पंजाब, पंजाबियत व सिख धर्म से प्रेम करते हैं प्रधानमंत्री मोदी

Sunday, Jan 09, 2022 - 06:21 AM (IST)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ऐसी शख्सियत हैं जो सिर पर दस्तार सजाने, सिख कौम की मदद करने, पंजाब के मसले हल करने और पंजाब तथा पंजाबियत को प्यार करने में गर्व महसूस करते हैं। वह खुद भी सिखी के साथ गहरे प्रेम तथा गुरु चरणों के प्रति अथाह श्रद्धा में ओत-प्रोत हैं। यह शायद पहली बार हो कि भारत के किसी प्रधानमंत्री को सिख संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा ‘कौमी सेवा अवार्ड’ सम्मान से नवाजा गया हो। 9 नवम्बर 2019 को इस कौमी सेवा अवार्ड का दस्तावेज ही यह गवाही भरता है कि मोदी साहब ने सिख कौम की क्या सेवा की। 

‘‘सच्चे पातशाह सतगुरु नानक देव जी महाराज के 550वें प्रकाशोत्सव के पावन अवसर पर सिख कौम पर अकाल-पुरख तथा महान गुरु साहिबान की महान बख्शीश हुई है कि इस ऐतिहासिक अवसर पर सिख कौम से बिछोड़े गए पावन गुरुधामों के खुले दर्शन-दीदार के लिए विश्व के कोने-कोने में समूह संगतों द्वारा दशकों से नित्तनेम की जाती अरदास अकाल पुरख की दरगाह में कबूल हो रही है। इसके परिणामस्वरूप पहले कदम के रूप में डेरा बाबा नानक साहब तथा करतारपुर साहिब (पाकिस्तान) में स्थित गुरु नानक पातशाह के जीवन से संबंधित गुरुधामों को आपस में जोडऩे वाला गलियारा संगतों के लिए खोल दिया गया है। 

सतगुरु सच्चे पातशाह जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर सिख संगतों को इससे बड़ी रब्बी दात और क्या मिल सकती थी कि देश का कोई मुखिया मसीहा बनकर सिख जगत की इस कामना की पूर्ति के लिए राजनीतिक, प्रशासनिक तथा कूटनीतिक दिलेरी का प्रदर्शन करे। यह गुरु की मेहर के सदके ही हो सकता है कि आस्था, विश्वास तथा मानवता के लिए प्रेम वाले इस गलियारे को खुलवाने की खुशी की बख्शीश किसी ऐसे प्राणी को ही नसीब हो जो खुद को भी सिखी से गहरे प्रेम तथा गुरु चरणों के प्रति अथाह श्रद्धा में ओत-प्रोत हो। 

इसकी श्रद्धा की मिसाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुरु महाराज के 550वें प्रकाशोत्सव को मनाने में डाले जा रहे बेमिसाल योगदान, श्री करतारपुर साहिब गलियारे को शुरू करने तथा गुरु साहिब की प्रारंभिक कर्म भूमि सुल्तानपुर लोधी को अत्याधुनिक स्मार्ट सिटी बनाने सहित सिख कौम से संबंधित लम्बे समय से लटकते दुखदायी मसलों को हल करने के लिए उठाए गए अनेक कदमों से मिलती है। समस्त सिख जगत की यह तीव्र इच्छा तथा अरदास रहेगी कि नरेन्द्र मोदी हमेशा सिख कौम के प्यार, सत्कार तथा विश्वास के पात्र बने रहें। गत समय के दौरान करतारपुर साहिब के लिए गलियारे की राह में उन शक्तियों द्वारा ही अदृश्य रुकावटें खड़ी की जा रही थीं जोकि ऊपरी लोक दिखावे के लिए इस गलियारे के अधिकार की बात करते आए हैं। 

मगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव तथा कई अन्य असुखद पहलुओं को दिलेरी के साथ दर-किनार करके सिख कौम के मनों में अपने पावन गुरुधामों के खुले दर्शन-दीदार की कामना को पूरा करने को प्राथमिकता दी। इस गलियारे को शुरू करके उन्होंने इस महान प्रकाशोत्सव पर सिख कौम को जो दिल खुश करने वाला तोहफा दिया है, उसके लिए समस्त खालसा पंथ उनका कोटि-कोटि धन्यवाद करता है। 

