जरूरतों का त्याग

punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2023 - 05:53 AM (IST)

वर्ष पहले जब मैं अविवाहित था तब मुझे मेरे एक दोस्त के घर आमंत्रित किया गया था जिसकी अभी-अभी शादी हुई थी। मैंने उससे कहा ‘‘तुम अभी-अभी शादीशुदा हुए हो और यह जानते हुए कि हमारी शाम अधिक शराब पीने और जोर से बात करने से शुरू होगी इसीलिए तुम्हें हमें छोड़ कर अपनी नई दुल्हन के साथ समय बिताने की जरूरत है। जब तुम दोनों अच्छी तरह से अपना घर बसा लोगे तो मैं अवश्य ही तुमसे मिलने आऊंगा।’

उसने मुझसे कहा कि, ‘‘मैं अपने दोस्त बॉब को कभी नहीं छोड़ सकता। वह मेरे लिए उतनी ही आवश्यक है जितना किसी भूखे व्यक्ति के लिए रोटी।’’ मैं उस दोस्त के घर गया और देखा कि मैं वहां अकेला ही आमंत्रित नहीं था बल्कि उसने अपने कार्यालय के सहयोगियों, दोस्तों और ट्रेन में साथ सफर करने वाले दोस्तों को भी बुलाया था। थोड़ी देर बैठने के बाद मैंने अपने दोस्त से पूछा, ‘‘आपकी पत्नी कहां है?’’

उसने कहा, ‘‘वह बैडरूम में सो रही है और पुरुष कम्पनी के लिए इतनी अभ्यस्त नहीं हैं।’’ मुझे इस बात की कोई परवाह नहीं थी कि उसकी पत्नी किस चीज के लिए अभ्यस्त थी या नहीं मगर जल्द ही हमारे दोस्त का घर आने-जाने के लिए एक नियमित स्थान बन गया जिसमें उसकी कभी न दिखने वाली पत्नी द्वारा बनाया गया डिनर टेबल पर हमारे लिए रखा गया था। एक दिन की बात है कि उसके घर रात का खाना नहीं बना तो उस दोस्त ने कहा, ‘‘मुझे क्षमा करें वह चली गई।’’ उसने मुझसे कहा, ‘‘मैं अपने दोस्तों को कभी नहीं छोड़ सकता लेकिन मुझे उसकी याद आती है।’’

युवा होने के नाते हम उसके द्वारा किए गए कार्यों के लिए उसकी पत्नी से काफी चिढ़ गए थे। लेकिन जब मैंने जूल्स वर्ने द्वारा लिखित ‘द मिस्टीरियस आइलैंड’ नामक नॉवल पढ़ा तो मैंने उसके बारे में सोचा। अपने नावल में वर्ने 5 पुरुषों के बारे में बताते हैं जो गृहयुद्ध जेल शिवर से एक गर्म हवा के गुब्बारे में बैठ कर बचकर भाग जाते हैं। धीरे-धीरे अपनी मातृभूमि को क्षितिज पर उन पांचों व्यक्तियों ने गायब होते देखा। उन्हें आश्चर्य होता है कि गुब्बारा कितनी देर तक ऊपर रह सकता है।

जैसे-जैसे घंटे बीतते हैं समुद्र की सतह करीब आती है और पांचों ही पुरुष तय करते हैं कि उन्हें अपना वजन कम करना चाहिए ताकि गुब्बारा ऊपर की ओर उड़ सके। सबने जूते, ओवरकोट और हथियार अपनी अनिच्छा से त्याग दिए और गुब्बारा ऊपर उठ गया लेकिन अस्थायी रूप से। इसलिए वे सब अपना खाना फैंक देते हैं क्योंकि उनका मानना था कि पेट के बल डूबने से बेहतर है भूखे रह कर मरना। यह भी केवल एक अस्थायी समाधान है और गुब्बारा फिर से पुरुषों को समुद्र में गिरने की धमकी देता है।

पांचों में से एक को विचार आया कि गुब्बारे से बंधी टोकरी को खोल दिया जाए और रस्सियों को पकड़ कर ऊपर उठा जाए। उन्होंने टोकरी को काट दिया जैसा कि वह जिस चीज पर खड़े थे उसे ही काट डाला। टोकरी समुद्र में गिर जाती है और गुब्बारा ऊपर उठ जाता है। वे पांचों इस अंतर को समझने में सक्षम थे कि वास्तव में क्या आवश्यक था और क्या नहीं? जिन ‘आवश्यकताओं’ के बारे में उन्होंने कभी सोचा था कि वह उनके बिना नहीं रह सकते, उसे ही उन्होंने छोड़ दिया। पवित्र शास्त्र इब्रानियो के लेखक लिखते हैं, ‘‘आइए हम सब कुछ दूर कर दें जो बाधा डालता है।’’ -राबर्ट क्लीमैंट्स, दूर की कौड़ी


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