सिख मामलों में प्रधानमंत्री मोदी की सरगर्मियां जारी

Friday, Apr 01, 2022 - 04:20 AM (IST)

पंजाब विधानसभा चुनाव हो जाने के बाद भी सिख मामलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता लगातार जारी है। प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले ही सिख बुद्धिजीवियों के प्रतिनिधिमंडल को घर बुलाया और कई अहम सिख मसलों पर विचार किया गया। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भी प्रधानमंत्री मोदी ने 2 बार सिख नेताओं से मुलाकात की थी। इसमें एक बार सिख संत समाज के शीर्ष लोगों से मुलाकात की गई और दूसरी बार अफगानिस्तान से भारत आए सिखों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत की थी। हालांकि उस समय माना जा रहा था कि पंजाब के विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी पकड़ अधिक बनाने के लिए यह सारी कवायद कर रही है, लेकिन चुनाव के बाद भी सिख मसलों की ओर प्रधानमंत्री मोदी का झुकाव बढ़ गया है। 

सिखी मसलों पर उनकी दिलचस्पी सियासी हलकों में भी चर्चा का विषय बन गई है। माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब में विशाल बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद 2024 के लोकसभा के आम चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में है। पंजाब में लोकसभा की कुल 13 सीटें हैं, जिन पर भाजपा का पूरा फोकस रहेगा। इसके अलावा जैसे ‘आप’ पंजाब में कांग्रेस पार्टी का बदल बनने की कोशिश में है वैसे ही भाजपा की नजर खुद को खड़ा करने के लिए शिरोमणि अकाली दल के वोट बैंक पर है। यही कारण है कि बड़े-बड़े पंथक मसलों पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की जा रही बैठकों में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं शिरोमणि अकाली दल को नजरअंदाज किया जा रहा है। 

सिखों की प्रमुख धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) के लम्बे समय से लटके चुनाव भी अब करवाए जा सकते हैं। इसके लिए बाकायदा कई सिख संगठनों द्वारा मांग भी की जा चुकी है। यदि एस.जी.पी.सी. चुनाव में शिरोमणि अकाली दल हार जाता है तो पंजाब में उसका जनाधार और साख दोनों खत्म हो जाएंगे और भाजपा की यही कवायद है कि वह अकाली दल की जगह पंजाब में अपने लिए बना सके। इसलिए गंभीर सिख मसलों पर प्रधानमंत्री ने अपनी चिंता सिख बुद्धिजीवियों के सामने जताई है। खास तौर पर इसमें मातृभाषा को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी महत्वपूर्ण है। 

चंडीगढ़ पर कमजोर हुआ पंजाब का दावा : पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड पर अब पंजाब का दावा कमजोर होता जा रहा है। पहले केंद्र सरकार ने पंजाब की सीमा पर तैनात बी.एस.एफ. का दायरा 15 से बढ़ा कर 50 किलोमीटर कर दिया, उसके बाद संसद में पास किए गए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड सुरक्षा बिल के तहत भाखड़ा बांध का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया और उसकी सुरक्षा में पंजाब पुलिस की जगह सी.आई.एस.एफ. की तैनाती कर दी। इसके साथ ही चंडीगढ़ के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सेवा नियमावली लागू कर दी गई। 

आज इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो गया। इस फैसले से कहीं न कहीं चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा कमजोर हुआ है। पंजाब पुनर्गठन एक्ट के अनुसार चंडीगढ़ में तैनात होने वाले अधिकारियों में पंजाब का हिस्सा 60 फीसदी और हरियाणा का 40 फीसदी रखने की बात थी, लेकिन अब चंडीगढ़ में कई विभागों में केंद्र सरकार ने यू.टी. कैडर के अधिकारियों की तैनाती कर दी है। 

तख्त श्री पटना साहिब कमेटी में तख्ता पलट की तैयारी : तख्त श्री पटना साहिब कमेटी के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह हित को हटाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। शिरोमणि अकाली दल के बागी गुट द्वारा दिल्ली में अपनी अलग धार्मिक पार्टी बनाने के बाद दो-फाड़ हुए शिरोमणि अकाली दल में नए समीकरण बन गए हैं। शिरोमणि अकाली दल ने वरिष्ठतम नेता अवतार सिंह हित को दिल्ली में फिर से पार्टी खड़ी करने के काम पर लगाया है। 

हालांकि पार्टी के रकाबगंज स्थित कार्यालय पर विवाद हो गया है। इन सबके बीच ऐसा कहा जा रहा है कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से श्री पटना साहिब कमेटी में नामजद अवतार सिंह हित की जगह दिल्ली कमेटी ने अब सुखबीर सिंह कालरा का नाम भेज दिया है। हालांकि तख्त श्री पटना साहिब एक्ट के अनुसार किसी नामजद सदस्य की सदस्यता तभी खत्म हो सकती है यदि वह इस्तीफा दे दे, या उसकी मृत्यु हो जाए या  उस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हों। 

दिल्ली कमेटी ने बांटनी शुरू कर दीं चेयरमैनियां : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में सत्ता पर काबिज हुए नए प्रबंधन ने अपने चहेतों को स्कूल, कालेजों एवं कमेटी में चेयरमैनियां बांटनी शुरू कर दी हैं। इसके तहत नए जीते कमेटी सदस्यों एवं कुछ पुराने वफादार सदस्यों को भी चेयरमैन बनाया जा रहा है। दिल्ली नगर निगम चुनाव टलने के बाद चेयरमैनियां देनी ज्यादा जरूरी हो गई थीं, क्योंकि कई चुने हुए सदस्य पाला बदलने का भी प्रयास करने लगे थे। 

और अंत में : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने देश-विदेश से आने वाली सिख संगत की सुविधा के लिए गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब परिसर में गुरु अर्जन देव निवास को आधुनिक बनाते हुए 16 नए कमरों का शुभारंभ किया है। यह भवन संसद भवन के ठीक बगल में स्थित है। बाबा बचन सिंह जी कार सेवा वालों ने इसका जीर्णोद्धार करवाया है। इनमें बड़े कमरे भी हैं जिनमें 3-3 बैड लगाए गए हैं और इसके अलावा लंगर छकाने के लिए हाल का अलग से प्रबंध किया गया है।-दिल्ली की सिख सियासत सुनील पांडेय
 

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