बेहद खतरनाक होती है अश्लील फिल्मों की लत
punjabkesari.in Sunday, Apr 09, 2023 - 05:13 AM (IST)

देश में पोर्न देखने की ललक अनेकों लोगों को है। माननीय लोग भी इसके दीवाने रहते हैं। हाल ही में देश के उत्तर पूर्वी राज्य के एक विधायक को विधानसभा के अंदर पोर्न वीडियो देखते हुए पाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब विधानसभा सत्र के दौरान जनाब अपने टैबलेट पर पोर्न देखते हुए पाए गए तो किसी ने पीछे से उनका वीडियो बना लिया। ऐसा पहली बार नहीं है, 2021 में एक विधानसभा में दो जनप्रतिनिधियों को आईपैड पर कथित रूप से कुछ अश्लील देखते हुए पाया गया था। ऐसे कई और मामले भी मीडिया में उजागर होते रहे हैं।
पोर्न देखने से जुड़े अनेक पहलू रोचक तो हैं ही बल्कि इसका हमारे जीवन पर क्या बुरा प्रभाव है आपको बताते हैं। आइए जांचें पोर्न देखने के क्या उलटे-सीधे प्रभाव हैं। यूं तो आज की डेट में पोर्न, कोई हौवा नहीं है। आपके मोबाइल फोन में पोर्न होना कोई खास अपराध नहीं है। महिला और पुरुष चोरी-चोरी इसे देखना पसंद करते हैं परन्तु मनोविज्ञानी और हैल्थ विशेषज्ञ इसको देख कर अति आनंद की अनुभूति होने के बावजूद इस पर अंकुश की सिफारिश करते हैं। यकीनन पोर्न को लेकर हमारे समाज में अब उस तरह के टैबू नहीं रहे, जो कुछ साल पहले तक हुआ करते थे। ओ.टी.टी. प्लेटफॉर्म ने अब इसे आपके लिए और ज्यादा सुलभ भी बना दिया है। पहले की तरह अब पोर्न को लेकर समाज में किसी तरह का सोशल स्टिग्मा नहीं है।
इसके बावजूद इससे जुड़ी एक रिसर्च इस बात का दावा करती है कि लगातार पोर्न देखने से आपको इसकी लत लग सकती है। और तो और पोर्न एडिक्शन आपकी नींद, मैंटल हैल्थ और सैक्स लाइफ को भी प्रभावित कर सकती है। साइको एनालिसिस के जानकार मानते हैं कि कभी-कभी जब कोई महिला या कोई पुरुष एक्साइट होना चाहता है, तो पोर्न देखना उसकी मदद कर सकता है। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि पोर्न देखने में कुछ भी अजीब नहीं है। यह आपको सकून देती है। यही वजह है कि लड़के ही नहींं, लड़कियां भी नियमित रूप से पोर्न देखती हैं।
2018 के एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 11.5 प्रतिशत पुरुष और 60.2 प्रतिशत महिलाएं पोर्नोग्राफिक कंटैंट देखती हैं। पर ये सकून कब एडिक्शन में बदल जाता है, बहुत से पुरुष और महिलाएं भी यह नहीं समझ पातीं। पोर्न वॉङ्क्षचग तब समस्या बन सकती है, जब आप पोर्न एडिक्ट अपने रूटीन कार्यों से बचने लगते हैं, अक्सर पोर्न देखने के लिए यदि आप काम से छुट्टी लेना या परिवार के साथ बिताने वाले समय में कटौती करने लगते हैं तो यह एडिक्शन आपको धीरे-धीरे औरों से दूर ले जाती है और आप आइसोलेशन में जाने लगती हैं।
पोर्न एडिक्शन मानसिक सेहत के लिए भी खतरनाक है। जब भी आप पोर्न देखते हैं तो इसका आपके दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है। यह आपके सोचने और समझने की क्षमता को कमजोर करता जाता है। अध्ययन में यह सामने आया है कि जो लोग ज्यादा पोर्न देखते हैं, उनमें हिंसक प्रवृत्ति बढऩे लगती है। खासतौर पर अगर आपका पार्टनर ज्यादा पोर्न देख रहा है, तो भी आपकी अंतरंगता पर इसका असर पड़ सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पोर्न यह गलत अवधारणा पैदा करती है कि लड़कियां या महिलाएं या फिर पुरुष हर वक्त संबंध बनाने के इच्छुक होते हैं।
साइको विद्वान इस एडिक्शन के दिलोदिमाग पर क्या गुजरती है, के बारे में कहते हैं कि पोर्न बिल्कुल नशे की लत के समान है, जिसमें इसकी थोड़ी मात्रा भी आनंद देती है, जबकि ज्यादा होने पर यह आपको अलग-थलग कर देती है। पोर्न देखने के लिए आप लगातार एकांत तलाशने लगते हैं। इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति खुद को सैल्फ आइसोलेट कर लेता है। आगे चलकर यही अलगाव एंग्जायटी और अवसाद की भावना पैदा कर सकता है। पोर्न एडिक्ट होने का महिला और पुरुषों पर बराबर दुष्प्रभाव पड़ता है।
जर्नल ऑफ विमेन हैल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि जो महिलाएं पोर्न ज्यादा देखती हैं, वे संबंध के दौरान भी अश्लील कंटैंट या पोर्न के बारे में सोचती हैं। जिससे साथी के साथ चरम सुख की कमी हो सकती है। मनोवैज्ञानिक शोधकत्र्ताओं ने यह भी पाया है कि पोर्न आपके मूड को प्रभावित करती है। पोर्न देखने वाले लोग आपको अक्सर शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए और निराश नजर आएंगे।
महिलाओं पर तो पोर्न एडिक्शन की एक रिसर्च में नोट किया गया कि जब वे वास्तव में संबंध बना रही थीं, तब इन की विचार प्रक्रियाओं में एक अश्लील लिपि की सक्रियता थी। पुरुषों में भी इसके कारण संबंध में असमर्थता या सैक्सुअल डिसइंफैक्शन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ये न सिर्फ एडिक्ट को प्रभावित करेंगी, बल्कि आपके पार्टनर को भी नुक्सान पहुंचाएंगी। जब आप किसी के प्रति आकॢषत होते हैं या उसे प्रेम भावना से देखने लगते हैं तो, आप उन्हें पूर्ण रूप से स्वीकार करते हैं। मगर पोर्न देखने की आदत आपको किसी के प्रति आकॢषत होने से रोकती है, क्योंकि आपको उस व्यक्ति में कमियां नजर आने लगती हैं।
कुछ शोध करने वालों का यह भी मानना है कि पोर्न की तरह रियल लाइफ में लोग परफैक्ट नहीं होते, न शारीरिक तौर पर और न ही मानसिक रूप से। इन दुष्प्रभावों के बावजूद साधारण लोग तो क्या हमारे चुने हुए कुछ प्रतिनिधि लोकतंत्र के आस्था स्थलों पर पोर्न का अभूतपूर्व और पूर्ण लुत्फ लेने से नहीं चूकते? कहना न होगा जिन पर नाज है हमको, वोह कहां है, कहां है ......? -डा. वरिन्द्र भाटिया