आज देश के प्रधानमंत्री सिख कौम के प्रति स्नेह तथा सत्कार व महान गुरु साहिबान के प्रति अथाह श्रद्धा प्रकट करने के लिए हमारे बीच विराजमान हैं। उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालते ही तुरन्त ठोस फैसले लेकर 1984 में सिख कौम पर हुए महादुखांत तथा शर्मनाक पाप के दोषियों को कानून के शिकंजे में लाकर सजाएं दिलाने पर अमल शुरू कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप राजनीतिक संरक्षण वाले बड़े हत्यारों सहित कई कातिल जेल की सलाखों के पीछे डाले गए तथा कई अन्य कानून की गिरफ्त में आ रहे हैं। इसके अतिरिक्त मोदी सरकार द्वारा हर पीड़ित परिवार, जिनकी गिनती लगभग साढ़े 3 हजार है, को 5-5 लाख रुपए की राहत दी गई है। 

पिछली कुछ सरकारों के दौरान, पंजाब के काले दिनों की आड़ में विदेशों में हजारों प्रवासी सिख लोगों तथा उनके परिवारों को काली सूचियों में शामिल करके उनको परेशान किया जाता था। मोदी साहिब ने उन काली सूचियों को समाप्त करने के हुक्म जारी किए और यह भी निर्णय किया कि जो सिख भाई पंजाब में काले दिनों के दौरान सरकारी जुल्म के कारण बाहरी देशों में बतौर शरणार्थी रह रहे हैं, उनके बच्चों सहित परिवारों को भारत का वीजा जारी किया जाए। 

करतारपुर साहिब गलियारे को शुरू करने के ऐतिहासिक कार्य सहित 2014 से आज तक भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पंथ महाराज के पावन निशान युगों-युग झूलते रखने के लिए की गई ऐतिहासिक तथा आवश्यक पहलकदमियों व कौम के प्रति उनकी  प्रगतिशील व गर्माहट भरी दोस्ताना सोच व भावना तथा सिख कौम की आन-शान तथा सम्मान के लिए उनके द्वारा उठाए गए अन्य बेहद महत्वपूर्ण कदमों के मद्देनजर खालसा पंथ की सिरमौर नुमाइंदा धार्मिक संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को प्रतिष्ठित ‘कौमी सेवा अवार्ड’ से सम्मानित करने में गर्व तथा खुशी महसूस करती है।’’ 

इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री कोई भी वह समय नहीं गंवाते जब वह सिख समाज के साथ खड़े नजर न आएं। श्री दरबार साहिब, अमृतसर के लिए एफ.सी.आर.ए. रजिस्ट्रेशन, टैक्स फ्री लंगर, श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव, श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का प्रचार, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव, श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाशोत्सव, सिख विरासत का सम्मान, जम्मू-कश्मीर में सिखों के अधिकार सुनिश्चित करने आदि प्रशंसनीय निर्णय ले रहे हैं। 

कृषि कानून बेशक किसानों के कल्याण हेतु बनाए गए थे मगर उसकी भावना प्रत्येक व्यक्ति के दिल में न बसा सकने के दुख का प्रकटावा करते हुए उन्होंने 19 नवम्बर 2021 को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर इन कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया और वापस भी लिए। 25 दिसम्बर 2021 को वह गुरुद्वारा श्री लखपत साहिब, गुजरात में एकत्र संगत के साथ वीडियो कांफ्रैंस के माध्यम से जुड़ कर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों छोटे साहिबजादों जोरावर सिंह, तथा फतेह सिंह की बेमिसाल शहादत की चर्चा कर रहे थे। 

5 जनवरी 2022 को भी फिरोजपुर में वह पंजाब, पंजाबियत के विकास के लिए एक बहुत बड़ा ऐलान करने के लिए आए थे। मगर बदकिस्मती से पंजाब राज्य की सुरक्षा प्रणाली ने इस दौरे को नाकामयाब किया जिसे यह बताना बनता है कि नरेन्द्र मोदी के पंजाब, पंजाबियत से प्यार के बीच में अवरोध बनने के पीछे उनका क्या उद्देश्य है।-इकबाल सिंह लालपुरा(चेयरमैन, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग)

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