‘पंजाब का बजट प्रगतिशील, मगर सुधार भी जरूरी’

Tuesday, Mar 16, 2021 - 04:19 AM (IST)

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की विवेकशीलता एवंं दूरदर्शिता तथा बड़े ही कारआमद दिशा-निर्देशों के अनुसार वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की कार्यकुशलता से तैयार किया बजट अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बड़ी शाईस्तगी, संजीदापन और शे’रो-शायरी तथा तालियों की गूंज में विधानसभा के पवित्र सदन में पेश किया गया। बजट लोगों की इच्छाआें, महत्वाकांक्षाआें, आवश्यकताआें तथा उनके सपनों को साकार करने का एक दस्तावेज होता है। जिसमें सरकार लोकहित में अपनी जिम्मेदारियों को सरअंजाम देने में बड़ा ही खूबसूरत तरीका अपनाती है ताकि प्रदेश विकास के पथ पर तीव्रगति से चलता रहे। हकीकत में बजट प्रगतिशील, लोक हितैषी और आॢथक विकास का पथ प्रदर्शक है। वित्त मंत्री द्वारा पेश किए बजट के हर मुद्दे पर नजरसानी करने से कुछ ठोस नतीजों पर पहुंचा जा सकता है। 

सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पंजाब की 1.48 करोड़ महिलाओं को सरकारी बसों में पूर्णता मुफ्त यात्रा प्रदान करके एक नया कीॢतमान स्थापित किया है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को जाता है। वित्तमंत्री ने स्कूली छात्राआें को भी इसी तरह की सहूलियत मुहैया की है, ताकि दूर-दराज स्कूलों, कॉलेजों में शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बिना खर्च किए सरकारी बसों में यात्रा करने का मौका मिल सके। 

सरकार ने इस बजट में किसी भी प्रकार का कोई नया टैक्स नहीं लगाया जो लोगों के लिए एक राहत का विषय है। परंतु पैट्रोल-डीजल पर वैट भी कम नहीं किया। क्योंकि जब से देश में जी.एस.टी. लागू हो गई है आमदन का करीब-करीब 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार के पास जाता है, जिसे बाद में प्रदेशों को बांट दिया जाता है। पंजाब सरकार के पास पैट्रोल-डीजल पर वैट, एक्साइज ड्यूटी, स्टैंप ड्यूटी और कुछ छोटे-मोटे अन्य साधन हैं, जहां से धन इकट्ठा होता है और यदि मंडी प्रणाली को केंद्र सरकार ने समाप्त कर दिया तो प्रति वर्ष 5 हजार करोड़ जो पंजाब सरकार को मिलता है वह भी बंद हो जाएगा और गांव की सड़कों के निर्माण तथा अन्य सहूलियतें मुहैया करने के लिए सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। 

सरकार केंद्र से 12 हजार 27 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद रखती है जिसे 2021-22 के बजट में निर्माण कार्यों के लिए खर्च किया जाएगा। सरकार के अपने टैक्स 37434.04 करोड़ रुपए हैं और केंद्र सरकार से जी.एस.टी. 16 हजार करोड़ रुपए और वैट से 6027.76 करोड़ रुपए मिलने की आशा है जिससे सारे खर्चों को पूरा किया जा सकता है। महामारी के कारण पंजाब में यद्यपि हर क्षेत्र में, विशेष करके व्यापार एवंं उद्योग को यूनिट बंद करने से बड़ा नुक्सान झेलना पड़ा, लेकिन इसमें सबसे अधिक नुक्सान होटल सैक्टर का हुआ। जिसमें काम करने वाले 8 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए। इसी तरह इंडस्ट्री और सॢवस सैक्टर भी अत्यधिक प्रभावित हुए। 

वित्त मंत्री को इन्हें पुन: पांव पर खड़ा करने के लिए कुछ कारआमद कदम उठाने की आवश्यकता थी। हकीकत में पंजाब एक लैंड लॉक्ड स्टेट है, जोकि बंदरगाहों से बहुत दूर है, दूसरे प्रदेशों के उत्पादनों से मुकाबला करने के लिए प्रदेश के व्यापारियों और उद्योगपतियों को सरकार की सहायता की आवश्यकता है। पंजाब सरकार ने कामयाब किसान और खुशहाल पंजाब की योजना की शुरूआत की है, जिसके तहत 3780 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे प्रगतिशील किसानों को समृद्धशाली होने का सुअवसर मिलेगा। 

पंजाब से प्रतिवर्ष लाखों नौजवान शिक्षा एवंं रोजगार हासिल करने के लिए अमरीका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, अबूधाबी, दुबई और अन्य यूरोप के देशों में जा रहे हैं, जिससे प्रति वर्ष 29 हजार करोड़ रुपया पंजाब से बाहर जा रहा है। कोई समय था जब दूसरे देशों से नौजवान धन अर्जित करके पंजाब भेजते थे, परंतु अब लगातार नौजवानों के बाहर जाने से पंजाब का आॢथक तौर पर बड़ा नुक्सान हो रहा है। सरकार को इन विद्याॢथयों के लिए पंजाब में उच्चकोटि की शिक्षा का प्रबंध करना होगा, ताकि वे यहीं से अच्छी शिक्षा हासिल कर सकें। इस अवसर पर यह शे’र नजर करता हूं
खोल आंख जमीं देख, फलक देख फजा देख।
कैप्टन की जेरे कयादत में बदलती पंजाब की तस्वीर देख।-प्रो. दरबारी लाल पूर्व डिप्टी स्पीकर, पंजाब विधानसभा
 

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