‘पंजाब सरकार किसानों के हित में हर काम करेगी’

Saturday, Feb 23, 2019 - 04:08 AM (IST)

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह 11 मार्च को अपने वर्तमान कार्यकाल के 2 वर्ष पूरे कर रहे हैं। वीणा भाटिया ने इस संबंध में कई मुद्दों पर उनसे बातचीत की। प्रस्तुत हैं उनसे साक्षात्कार के प्रमुख अंश : 

आपने यह घोषणा की थी कि सत्ता में आने के बाद लड़कियों के लिए नर्सरी से लेकर पी.एच.डी. तक शिक्षा मुफ्त की जाएगी, इसे कब तक लागू करने जा रहे हैं? अगले एकैडमिक सैशन से यह योजना लागू होगी। साथ ही, सरकारी स्कूलों में नर्सरी और एल.के.जी.क्लास फिर से शुरू की जाएंगी। 13,000 प्राइमरी स्कूलों और 48 सरकारी कॉलेजों में फ्री वाई-फाई की सुविधा भी दी जाएगी। किताबों को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। ये सब हर स्तर की शिक्षा के लिए है। 

फिरोजपुर के तूड़ी बाजार में शहीद भगत सिंह और उनके साथियों ने गुप्त ठिकाने बनाए थे, जहां से इंकलाबी गतिविधियां चलाई जाती थीं। उनके संरक्षण के लिए क्या आप कुछ करेंगे, जैसे म्यूजियम का बनाया जाना? हमने यह घोषणा पहले ही कर रखी है। पंजाब सरकार द्वारा शहीदी स्मारक हुसैनीवाला, सिख फौजों की तरफ से आजादी के लिए अंग्रेजों के साथ लड़ी गई फिरोजशाह, मुदकी और सभरावां की लड़ाइयों वाले ऐतिहासिक स्थानों और सिख रैजीमैंट के बहादुर फौजियों के बलिदान की यादगार गुरुद्वारा सारागढ़ी साहिब, फिरोजपुर छावनी के ऐतिहासिक महत्व के बारे में लोगों को बताने के लिए खास उपाय किए जाएंगे। 

इन ऐतिहासिक स्थानों को सैलानी केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही विशेष टीम फिरोजपुर भेजी जाएगी। फिरोजपुर शहर के तूड़ी बाजार में स्थित आजादी के बलिदानियों की छुपनगाह को सांस्कृतिक और पर्यटन विभाग की तरफ  से नोटिफाइड किया गया है। शहीदों की याद में स्मारक बनाए जाएंगे। यह काम जल्द ही शुरू किया जाना है। पंजाब में किसान लंबे समय से आंदोलनरत हैं। कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में कृषि कर्ज माफ करने और फसलों की पूरी कीमत देने का वादा किया था। वहीं, किसानों ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू किए जाने की मांग की थी। इस संबंध में आप क्या कदम उठाने जा रहे हैं? 

पंजाब सरकार दो लाख करोड़ रुपए के कर्ज तले दबी है और 19,000 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा झेल रही है। पिछली सरकार ने इस समस्या को पेचीदा बना दिया। फिर भी हम किसानों को राहत देने के लिए हर संभव उपाय करने से नहीं चूकेंगे। छोटे और सीमांत किसानों के लिए 2 लाख रुपए तक की कर्ज माफी की गई है और अन्य सीमांत किसानों के लिए उनके कुल कर्ज पर 2 लाख रुपए तक की छूट दी गई है। इसका हमने चुनाव के दौरान वादा किया था। इससे राज्य के कुल 18.5 लाख किसानों में से 10.25 लाख किसानों को लाभ होगा, जिनमें 8.75 लाख किसानों की जमीन 5 एकड़ से कम है। सरकार के इस कदम से उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों में घोषित कर्ज माफी की तुलना में पंजाब के किसानों को दोगुनी राहत मिलेगी। राज्य सरकार किसानों की शिकायतों का निपटारा करने को लेकर गंभीर है और विशेषज्ञ कमेटी के 
सुझावों पर काम कर रही है। 

