.एस., ट्रैकिंग, एमरजैंसी कांटैक्ट नंबर और सेफ लोकेशन जैसे फीचर्स हैं।
इनमें से कुछ ऐप्स सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़े हैं जिनसे आप पुलिस से ऑडियो या वीडियो के जरिए संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आपातकालीन स्थिति में महिला सहायता के लिए आने वाले वाहन की स्थिति को जांच सकती है। इस स्थिति में कंट्रोल रूम से महिला को फोन भी आता है। उन्होंने बताया कि इन ऐप्स की जानकारी हर महिला को होनी चाहिए जिससे संकट के समय वह अपनी सुरक्षा के लिए इनका इस्तेमाल कर सके।
हाल के वर्षों में, भारत में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने और एमरजैंसी में त्वरित राहत प्रदान करने के लिए कई समर्पित तकनीकें और मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किए गए हैं जो इस प्रकार हैं :
राजकॉप सिटीजन एप : राजकॉप ऐप को गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर से अंग्रेजी में राजकॉप सिटीजन एप टाइप कर डाऊनलोड कर सकते हैं। ऐप को ओपन करते ही एस.ओ.एस. पैनिक बटन की सुविधा मिलेगी। एक क्लिक पर पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना पहुंचती है। ये ऐप महिला सुरक्षा ऑनलाइन शिकायत, किराएदारों व नौकरों के सत्यापन और आपातकालीन सेवाओं में सहायता के लिए काम कर रहा है।
सेफ्टीपिन ऐप: कामकाजी महिलाओं के लिए यह ऐप फायदेमंद है। यह एक ऐसा ऐप है जो अलग-अलग क्षेत्रों में सुरक्षित और असुरक्षित जगहों की जानकारी देता है। अगर आप यात्रा करते समय डरती हैं तो यह ऐप उन लोगों तक आपका संदेश पहुंचा देगा, जिनसे आपको मदद चाहिए। यह ऐप हिंदी और अंग्रेजी भाषा को सपोर्ट करता है। महिलाओं को खुद को सुरक्षित रखने के लिए यह ऐप जरूर रखना चाहिए। इसे गूगल प्ले स्टोर से ही इंस्टाल करना चाहिए।
बी सेफ ऐप : इस ऐप को खासतौर से बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। अगर आपको रात में अकेले चलते समय डर लगता है तो ये आपके बहुत काम आ सकता है। इसमें वायस एक्टिवेशन, लाइव स्ट्रीमिंग, ऑडियो, वीडियो रिकॉॄडग और लोकेशन ट्रैकिंग जैसे स्पैशल फीचर्स मौजूद हैं। इस एप्लीकेशन का इस्तेमाल करके ङ्क्षहसा, यौन उत्पीडऩ और रेप जैसे अपराधों के सबूत इक_े किए जा सकते हैं। इसमें एस.ओ.एस. बटन दबाने पर एमरजैंसी कांटैक्ट नंबर को तुरंत लोकेशन शेयर हो जाती है।
आई.एम. सेफ मोबाइल ऐप: यह मोबाइल एप्लीकेशन खास तौर पर ऐसी महिलाओं के लिए डिजाइन किया गया है जिन्हें सिर्फ व्हाट्स ऐप और फेसबुक चलाना आता है। यानी मोबाइल एप्लीकेशन ऑपरेट करना नहीं आता है। ट्रैक मी फीचर की मदद से महिलाओं की रियल टाइम ट्रैकिंग की जा सकती है। इसमें आपातकाल में क्विक अलर्ट की सुविधा है।
रक्षा ऐप : यह ऐप मुसीबत की घड़ी में यूजर के परिवार के लोगों को उसकी करंट लोकेशन के बारे में बताती है। इसकी खासियत है कि भले ही यूजर का फोन स्विच ऑफ हो जाए या फिर नो नैटवर्क में रहे तब भी यूजर अपने परिवार वालों को 3 सैकंड के लिए वॉल्यूम की दबाकर अलर्ट कर सकते हैं। ये वहां भी काम करता है, जहां इंटरनैट की सुविधा नहीं होती।
112 इंडिया ऐप: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और गृह मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से महिला सुरक्षा के लिए निर्भया पहल के तहत घर से दूर अकेली रहने वाली महिलाओं को यह ऐप तुरंत डाऊनलोड कर लेना चाहिए। इसे महिलाओं की एमरजैंसी कंडीशन में हैल्प के लिए बनाया गया है। इस ऐप में अलग-अलग एमरजैंसी सर्विस उपलब्ध है। यह सर्विस एमरजैंसी कंडीशन को ई.आर.एस. तक पहुंचाती है और आस-पास के रजिस्टर्ड स्वयं सेवकों को भी सूचित करती है। यह ऐप देश के 36 राज्यों में काम करता है। इसका इस्तेमाल बड़ी ही सावधानी से करने की सलाह दी जाती है। स्मार्ट 24’7 ऐप:यह ऐप आपको घर से बाहर ही नहीं, बल्कि शहर से बाहर भी सुरक्षा प्रदान करता है। यह ऐप भारत के कई राज्यों में लांच किया गया है। यह किसी एमरजैंसी की स्थिति में एमरजैंसी कांटैक्ट को पैनिक अलर्ट भेजने के साथ वॉयस रिकॉर्डिंग भी करता है। इतना ही नहीं पैनिक सिचुएशन के दौरान फोटो भी भेजता है। जो पुलिस के साथ भी शेयर की जा सकती है।
हिम्मत प्लस ऐप : दिल्ली पुलिस ने इस ऐप को खास महिलाओं के लिए पेश किया है। इस ऐप को प्रयोग करने के लिए यूजर को सबसे पहले दिल्ली पुलिस की साइट पर जाकर अपने आपको रजिस्टर करना होगा। यूजर को इस ऐप में एस.ओ.एस. बटन की सुविधा मिलेगी, जिससे आपातकाल की स्थिति में यूजर की लोकेशन, ऑडियो और वीडियो सीधा पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगी। वहीं इस ऐप के लिए किसी तरह का चार्ज नहीं देना होगा।
महिला सुरक्षा ऐप: यह ऐप किसी एमरजैंसी के समय यूजर की आवाज का 45 सैकंड का संदेश, वीडियो और लोकेशन आपातकालीन नंबर पर भेज सकता है। आपको बस एक बटन दबाना है और ई-मेल आपके प्रियजनों को गूगल मैप में आपके स्थान के साथ भेज दिया जाता हैए साथ ही फ्रंट कैमरा और बैक कैमरे से भी तस्वीरें खींची जाती हैं। अपराधों के खिलाफ लडऩे के लिए हर महिला को अपनी सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार और सजग रहने की जरूरत है। ऐसे में यह एप्लीकेशन हर लड़की के स्मार्टफोन में सुरक्षा हेतु जरूरी हैं। -गीता यादव