मुसलमान भाईचारे में उठ रही सकारात्मक आवाजें

Thursday, Dec 07, 2017 - 02:47 AM (IST)

अयोध्या में राम जन्म भूमि और मस्जिद विवाद तथा जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी गतिविधियों ने सारे देश का ध्यान अपनी ओर खींच रखा है। 

सुप्रीमकोर्ट में मंगलवार को अयोध्या विवाद पर सुनवाई शुरू हुई। इसमें काफी हाई वोल्टेज माहौल देखने को मिला। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले की सुनवाई 2019 के आम चुनाव तक टालने की मांग की जिसे सुप्रीमकोर्ट ने अस्वीकार करते हुए 8 फरवरी से नियमित सुनवाई का आदेश जारी किया। दूसरी ओर शिया बोर्ड के वकील ने अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर बनाए जाने का समर्थन करते हुए कहा कि मस्जिद किसी अन्य स्थान पर बनाई जा सकती है ताकि इस मामले को लेकर चल रहा वह तनाव समाप्त हो जिससे किसी का लाभ होने वाला नहीं है। 

हालांकि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने इसका कड़ा विरोध किया है परन्तु शिया वक्फ बोर्ड का यह निर्णय अत्यंत सही और सौहार्द पैदा करने वाला है। शिया वक्फ बोर्ड की भांति ही मुम्बई के मौलवियों ने राष्ट्रीयता का परिचय देते हुए पाकिस्तान सरकार द्वारा मुम्बई हमलों के मास्टर माइंड और मुम्बई के गुनाहगार आतंकवादी हाफिज सईद को रिहा करने का कड़ा विरोध किया है और उन्होंने पाकिस्तानी उच्चायोग से मांग की है कि अगर पाकिस्तान उसे सजा नहीं दे सकता तो फिर उसे भारत को सौंप दे ताकि यहां के मुसलमान इस आतंकवादी को चौराहे पर खुलेआम फांसी दे सकें। 

उल्लेखनीय है कि गत दिनों मुम्बई स्थित रजा अकादमी के कार्यालय में ‘ताजदार-ए-खत्म-ए नबूवत कांफ्रैंस’ का आयोजन किया गया था जिसमें बैठक के दौरान मौलवियों ने दहशतगर्द हाफिज सईद पर पाकिस्तानी सरकार द्वारा नर्मी बरतने पर भारी नाराजगी जाहिर की। बैठक में काजी अब्दुर्रहमान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार मुम्बई के गुनाहगार हाफिज सईद पर नर्मी बरत रही है। यही वजह है कि वहां की कोर्ट ने उसे रिहा कर दिया है। इस गुनाहगार को सजा मिलनी चाहिए। 

इसी प्रकार मौलाना अमानुल्लाह रजा ने भी हाफिज सईद की रिहाई पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ‘अमन का वतन’ कहलाने वाला पाकिस्तान दहशतगर्दों का अड्डा बन गया है। पाकिस्तान सरकार मसूद अजहर व हाफिज सईद आदि को पनाह देकर भारत में आतंक का खेल खेलकर बेगुनाहों का खून बहा रही है जिसे यहां का मुसलमान बर्दाश्त नहीं करेगा। मौलाना खलीलुर्रहमान ने भी पाकिस्तान पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि पाकिस्तान में हिजड़ों की सरकार बन गई है। हाफिज सईद को पाकिस्तान सरकार जेल में ठूंस दे ताकि वह कोई नई खुराफात न कर सके। रजा अकादमी के महासचिव सईद नूरी ने कहा कि हाफिज सईद की पुन: गिरफ्तारी और वहां मौलवियों पर अत्याचार को लेकर पाकिस्तान हाई कमीशन को पत्र भेज कर यहां के मुसलमानों की भावनाएं बताई जाएंगी।

उल्लेखनीय है कि कश्मीर में अढ़ाई दशक से अधिक समय से चल रहे आतंकवाद में गर्मदलीय तथा तोड़-फोड़ करने वाले लोग और उल्टे-पुल्टे बयान देने वाले नेता भी शामिल हैं जो अपने बयानों से साम्प्रदायिक वातावरण विषाक्त करने की लगातार कोशिशों में जुटे हुए हैं। परन्तु इसके साथ ही यह भी एक वास्तविकता है कि भारत के किसी भी बड़े मुसलमान नेता ने या बहुसंख्यक मुसलमानों ने कभी भी भारत से कश्मीर के अलग होने की बात नहीं की। ये सब बातें मिलकर बताती हैं कि देश के बहुसंख्यक मुसलमानों का रवैया भारत के प्रति सकारात्मक है। ये एकता की आवाजें हैं और हिंदुस्तान की आवाजें हैं। अलबत्ता कुछ गर्मदलीय विचारधारा के लोग हर समुदाय में होते हैं जो मौके का फायदा उठाना चाहते हैं। हमें ऐसे लोगों को अलग-थलग करके सकारात्मक विचारधारा के लोगों को साथ लेकर चलना है और देश को आगे बढ़ाना है।—विजय कुमार

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