राहुल की विवादास्पद टिप्पणियों से परेशान है भाजपा

punjabkesari.in Monday, Sep 16, 2024 - 05:53 AM (IST)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गत दिनों संयुक्त राज्य अमरीका की अपनी 3 दिवसीय यात्रा के दौरान भाजपा और मोदी के शासन के बारे में अपनी आलोचनात्मक टिप्पणी से घरेलू स्तर पर विवाद पैदा कर दिया। लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में यह गांधी की पहली अमरीका यात्रा थी। राहुल के कार्यक्रमों में भारतीय-अमरीकी समुदाय और छात्रों के साथ बातचीत और अधिकारियों और सांसदों के साथ बैठक शामिल थी। भाजपा की नाराजगी भरी प्रतिक्रिया से पता चलता है कि पार्टी उनकी कई विवादित टिप्पणियों से नाराज है। राहुल ने अपने विषय बहुत सोच-विचार कर चुने थे। उन्होंने अन्य बातों के अलावा आर.एस.एस., भारत के लोकतंत्र, मोदी की चीन नीति और भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर टिप्पणी की। भारत में, भाजपा ने उनकी प्रतिकूल टिप्पणियों और अमरीकी कांग्रेस सदस्य इल्हान उमर से मुलाकात की आलोचना की, जो भारत की नीतियों की आलोचना करती रही हैं। 

राहुल ने दावा किया कि भारतीय लोकतंत्र पिछले एक दशक में टूट गया था लेकिन धीरे-धीरे ठीक हो रहा है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ओ.बी.सी., दलित और आदिवासियों सहित भारत की 90 प्रतिशत आबादी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम नहीं है। इससे भाजपा नाराज हो गई। राहुल जहां पाकिस्तान और बंगलादेश पर मोदी की नीतियों से सहमत थे, वहीं उन्हें लगा कि मोदी की चीन नीति त्रुटिपूर्ण है। राहुल ने कहा कि  चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दिल्ली जितनी जमीन पर कब्जा कर लिया है। आर.एस.एस. पर, राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा का मूल संगठन मानता है कि भारत ‘एक विचार’ है, लेकिन कांग्रेस इसे ‘विचारों की विविधता’ मानती है। भाजपा ने राहुल के आरोपों का खंडन करने के लिए शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रतिक्रिया का नेतृत्व किया। उन्होंने चीन नीति पर राहुल के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह ‘बेहद शर्मनाक’ है कि एल.ओ.पी.राहुल गांधी ‘भ्रामक, आधारहीन और तथ्यहीन बातें’ कहकर भारत की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। 

राहुल गांधी ने जाति जनगणना का समर्थन किया और दावा किया कि भाजपा आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पुष्टि की कि वे किसी को भी आरक्षण खत्म करने या देश की सुरक्षा को कमजोर करने की अनुमति नहीं देंगे। इसके अलावा भाजपा नेता और वरिष्ठ मंत्री हरदीप पुरी ने सिखों को लेकर राहुल की टिप्पणी का खंडन किया। पुरी ने कहा कि मैं एक गौरवान्वित सिख हूं और 6 दशकों से अधिक समय से पगड़ी पहन रहा हूं और उससे भी लंबे समय से कड़ा पहन रहा हूं...। देश को एकजुट करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान ‘भारत जोड़ो’ यात्रा का नेतृत्व करने के बाद राहुल के बढ़े कद को लेकर भाजपा गंभीर है। अब जब राहुल एल.ओ.पी.  बन गए हैं, तो भाजपा को उन्हें उचित सम्मान देना चाहिए। 

पहला, भारत को कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की मोदी की प्रतिज्ञा के बावजूद कांग्रेस बची हुई है। 2024 के चुनावों में, भाजपा के लिए निराशा की बात यह रही कि कांग्रेस ने 2024 के चुनावों में अपनी सीटों की संख्या दोगुनी कर दी। दूसरा, 2024 के चुनावों के बाद विपक्षी गठबंधन इंडिया मजबूत हुआ है। भाजपा को सहयोगियों की मदद से सरकार बनानी पड़ी। तीसरा, राहुल ने 22 सितंबर को मोदी की निर्धारित यात्रा से पहले अमरीका का दौरा किया। उनकी यात्रा को अच्छी प्रतिक्रिया मिली, जिससे भाजपा को खुशी नहीं हुई। लेकिन मोदी का अधिक स्वागत होगा क्योंकि एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘मोदी और संयुक्त राज्य अमरीका एक साथ आगे बढ़ें’ की योजना बनाई गई है। भाजपा ने अमरीकी कांग्रेस सदस्य इल्हान उमर से मुलाकात के लिए राहुल की आलोचना की, जिन्होंने अतीत में अमरीकी कांग्रेस के भीतर और बाहर दोनों जगह भारत विरोधी रुख अपनाया है। 

भाजपा का मानना है कि ऐसी बैठकों का इस्तेमाल भारत विरोधी प्रचार के लिए किया जा सकता है। गांधी का दावा है कि वह विधायकों के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थी और वह प्रतिनिधिमंडल से मिलने से कैसे इंकार कर सकते थे?भारत के बारे में बेबाकी से अपनी राय सांझा की। भाजपा का दावा है कि राहुल ने विदेश में भाषण देते हुए हर मुद्दे पर गलत और गुमराह करने वाले बयान दिए। कांग्रेस का कहना है कि मोदी ने भी ऐसा ही किया और दावा किया कि कांग्रेस ने उनकी विदेश यात्राओं के दौरान देश के लिए कुछ नहीं किया। राहुल ने अंत में स्पष्ट किया कि भारत में लोकतंत्र की लड़ाई एक भारतीय लड़ाई है। इसका किसी और से कोई लेना-देना नहीं है। जूरी इस पर विचार नहीं कर रही है कि राहुल ने लाल रेखा पार की है या नहीं। भाजपा की इस बात में कुछ दम है कि गंदे लिनन को विदेश में नहीं धोना चाहिए। लेकिन यह रेखा दोनों पक्षों के लिए अच्छी है।-कल्याणी शंकर


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