होटल में बागियों की दावत सूखे और बाढ़ से स्थानीय लोगों की आफत

punjabkesari.in Monday, Jun 27, 2022 - 03:27 AM (IST)

जहां महाराष्ट्र के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे की उद्धव ठाकरे की सरकार के विरुद्ध बगावत के चलते राज्य में राजनीतिक संकट जारी है, वहीं वर्षा न होने के चलते सूखे से जूझ रहे महाराष्ट्र के किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। उधर किसानों की समस्याएं सुलझाने की बजाय राज्य के कृषि मंत्री दादा जी भुसे ने भी शिंदे गुट के विधायकों के साथ मुम्बई से 2700 किलोमीटर दूर असम में गुवाहाटी के रैडीसन ब्लू’ होटल में डेरा डाल रखा है। 

विडम्बना यह भी है कि असम के 32 जिले इस समय भयंकर बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं। अभी तक वहां कम से कम 108 लोगों की मौत तथा हजारों लोगों के बेघर होने के अलावा सम्पत्ति की भारी हानि हो चुकी है। लोगों को खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं, परंतु राज्य के बाढग़्रस्त लोगों की ओर ध्यान देने की बजाय असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा बागी विधायकों की आवभगत में जुटे दिखाई दे रहे हैं।

इस संबंध में ‘भोले भारत’ नामक एक ट्विटर यूजर के अनुसार, ‘‘रैडीसन ब्लू होटल में रुकने वाले विधायक प्रतिदिन 8 लाख रुपए का खाना खा रहे हैं, जबकि असम के लोगों को बाढ़ राहत कोष के नाम पर केवल 2 कप चावल और एक कप दाल ही बांटी जा रही है।’’ एक अन्य यूजर के अनुसार,‘‘इस समय असम में पूरा फोकस बाढ़ पर होना चाहिए था, परंतु दुर्भाग्य से ‘रैडीसन ब्लू’ होटल अधिक चर्चित है।’’ 

यह तो पता नहीं कि इन बागियों के पांच सितारा होटल में ठहरने का खर्च कौन उठा रहा है, परंतु इस रिसोर्ट पालीटिक्स में धन पानी की तरह बहाया जा रहा है। रैडीसन ब्लू होटल में अन्य भाजपा नेताओं का आना-जाना भी देखा गया।  यहां लगभग 90 लोग ठहरे हुए हैं तथा विधायकों की संख्या में संभावित वृद्धि को देखते हुए कुछ और कमरे भी खाली रखने के लिए कहा गया है। इस बड़े होटल में विधायकों के रुकने पर पता चला है कि कमरे फिलहाल 7 दिन के लिए बुक किए गए हैं, जिन पर कुल खर्च 1.12 करोड़ रुपए के लगभग बताया गया है। 

विधायकों और उनकी टीमों के लिए बुक किए गए कमरों के अलावा होटल का प्रबंधन नई बुकिंग स्वीकार नहीं कर रहा और यहां सब बागी नेता राज्य की वास्तविक समस्याओं को भूल राजनीतिक जोड़तोड़ के साथ-साथ खूब मौज-मस्ती कर रहे हैं। ऐसे हालात के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि, ‘‘सभी पर्यटकों का असम आने पर स्वागत है और यहां तक कि उद्धव ठाकरे को भी मैं कहता हूं कि उन्हें यहां आना चाहिए।  पर्यटकों के असम में आने सेे राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।’’ 

राज्य के बाढ़ से घिरे होने के जवाब में उनका कहना है, ‘‘मैं क्या करूं? क्या मैं गुवाहाटी के होटल इसलिए बंद कर दूं कि असम के कुछ हिस्सों में बाढ़ आई हुई है! बाढ़ पीड़ितों को राहत प्रदान की जा रही है।’’ असम के मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में बाढ़ की गंभीर स्थिति के बीच इस तरह का नजरिया अपनाना भी सही प्रतीत नहीं होता। ऐसे में शायद बागी विधायकों को यह नहीं भूलना चाहिए कि सत्ता में आने से ज्यादा महत्वपूर्ण राज्यों में सूखे, बाढ़ की गंभीर स्थिति के बीच ऐसे लोगों की मदद करना है जो उनको चुन कर सत्ता में लाए थे।


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