पी.एस.पी.सी.एल. के सिविल विंग का विशेष योगदान

punjabkesari.in Thursday, Apr 20, 2023 - 06:01 AM (IST)

पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) पंजाब भर में कार्पोरेशन की विभिन्न इमारतों जिनमें कार्यालयों की इमारतें, अलग-अलग बिजली घरों की इमारतें, थर्मल तथा हाइडल प्लांटों के बिजली घरों के अलावा गैस्ट हाऊस तथा रिहायशी कालोनियां शामिल हैं, के निर्माण तथा रखरखाव के लिए नियमों अनुसार बहुत योजनाबद्ध तरीके से लगातार कर रहा है। 

पंजाब भर में अलग-अलग स्थानों, शहरों तथा कस्बों में स्थित कार्यालयों, सब स्टेशनों, थर्मल प्रोजैक्टों तथा हाइडल प्रोजैक्टों इत्यादि के अलावा अलग-अलग शहरों तथा कस्बों में पी.एस.पी.सी.एल. की कालोनियां भी बनी हुई हैं। इन कालोनियों में पी.एस.पी.सी.एल. तथा पंजाब स्टेट पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड (पी.एस.पी.टी.एल.) के अधिकारी तथा कर्मचारी रहते हैं। वातावरण को स्वच्छ तथा शुद्ध रखने के मंतव्य से अपना योगदान डालने में पी.एस.पी.सी.एल. का सिविल विंग  कभी भी पीछे नहीं रहा। मुख्य इंजीनियर सिविल इंजी. दर्शन कुमार सिंगला ने बताया कि पी.एस.पी.सी.एल. की कालोनियां, बिजली घरों, थर्मल प्रोजैक्टों, हाइडल प्रोजैक्टों तथा कार्यालय में खाली पड़े स्थानों में मौसम के अनुसार कई तरह के पौधे तथा वृक्ष लगाए गए हैं जिनमें कई वृक्ष अलग-अलग फलों के भी हैं। ये पौधे और वृक्ष वातावरण को स्वच्छ बनाने में अपना अहम योगदान देते हैं। 

पी.एस.पी.सी.एल. के सिविल इंजीनियरों ने गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट, रोपड़, गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट, लहरा मोहब्बत यू.बी.डी.सी. हाइडल प्रोजैक्ट तथा मुकेरियां हाइडल प्रोजैक्ट आदि को तय लक्ष्यों से पहले ही पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। पी.एस.पी.सी.एल. के सिविल इंजीनियरों को थर्मल प्लांटों स्थित रेलवे ट्रैक, कूलिंग टावर तथा चिमनियों इत्यादि के रखरखाव का कार्य तथा विभिन्न प्रोजैक्टों में जलापूर्ति, सीवरेज और सड़कों इत्यादि से संबंधित कई तरह के कार्यों का रखरखाव किया जाता है। 

पी.एस.पी.सी.एल. के हाइडल प्रोजैक्टों से संबंधित रेजरवाइरस, सिविल के विभिन्न ढांचों तथा हाइडल चैनलों इत्यादि के रखरखाव का हर समय ख्याल रखना पड़ता है ताकि बिजली का उत्पादन सही ढंग से और निर्विघ्न चलता रहे।  पी.एस.पी.सी.एल. के थर्मल प्लांटों के निकट हैंडलिंग प्लांट में कनवेयर बैल्टों हेतु टनल्स बनाई जाती हैं जिनका रखरखाव भी महत्वपूर्ण है। इसी तरह थर्मल प्लांटों में  गर्म तथा ठंडे पानी के प्रवाह के लिए अलग-अलग टनल्स बनाई जाती हैं जिनका रखरखाव भी बेहद अहम है। 

पी.एस.पी.सी.एल. की ओर से अपने कर्मचारियों तथा अधिकारियों को पटियाला में ट्रेङ्क्षनग देने के लिए टैक्नीकल ट्रेङ्क्षनग इंस्टीच्यूट तथा जालंधर, अमृतसर, लुधियाना तथा बठिंडा में जोनल नॉलेज सैंटर बनाए गए हैं। ट्रेनिंग के दौरान कर्मचारियों तथा अधिकारियों के रहने के लिए पटियाला में एक होस्टल बनाया गया है। बिजली की आपूर्ति सुचारू ढंग से चलाने के लिए अमृतसर, लुधियाना तथा जालंधर में स्काडा इमारतें बनाई गई हैं। विभिन्न स्थानों पर ट्रांसफार्मर रिपेयर यार्ड्स (टी.आर.वाई.) तथा एम.ई. लैब्ज बनाई गई हैं। इन एम.ई. लैब्ज में बिजली के मीटर टैस्ट किए जाते हैं। इन सभी इमारतों की देखभाल का कार्य सिविल इंजीनियरों की ओर से किया जाता है। 

केंद्र तथा राज्य सरकार की ओर से प्रमाणित स्कीमों के अंतर्गत पंजाब राज्य में बिजली वितरण की स्थिति को सुधारने के संबंध में कई नए 66 के.वी. ग्रिड सब स्टेशन बनाने की तजवीज है। पी.एस.पी.सी.एल. ऐसी संस्था है जिसमें किसी भी नए कार्य परियोजना के निर्माण के लिए अपना आर्कीटैक्ट का सिविल विंग है। नए 66 के.वी. सब स्टेशनों के साथ नई टी.एल. लाइनों का निर्माण भी किया जाना है जिनके लिए नई 220 के.वी. तथा 66 के.वी. टाइप टावर फाऊंडेशनों का निर्माण करवाया जाना है। 

पी.एस.पी.सी.एल. की सिविल संस्था की ओर से इमारतों के नवीनीकरण तथा आधुनिक इमारतों का डिजाइन इत्यादि भी किया जा रहा है। इमारतों को भूकंप से बचाने के लिए इनका आधुनिक साफ्टवेयर की सहायता से डिजाइन किया जा रहा है ताकि भूकंप इत्यादि के समय में किसी भी तरह के नुक्सान से पी.एस.पी.सी.एल. की सम्पत्ति को बचाया जा सके। मुख्य अभियंता सिविल इंजी. दर्शन कुमार सिंगला ने अपने संदेश में कहा है कि बिजली एक बहुमूल्य सम्पदा है जिसकी बचत की जाए और जरूरत अनुसार ही इसे इस्तेमाल में लाया जाए।-मनमोहन सिंह(उपसचिव लोकसंपर्क, पी.एस.पी.सी.एल.)
    


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