पावरकॉम के राजस्व का रक्षक पावर परचेज व रैगुलेशन विंग
punjabkesari.in Thursday, Nov 30, 2023 - 05:58 AM (IST)

पंजाब की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और राज्य के बहुपक्षीय विकास का प्रमुख सांझेदार पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) की कारगुजारी में पावर परचेज एवं रैगुलेशन विंग का अहम योगदान है। पी.पी. एंड आर. विंग के अधिकारी और कर्मचारी विभिन्न शिफ्टों में पूरा साल 24 घंटे अपनी सेवाएं बहुत ही अच्छे ढंग से देते और समर्पित रहते हुए पंजाब की सभी श्रेणियों के बिजली उपभोक्ताओं को ठोस, सस्ती तथा निर्विघ्न बिजली की आपूर्ति को यकीनी बनाते हैं बल्कि पावरकॉम के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान भी देते हैं।
पी.पी. एंड आर. विंग की ओर से पावरकॉम के बिजली उपभोक्ताओं के लिए कम से कम दरों पर बिजली की खरीद विभिन्न स्रोतों जैसे कि इंडीपैंडैंट पावर प्रोड्यूसर, को-जनरेशन प्लांट्स, कैप्टिव पावर प्लांट्स, प्राइवेट सोलर प्लांट्स, प्राइवेट हाइडल प्लांट्स, माइक्रो हाइडल प्लांट्स, सैंट्रल सैक्टर के संस्थान जैसे कि एंटी पी.सी., एन.एच.पी.सी., एस.जे.वी.एन., टी.एच.डी.सी., डी.बी.सी., सैकी, पावरग्रिड आदि से खरीदी गई बिजली का पूरा लेखा-जोखा रखा जाता है। पावरकॉम के पी.पी. एंड आर. के मुख्य अभियंता इंजी. परमजीत सिंह के अनुसार 19 अक्तूबर 2010 को अस्तित्व में आए इस विंग का सबसे महत्वपूर्ण कार्य पावर डिमांड फोरकासिं्टग अर्थात पंजाब में आने वाले दिनों के लिए पंजाब के बिजली उपभोक्ताओं की बिजली की मांग के अनुसार बिजली की सप्लाई के लिए योग्य एवं एक योजनाबंदी अनुसार जरूरी प्रबंध यकीनी बनाने होते हैं।
उदाहरण के तौर पर कई बार मौसम विभाग की ओर से राज्य के विभिन्न शहरों में बारिश की भविष्यवाणी की जाती है। भविष्यवाणी केवल अनुमान ही होता है और उस पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता। मगर पावरकॉम की ओर से सभी उपभोक्ताओं को बिजली की निर्विघ्न आपूर्ति के लिए सभी प्रबंध करने पड़ते हैं। मौसम में बदलाव के अनुसार सभी दिन, 24 घंटे वास्तविक समय के अनुसार विभिन्न प्लांट्स से मैरिट आर्डर के अनुसार बिजली की पैदावार की निगरानी करना, पावर एक्सचेंज से सस्ती बिजली खरीदना और महंगी से महंगी बिजली बेचने के लिए यत्न किए जाते हैं। इस वित्तीय वर्ष के दौरान पी.पी. एंड आर. विंग की ओर से नवम्बर 2023 तक औसतन 4.58 रुपए की दर से करीब 2507.27 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी गई और औसतन 7.71 रुपर की दर से करीब 1249.31 मिलियन यूनिट बिजली बेची गई।
मुख्य अभियंता इंजी. परमजीत सिंह के अनुसार पावरकॉ़म और ट्रांसको के इंजीनियरों की टीमें एक योजना के तहत 365 दिन, 24 घंटे बिना किसी रुकावट के पंजाब स्टेट लोड डिस्पैच सैंटर से बिजली की पैदावार और बिजली के संचालन को बहुत दूरअंदेशी के साथ इसकी निगरानी और नियंत्रित करते हैं। पंजाब में धान और गर्मियों के मौसम के दौरान बिजली की सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं और कृषि उपभोक्ताओं को पावरकॉम से निर्विघ्न बिजली आपूर्ति करने के लिए पी.पी. एंड आर. और पंजाब स्टेट लोड डिस्पैच सैंटर के अधिकारी और कर्मचारी की टीमें आपसी तालमेल के साथ सदैव सराहनीय सेवाएं निभाते हैं। नॉन पीक सीजन में बिजली की मांग करीब 3000 मैगावाट और पीक सीजन में बिजली की मांग 15,500 मैगावाट हो जाती है।
बिजली की मांग में इतने बड़े अंतर को बहुत दूरअंदेशी और पी.एस.पी.सी.एल. के वित्तीय स्रोतों अर्थात राजस्व की रक्षा को मुख्य रखते हुए जरूरी प्रबंध करने, पी.पी. एंड आर. विंग के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। पावरकॉम की ओर से पंजाब सरकार के आदेशों के अनुसार कृषि उपभोक्ताओं और बाकी सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को शैड्यूल स्वीकृत होने के उपरांत यह शैड्यूल फील्ड कार्यालयों को भेज कर बिजली देने के निर्देश जारी किए जाते हैं। कई बार बिजली उपभोक्ताओं की मांग के अनुसार इन शैड्यूलों को बिजली की सप्लाई को बढ़ा/कम करके भी एडजस्ट किया जाता है। पंजाब में सिंचाई के लिए पानी की मांग अनुसार जलस्रोत विभाग की ओर से दिए जाने वाले पानी के इनडैंट के अनुसार रणजीत सागर डैम की मशीनों का लोड भी इस विंग की ओर से एडजस्ट किया जाता है।-मनमोहन सिंह(उपसचिव लोकसंपर्क, पी.एस.पी.सी.एल.)