चीन में विद्यार्थियों और शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन
punjabkesari.in Saturday, Sep 16, 2023 - 05:52 AM (IST)

चीन में सरकार या प्रशासन विरोधी प्रदर्शन होना एक अचंभे की बात है क्योंकि चीन में ऐसे कोई भी प्रदर्शन नहीं होते। अगर छोटे-मोटे स्तर पर कोई प्रदर्शन होता भी है तो उसे वहां की सरकार दबा देती है। लेकिन अब चीन के लोग सरकार की गलत नीतियों और अन्याय के खिलाफ शांत रहकर सब कुछ नहीं सहते बल्कि पिछले कुछ वर्षों में चीनी समाज के हर वर्ग में चीन सरकार के अन्याय के खिलाफ आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं। लोग न्याय की आस में अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं। इसके पीछे की वजह है कोरोना महामारी, जिसकी विभीषिका झेलने के बाद लोगों को सरकार की नीतियों में गलतियां दिखीं और लोग इन नीतियों के खिलाफ मुखर होकर बोलने लगे। चीन में अब हर जगह, हर क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन भी होते हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी होती है।
हाल ही में चीन के हूनान प्रांत में विद्याॢथयों और अध्यापकों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। विद्याॢथयों और अध्यापकों के प्रदर्शन अलग-अलग देखने को मिले, विद्याॢथयों के इस विरोध प्रदर्शन में हाई स्कूल के हजारों विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। 2 सितंबर को हूनान प्रांत के यानछंग शहर के फस्र्ट सीनियर हाई स्कूल में विद्यार्थियों ने अपने प्रदर्शन में 2 दिन के साप्ताहिक अवकाश को खत्म करने के सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध किया। अपने विरोध प्रदर्शन की शुरूआत में प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने बड़े-बड़े पोस्टर लेकर अपना विरोध जताया जिनमें से कई पोस्टरों पर लिखा था पुराने साप्ताहिक अवकाश को पाने के लिए संघर्ष करो,जैसे पश्चिम यरूशलम के बिना नहीं रह सकता, शानतुंग छिंगताओ के बिना नहीं रह सकता। ठीक वैसे ही फस्र्ट सीनियर हाई स्कूल पुरानी अवकाश व्यवस्था के बिना नहीं रह सकता।
विद्यार्थियों द्वारा नोटिस बोर्ड पर लगाए गए पोस्टरों को स्कूल प्रशासन ने समाचार पत्रों को चिपका कर शांत कर दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने स्कूल की इमारत के बाहर खड़े होकर अपना विरोध दर्ज कराया। इसके बाद अगला हंगामा चीन की सोशल मीडिया पर शुरू हुआ जहां पर स्कूल के बच्चों द्वारा हाथ से लिखे गए पोस्टरों के साथ देखने को मिला जहां पर लिखा था कि स्कूल ने न सिर्फ पोस्टरों को अखबारों से ढंक दिया बल्कि हाई स्कूल के 5 हजार बच्चों को भी चुप करा दिया। इस खबर पर बच्चों के नेटिजनों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली और स्कूल प्रशासन के ऊपर तानाशाह होने का आरोप तक लगा दिया। इसके बाद स्कूल में शाम को ढेर सारे स्कूल के बच्चे खड़े होकर स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सीना बेईबो पर मिली जानकारी के अनुसार स्कूल प्रशासन ने बुलेटिन बोर्ड के पास अध्यापकों को इस निर्देश के साथ खड़ा कर दिया कि जो भी विद्यार्थी प्रदर्शन करने आएं उनका वीडियो बनाया जाए। साथ ही किसी को भी बुलेटिन बोर्ड पर पोस्टर न लगाने दिया जाए।