पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लि. की पहली मुख्य लेखाधिकारी

Thursday, Mar 30, 2023 - 06:23 AM (IST)

इंजीनियर सुशील पुरुषोत्तम सियान ने 16 सितम्बर 1967 को पंजाब स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड में बतौर लाइन सुपरिंटैडैंट दफ्तर एक्सियन ट्यूबवैल उसारी डिवीजन, पटियाला में अपनी सेवा शुरू की। लगभग 14 वर्ष बतौर लाइन सुपरिंटैंडैंट की सेवा उपरांत उन्हें 14 दिसम्बर 1981 को जे.ई. 2 के तौर पर तरक्की दी गई तथा उन्हें कार्यालय डिप्टी डायरैक्टर कम्प्यूटर सैल, चंडीगढ़ में तैनात किया गया। 24 अप्रैल, 1986 को बतौर जे.ई. तरक्की देकर दफ्तर प्रिंसिपल टैक्नीकल ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट, पटियाला में तैनात किया गया। 

28 साल की नौकरी के बाद उन्हें 29 सितम्बर 1995 को रोपड़ में बतौर एस.डी.ओ. तैनात किया गया।  20 जून, 2001 को उन्हें बतौर ए.ई.ई. तरक्की देकर गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट रोपड़ में तैनात किया गया। वह 30 जून, 2003 को सेवामुक्त हो गए। उन्होंने संचालन क्षेत्र में सेवा दौरान खुद एच पोल/ट्रांसफार्मरों पर चढ़ कर उपभोक्ताओं को निर्विघ्न बिजली के लिए काम किया था। पी.एस.पी.सी.एल. को बेशक एक इंजीनियरिंग संस्था के तौर पर जाना जाता है मगर फिर भी अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे पुरुषों तथा महिलाओं ने अपनी कड़ी मेहनत, पूरी ईमानदारी तथा लगन से काम करके अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करके अपने-अपने क्षेत्र में नाम कमाया है। 

ऐसी ही एक शृंखला में वित्तीय क्षेत्र में महिलाओं में से हरदीप कौर पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लि. की पहली प्रमुख लेखाधिकारी के तौर पर वर्तमान में सेवा दे रही हैं। हरदीप कौर का जन्म 1968 को पिता इंजीनियर प्रेम सिंह शाही तथा माता गुरदेव कौर के घर हुआ। हरदीप कौर के शुरू से ही गणित विषय की ओर अधिक झुकाव तथा दिलचस्पी ने ही उन्हें एम.काम की डिग्री हासिल करने के लिए प्रेरित किया। एम.काम की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने 1988 में पंजाब स्टेट कार्पोरेशन लि. जो पहले पंजाब स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड था, में बतौर आंतरिक जांचकत्र्ता के तौर पर अपनी सेवा शुरू की। 

पंजाब के बिजली खपतकारों को समर्पित संस्थान में पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लि. में हमेशा कुछ नया करने की शृंखला में उन्होंने 2001 में आई.सी.डब्ल्यू.ए.आई. की डिग्री प्राप्त की तथा इस शिक्षा ने उनकी सफलता की सीढ़ी चढऩे में महत्वपूर्ण योगदान डाला। अपनी सफलता के लिए हरदीप कौर अपने पिता प्रेम सिंह शाही तथा अपने पति जसपाल सिंह को अपनी सबसे बड़ी ऊर्जा के स्रोत तथा शक्ति मानती हैं। उनके अनुसार विवाह के बाद 2 बच्चों की देखरेख के साथ-साथ उच्च प्राप्ति तभी संभव हो सकी क्योंकि उनके पति का बहुत बड़ा सहयोग रहा। 

उन्होंने पी.एस.पी.सी.एल. के युवा अधिकारियों को कड़ी मेहनत और पूरी ईमानदारी तथा लगन से बिजली उपभोक्ताओं की सेवा करने के लिए कहा। उनके अनुसार कड़ी मेहनत तथा पूरी ईमानदारी का कोई विकल्प नहीं है, दूसरे हम सभी को अपने उज्जवल भविष्य के लिए सदा कड़ी मेहनत तथा ईमानदारी से प्रयत्नशील रहना चाहिए और समय, जो एक बहता दरिया है, की कदर करनी चाहिए। उनके पिता इंजीनियर प्रेम सिंह शाही भी पी.एस.पी.सी.एल. में उपमुख्य इंजीनियर के पद से सेवामुक्त हुए और उनके पति इंजीनियर जसपाल सिंह अतिरिक्त निगरान इंजीनियर के पद से सेवामुक्त हुए। 

इंजी. शशि प्रभा पंजाब की बिजली क्षेत्र की कार्पोरेशनों की महिलाओं में से पहली डायरैक्टर बनी थीं। इंजीनियर हरशरण कौर त्रेहन पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लि. में इंजीनियर इन चीफ का पद प्राप्त करने वाली पहली महिला इंजीनियर थीं। श्रीमती उर्मिल सूद पंजाब स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड की पहली उपसचिव बनी थीं।-मनमोहन सिंह(उपसचिव, लोक सम्पर्क विभाग पी.एस.पी.सी.एल.)     

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