सड़क सुरक्षा सप्ताह, सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन जरूरी

Thursday, Feb 07, 2019 - 04:43 AM (IST)

हर वर्ष देश में ‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा दिवस’ मनाया जाता है। पंजाब के हर जिले में यातायात पुलिस ‘ट्रैफिक सुरक्षा सप्ताह’ मनाती है तथा विभिन्न तरीकों से लोगों को जागरूक करती है, गांवों तथा शहरों में रैलियां, स्कूलों में ट्रैफिक नियमों बारे सैमीनार करवाती है। 

‘सड़क सुरक्षा सप्ताह’ मनाने की कार्रवाई महज स्कूलों-कालेजों में रैलियां, कार्ड गेम्स, क्विज तथा पोस्टर मेकिंग मुकाबलों तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे व्यावहारिक रूप देना आवश्यक बनता है तथा सारा वर्ष हमें इस पर पहरा देना चाहिए। भारत में हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 13 लाख लोगों की मौत होती है, लगभग 5 करोड़ लोग जख्मी और विभिन्न अंगों से अपाहिज हो जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि पूरी दुनिया में ट्रैफिक को सुरक्षित न बनाया गया तो 2020 तक मौतों की गिनती अब से दोगुनी हो जाएगी। हमारे देश में प्रति घंटा औसतन 57 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें लगभग 17 व्यक्ति मौत के मुंह में जा रहे हैं। 

एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार सारे पंजाब में बीते वर्ष के दौरान 6638 सड़क दुर्घटनाएं तथा 4893 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2012 तथा 2013 में पंजाब में 5253 और 5426 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 3320 व 3357 लोग मौत के शिकार हुए। अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं गाडिय़ों की तेज रफ्तार, नशा करके गाड़ी चलाने, रात को तेज तथा चमकदार लाइटों के इस्तेमाल के कारण, गाड़ी चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल, आवारा पशुओं के सड़कों पर घूमने के कारण, टूटी तथा एकमार्गीय व ड्राइवरों की थकावट तथा नींद न पूरी होने के कारण, खराब स्वास्थ्य तथा मानसिक तौर पर परेशानी में गाड़ी चलाने के कारण होती हैं। इंजन की खराबी, मोटरगाडिय़ों की समय पर सॢवस तथा देखभाल न करना भी दुर्घटनाओं का कारण बनता है। 

सड़क दुर्घटनाओं में सामान्य लोगों के अतिरिक्त देश के पूर्व राष्ट्रपति, चोटी के खिलाड़ी, कलाकार, वैज्ञानिक, डाक्टर, कई कैबिनेट मंत्री तथा अन्य कई बड़े अधिकारी अपनी जान गंवा चुके हैं। कई बेचारे तो पूरे परिवारों सहित इस संसार को अलविदा कह चुके हैं। सड़क सुरक्षा के कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं, जो सभी को ध्यान में रखने चाहिएं। जैसे कि सड़क पर चलते समय हमेशा बाईं ओर रहें, गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें, नाबालिग गाड़ी न चलाएं, सड़क हमेशा जैब्रा क्रासिंग से ही पार करें, कोई भी नशा करके गाड़ी न चलाएं, दोपहिया वाहन चलाते समय हैल्मेट जरूर पहनें या पगड़ी बांधनी चाहिए, ओवरटेक समझदारी से ही करें। कार चलाते समय सीट बैल्ट लगाएं, बत्तियों वाले चौक में लालबत्ती होने पर वाहन को रोकें तथा हरी बत्ती होने पर ही चौक पार करें। 

वाहनों के आगे तथा पीछे रिफ्लैक्टर लगाने से सड़क दुर्घटनाओं की आशंका काफी कम हो जाती है। चालकों को अपनी आंखों की नियमित जांच करवाने, नशों का इस्तेमाल न करने, निर्धारित स्पीड पर वाहन चलाने, ढुलाई वाले वाहनों को ओवरलोड न करने की ओर ध्यान देना चाहिए। हमें खुद में सुधार करने की जरूरत है। सफर हमारे जीवन का अटूट हिस्सा बन गया है लेकिन हम सड़क पर चलते समय ट्रैफिक नियमों की परवाह नहीं करते। सड़क सुरक्षा के विषय को स्कूलों में लाजिमी करने की जरूरत है। आओ, ट्रैफिक नियमों को अपनाएं तथा जीवन को सुरक्षित बनाएं।-प्रो. बेअंत सिंह बाजवा

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