पंजाब में किसानों की आत्महत्याएं काफी बढ़ी हैं। अगस्त में जो आंकड़े आए, उनके अनुसार 130 दिनों में डेढ़ सौ से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की। किसान यूनियन तो इसे दो सौ से भी ज्यादा मानती है। इस समस्या का क्या हल है? आत्महत्या के मामलों का बढऩा चिंताजनक है। परिस्थितियों में बदलाव आएगा, किसानों को सब्र से काम लेना चाहिए। सरकार उनके हित में हर काम करने को तैयार है। पहले शासन में हालत बद से बदतर हो गई और पंजाब के किसान दुखी हुए।

सरकार किसानों के लिए जो कर सकती है, वह लगातार करने की कोशिश कर रही है। सरकार के पास भी किसानों की मदद करने के लिए सीमित संसाधन हैं। हमने 2 लाख रुपए तक के कर्ज में डूबे किसानों की मदद की है। बजट में करीब 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान किसानों की कर्ज माफी के लिए रखा गया है लेकिन बढ़ते खुदकुशी के मामलों के पीछे प्राइवेट बैंकों का भी दबाव है, जो बिना सोचे-समझे किसानों को काफी मोटी रकम कर्जे पर दे देते हैं और बाद में जब किसान यह रकम वापस नहीं कर पाते तो उन पर दबाव बनाते हैं, जिस वजह से किसान आत्महत्या कर लेते हैं। पर अब इसे रोकना सरकार के एजैंडे पर है। किसानों को हर मदद मुहैया कराई जाएगी। 

पंजाबी यूनिवर्सिटी पर लगभग एक सौ करोड़ रुपए का कर्जा है, सरकार इस कर्ज को खत्म करने के लिए क्या कदम उठा रही है? पंजाबी यूनिवर्सिटी गंभीर आर्थिक संकट में है। बैंकों से ओवरड्राफ्ट द्वारा 100 करोड़ के लगभग कर्ज लिया गया लेकिन फिर भी यूनिवर्सिटी के प्राध्यापकों और अधिकारियों को वेतन नहीं मिल सका। यूनिवॢसटी के बहुत से प्रोजैक्ट बंद होने की कगार पर पहुंच गए थे। ओवरड्राफ्ट से यूनिवर्सिटी नहीं चलाई जा सकती। इस समस्या का माकूल हल किया जाएगा। सरकार ने इस मामले पर कमीशन बिठा रखा है। प्रसिद्ध कवि सुरजीत सिंह पातर को पंजाब कला परिषद का चेयरमैन नामजद किए जाने पर आपकी बड़ी वाहवाही हुई है। पंजाबी कला, साहित्य और थिएटर को बढ़ावा देने के लिए आपकी क्या कुछ और भी योजनाएं हैं? 

सुरजीत पातर पंजाबी साहित्य की उच्च स्तरीय शख्सियत हैं जिन्होंने पंजाब कला परिषद के चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति स्वीकार कर पंजाब सरकार का मान बढ़ाया। डॉ. सुरजीत पातर की नियुक्ति से पंजाब कला परिषद का रुतबा 10 गुना और बढ़ गया। इस नामवर साहित्यिक शख्सियत के कला परिषद का चेयरमैन बनने से सबका मान बढ़ा है। डॉ. पातर का नाम जब आया तो सभी ने इसे एकमत से स्वीकार कर लिया। डॉ. पातर ने भरोसा दिया है कि पंजाब कला परिषद के चेयरमैन के तौर पर वह पंजाबी कला और नाटक को लोगों तक पहुंचाएंगे। वह पंजाब कला परिषद के साथ लोक लहर खड़ी करके पंजाबी संस्कृति और साहित्य को प्रफुल्लित करने में समर्पित हो कर योगदान देंगे, जिससे इसका दायरा और विशाल हो सके।

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