नवविवाहितों को पारंपरिक तरीके से परिवार चलाने के बारे में बताएगा संघ

punjabkesari.in Sunday, Aug 04, 2019 - 02:11 AM (IST)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) नवविवाहित जोड़ों को पारंपरिक मूल्यों के साथ परिवार चलाने का प्रशिक्षण देगा। इसके लिए संघ ने ठाणे जिले के कालवा इलाके में ‘कुटुंब प्रबोधन’ नाम से कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। इसमें कुल 20 नवविवाहित जोड़ों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम में नवविवाहित जोड़ों को भारतीय परंपरा के अनुसार परिवार चलाने के बारे में बताया जाएगा। 

इस दौरान पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों को बचाए रखने की सलाह तो जोड़ों को दी ही जाएगी, साथ ही उन्हें विवाह के बाद शीघ्र संतान पैदा करने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। कार्यक्रम के लिए संगठन द्वारा जारी पम्फ्लेट में बताया गया है कि भारतीय पारिवारिक प्रणाली हमारी परवरिश अच्छे तरीके से करती है लेकिन शहरीकरण और न्यूक्लियर फैमिली के बढ़ते चलन ने इसके सामने कई बड़ी चुनौतियां खड़ी की हैं। ऐसे में रिश्तों में नाखुशी, बुजुर्गों में अकेलापन और तलाक जैसे दुष्परिणाम सामने आए हैं। संगठन ने दावा किया है कि वह अपने कार्यक्रम में इस तरह की समस्याओं के हल के बारे में नए जोड़ों को अवगत कराएगा। 

संतान का फैसला न टालने को करेंगे प्रोत्साहित 
आयोजकों ने इस कार्यक्रम में आयुर्वैदिक चिकित्सकों को भी बुलाया है जो प्रतिभागी जोड़ों को सुप्रजा (उत्तम संतान) को लेकर सलाह देंगे। कार्यक्रम के एक आयोजक मनोज मासुरकर ने बताया कि आजकल बहुत से नवविवाहित जोड़े अपने करियर को ध्यान में रखते हुए संतान पैदा करने के फैसले को टाल देते हैं। जिसके बाद महिला को गर्भधारण में दिक्कतें होती हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा करने से कई बार मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इसके मद्देनजर कार्यक्रम में जोड़ों को संतान के फैसले को न टालने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 

डिनर टेबल कन्वर्सेशन 
इसके अलावा कार्यक्रम में डिनर टेबल कन्वर्सेशन के बारे में भी बात की जाएगी। नवविवाहित जोड़ों को यह सलाह दी जाएगी कि वे हफ्ते में कम से कम एक बार परिवार के साथ डिनर करने की कोशिश करें और इस दौरान यह भी प्रयास करें कि डिनर टेबल पर राजनीति, सिनेमा और क्रिकेट पर बात न की जाए। गौरतलब है कि संघ की ओर से यह कार्यक्रम पिछले तीन सालों से आयोजित किया जा रहा है। पहले साल इस कार्यक्रम में 16 जोड़ों ने भाग लिया था जबकि पिछले साल केवल 13 जोड़ों ने इसमें हिस्सा लिया। इस साल यह लक्ष्य 20 जोड़ों का रखा गया है।-एम. गाडगिल  


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