तंगी के चलते अमीर चीनी अपना लग्जरी सामान बेचने को मजबूर

punjabkesari.in Saturday, Nov 05, 2022 - 06:32 AM (IST)

चीन में कोविड महामारी के चलते सरकार ने जो सख्त लॉकडाऊन की नीति अपनाई है उससे चीन की अर्थव्यवस्था पर और भी बुरा असर पड़ रहा है। इसने स्थानीय उद्योगों के साथ-साथ विदेशी कंपनियों को भी बंद करवा दिया है। इससे पूरे चीन की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इसका लग्जरी वस्तुओं के बाजार पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है। यहां सैकेंड हैंड लग्जरी स्टोर भी बंद होते जा रहे हैं। 

कुछ व्यापारियों की पत्नियां अपने लग्जरी ब्रांड की वस्तुओं को बाजार में बेचने को मजबूर हैं क्योंकि उनके पति के पास अब पैसा खत्म हो रहा है। शंघाई हॉटलाइन न्यूज एजैंसी के अनुसार लग्जरी बैग बनाने वाली कंपनी हर्मीज ने अपने उत्पादों के दाम में 10 प्रतिशत की कमी कर दी है, इसी तरह थियान ऑनलाइन अप्रेजर नाम की एक लग्जरी बैग बनाने वाली कंपनी है जहां से चीनी युवतियां महंगे बैग खरीदने आती हैं, लेकिन अब वही युवतियां इन बैगों को दोबारा कम दामों पर यहां बेचने के लिए आने लगी हैं। 

थियान ऑनलाइन अप्रेजर कम्पनी के अनुसार हर्मीज कंपनी के हिमालय माडल के बैल्ट और बैग एक समय बहुत ऊंची कीमतों पर बेचे जाते थे, इनकी कीमत डेढ़ लाख युआन यानी 2 लाख 20 हजार अमरीकी डालर हुआ करती थी। लेकिन पिछले 2 वर्षों में इसके दामों में हर्मीज ने 10 फीसदी की कमी कर दी, बावजूद इसके हिमालय के सिर्फ दो बैग ही बिक पाए। इसी तरह के दूसरे मामले में हांगचो की एक चीनी महिला ने अपने 24 हर्मीज के बैगों को बेचा क्योंकि उसके व्यापारी पति के पास पैसों की कमी हो गई थी। इनमें से कुछ बैग उसके पति ने अपने व्यापार के अच्छे दिनों में खरीदकर उसे उपहार में दिए थे, बाकी बैग्स को इस महिला ने थियान वैबसाइट से पिछले वर्ष खरीदा था।

चीन में इस समय कोविड महामारी पर लगाम लगाने के लिए चीन ने जो सख्त लॉकडाऊन की नीति अपनाई है उसके चलते आपूर्ति शृंखला में जबरदस्त रुकावट पैदा हो गई है। इसका सबसे पहला और बड़ा असर चीन के विदेश व्यापार पर पड़ा है। थियान ऑनलाइन स्टोर में इस समय जितने भी लोग आ रहे हैं वे महंगे विदेशी बैग को बेचने के लिए आ रहे हैं। ये विदेश व्यापार से जुड़े लोग हैं जो बड़ी संख्या में विदेशी बैगों को बेचना चाहते हैं। इसी तरह से ये लोग महंगी घडिय़ां, पुरुषों के बटुए, बैल्ट और महंगे जूते भी बेचना चाहते हैं। इससे सीधे तौर पर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस समय चीन में तरल मुद्रा की कितनी कमी है जो लोग अपने पास रखी महंगी वस्तुएं बेचने को मजबूर हो रहे हैं। 

चीन का व्यापार जब अपने चरम पर था तो यीवू और दूसरे व्यापारिक शहरों में रहने वाले लोगों ने अपना सामान विदेशों में बेचकर जो पैसा कमाया था उसका खमियाजा यह लोग अब भुगत रहे हैं। इनके निर्यात का सारा व्यापार सख्त कोविड लॉकडाऊन के कारण ठप्प हो गया है। सीना फाइनांस के अनुसार थियान ऑनलाइन पर जितने लोग अपने महंगे बैग बेचने के लिए आ रहे हैं ये लोग खुदरा निवेशक नहीं हैं बल्कि उन दुकानों के मालिक हैं जिनके बैग चीन की सख्त लॉकडाऊन नीति के कारण नहीं बिक सके। कोविड महामारी के कारण पहली छमाही में लगे लॉकडाऊन से ढेरों सैकेंड हैंड लग्जरी आइटम्स की दुकानें बंद हो गईं, क्योंकि इन दुकानों पर कोई ग्राहक नहीं आ रहा है। 

ऑनलाइन जितने महंगे बैग्स को इन दुकानदारों ने मंगवाया था उन्हें ये दुकानदार बेचने में असमर्थ हैं। कुछ बड़े व्यापारी जिन्होंने विदेशों से कुछ वर्ष पहले लग्जरी सामानों को मंगवाया था उसे ये लोग नहीं बेच सके इसलिए अब ये लोग थियान ऑनलाइन स्टोर जैसी जगहों पर जाकर अपना सामान कम दामों में बेचना चाहते हैं। 

महंगे बैग्स के अलावा महंगी घडिय़ों का भी यही हाल है। पाटेक फिलिप, रोलैक्स, काॢटयर, राडो जैसी घडिय़ां जिनकी कीमत दस से बीस लाख युआन में रहती है उनके दाम भी पहले की तुलना में गिरे हैं। दो महीने पहले पाटेक फिलिप और रोलैक्स घडिय़ों के दामों में सिर्फ एक दिन में तेज उछाल आया था, जो 1500 से 3 हजार डालर का था। 2 व्यापारियों ने इन घडिय़ों को 1 लाख 80 हजार डालर में खरीदा था यह सोचकर कि जल्दी ही दामों में और उछाल आएगा तब वे अपनी घडिय़ां बेचकर मुनाफा कमाएंगे, लेकिन  जब इन्होंने पाटेक फिलिप घडिय़ां खरीदीं उस समय घडिय़ां सबसे ऊंचे दामों पर बिक रही थीं, बाद में उनके दामों में भारी गिरावट आ गई।दक्षिणी चीन के शहर हांगचो में भी यही हाल है। आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि अगर लगातार यही हाल चीन की अर्थव्यवस्था का बना रहा तो वह दिन दूर नहीं जब चीन की अर्थव्यवस्था गिरती चली जाएगी जिस पर लगाम लगाना मुश्किल होगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए